विविधा राष्ट्र के भीतर एक देश उगने के मायनें March 25, 2016 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment संदर्भ: श्री श्री के आयोजन में सेना का सहयोग अमेरिकी स्वतंत्रता संग्राम के अगुआ, अमेरिका के प्रथम उप राष्ट्रपति और दि्वतीय राष्ट्रपति एडम स्मिथ ने कहा था “ध्यान रहे लोकतंत्र चिरायु नहीं होता,यह शीघ्र चूक जाता है , थक जाता है और ख़ुद को क़त्ल कर लेता है. ऐसा कोई अब तक लोकतंत्र नहीं जिसने ख़ुदकुशी न की […] Read more » Featured use of army in art of living programme श्री श्री के आयोजन सेना का सहयोग
जरूर पढ़ें महत्वपूर्ण लेख विविधा विलियम जोन्स का षड्यंत्र March 25, 2016 / March 25, 2016 by डॉ. मधुसूदन | 11 Comments on विलियम जोन्स का षड्यंत्र डॉ. मधुसूदन सारांश: (१) छद्म संस्कृत धर्म ग्रंथ रचा जाए। (२) इसाइया की वाणी (Gospel) का संस्कृत अनुवाद किया जाए। (३) पर उसकी निराशा:==> रोम के मिशन द्वारा, हिन्दू मतांतरित नहीं होंगे। (४) मनु स्मृति में प्रक्षेपित अंश डालना। (५) ग्रंथों को भारत से बाहर भिजवाना (चोरी?) (एक) धर्म को नष्ट, और इतिहास को विकृत […] Read more » Featured भारत की पाण्डुलिपियाँ कैसे चोरी गयी भारत की बौद्धिक संपदा चुराने का षड्यंत्र? मनुस्मृति में बदलाव किए गए रॉयल एशियाटिक सोसायटी का षड्यंत्र विलियम जोन्स संस्कृत की पाण्डु लिपियाँ
विविधा बसंती चोला के दीवाने : भगत-सुखदेव-राजगुरु March 24, 2016 by लखेश्वर चंद्रवंशी | 2 Comments on बसंती चोला के दीवाने : भगत-सुखदेव-राजगुरु (23 मार्च, बलिदान दिवस पर विशेष) ‘एक जीवन और एक ध्येय’ वाले तीन मित्र भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु, इन तीनों की मित्रता क्रांति के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है। बसंती चोला के इन दीवानों की ऐसी मित्रता थी जो जीवन के अंतिम क्षण तक साथ थी और बलिदान के बाद भी एक साथ उनका स्मरण किया जाता है। […] Read more » Featured बसंती चोला के दीवाने भगत राजगुरु सुखदे
विविधा अपने रक्त से लिख दी थी जिन्होंने परिभाषा देशभक्ति की March 23, 2016 / March 24, 2016 by नरेश भारतीय | Leave a Comment नरेश भारतीय आज गर्व और श्रद्धा के साथ भारत माता के उन तीन वीरों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के स्मरण का दिन है, जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए हँसते हँसते अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. ८५ वर्ष पूर्व २३ मार्च १९३१ की संध्या की कल्पना करें जब लाहौर की जेल में […] Read more » Featured shahid bhagat singh अपने रक्त से लिख दी थी जिन्होंने परिभाषा देशभक्ति की देशभक्ति की परिभाषा
विविधा होली ने भरा विधवाओं के जीवन में रंग March 23, 2016 by उमेश चतुर्वेदी | Leave a Comment वृंदावन का गोपीनाथ मंदिर इक्कीस मार्च को नई परंपरा का गवाह बना…सदियों से जिंदगी के रंगों से दूर रही विधवाओं की जिंदगी तब रंगीन हो उठी…जब करीब पंद्रह कुंतल गुलाब की पंखुरियों और बारह कुंतल गुलाल मंदिर के सुविस्तारित प्रांगण में उड़ने-बिखरने लगे। सिर्फ सफेद साड़ी में लिपटी रहने वाली हजारों विधवाओं ने जमकर गुलाल […] Read more » Featured होली
विविधा यम-यमी का वैदिक स्वरूप March 22, 2016 / March 22, 2016 by शिवदेव आर्य | 2 Comments on यम-यमी का वैदिक स्वरूप शिवदेव आर्य प्रत्येक मनुष्य समाज को एक नई दिशा व दशा देने की पूर्णरूपेण योग्यता रखता है।अब दिशा व दशा कैसे हो, यह दिशा व दशा दिखाने वाले पर आश्रित है, वह अपने ज्ञान के आलोक से मार्गप्रशस्त करता है अथवा ज्ञान के आलोक के अभाव में सत्य मार्ग से हटा कर असत्य मार्ग […] Read more » Featured यम-यमी यम-यमी का वैदिक स्वरूप
विविधा वर्तमान शिक्षा नीति में बदलाव आवश्यक March 22, 2016 / March 22, 2016 by सुरेश हिन्दुस्थानी | 2 Comments on वर्तमान शिक्षा नीति में बदलाव आवश्यक सुरेश हिंदुस्थानी वर्तमान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का जो चित्र और चरित्र दिखाई दे रहा है, उसमें निश्चित रूप से देश में प्रदान की जा रही शिक्षा का बहुत बढ़ा योगदान है। देश में अभी जो शिक्षा प्रदान की जा रही है, वह मानकों के हिसाब से भारतीय नीति के अनुरूप नहीं कही जा सकती। […] Read more » Featured अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता वर्तमान शिक्षा नीति शिक्षा नीति में बदलाव
विविधा श्रीकृष्ण की दीवानी मीरा March 20, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment मृत्युंजय दीक्षित मोरे तो गिरधर गोपाल दूसरों न कोय जैसे भजनों से कृष्णभक्तों को सराबोर कर देने वालेी महान कवयित्री व कृष्णभक्त मीराबाई का जन्म राजस्थान में संवत् 1504 यानही 23 मार्च 1498 को को जोधपुर के कुरकी गांव में राव रतनसिंह के घर हुआ था। हिंदी में रसपूर्ण भजनों को जन्म देने का श्रेय […] Read more » great disciple of shri krishna Meera मीरा श्रीकृष्ण की दीवानी
कला-संस्कृति विविधा रंगों और मस्ती का महापर्व – होली March 20, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment भारतीय संस्कृति में होली के पर्व का अद्वितीय स्थान है। यह पर्व उमंग, उल्लास, उत्साह और जोश तथा मस्ती का पर्व है। होली का पर्व देश व समाज में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने वाला पर्व है। होली का पर्व जलवायु परिवर्तन का भी संकेत देता है । होली का पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार […] Read more » Featured festival of colours Holi रंगों और मस्ती का महापर्व होली
विविधा खेलेंगे हम होली March 20, 2016 by अनुज अग्रवाल | 2 Comments on खेलेंगे हम होली फिर से एक सांप्रदायिक त्यौहार मुँह बाये खड़ा है | समस्या ये है की इस बार पर्यावरण को क्या नुकसान होने वाला है … शायद पानी का | मीडिया आपको लगातार सूखे की तस्वीरे दिखायेगा | बताएगा कि महाराष्ट्र में किसान पानी की वजह से सुसाइड कर रहे हैं | हमको पानी बचाना है | […] Read more » होली
विविधा प्रदूषित आबोहवा से गौरेया के अस्तित्व पर संकट March 19, 2016 / March 19, 2016 by शाहिद नकवी | Leave a Comment सूरज का उजास फैलने की खबर देने और शाम को अंधियारे के दस्तक देने तक इंसानों के साथ रहने वाली गौरेया लगता है रूठ गयी है।आज कहां चली जा रही हैं ये गौरैया? हमारे आंगन, घरेलू बगीचे, रोशनदान, खपरैलों के कोनों को अचानक छोड़ क्यों रही हैं गौरैया? ऐसा क्या हो गया है हमारे चारों […] Read more » Featured गौरेया
विविधा गौरैया की चहक और फुदक की हिफाजत जरूरी March 19, 2016 / March 19, 2016 by एम. अफसर खां सागर | Leave a Comment एम. अफसर खां सागर अभी कुछ साल पहले ही अम्मी जब सुबह के वक्त सूप में चावल को पछोरती और बनाती थीं तब छोटी-छोटी चिडि़या झुण्ड में चावल के छोटे टुकड़ों जिसे गांव में खुद्दी के नाम से जाना जाता है उसे खाने के लिए नुमाया हो जाती थीं। फुदक-फुदक कर हल्के कोलाहल के साथ […] Read more » conservation of sparrows are must Featured गौरैया गौरैया की चहक गौरैया की फुदक गौरैया की हिफाजत जरूरी