विविधा आधार कार्ड हुआ निराधार September 30, 2013 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव आखिरकार केंद्र सरकार के हलफनामे और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले ने आधार कार्ड निराधार घोषित कर दिया। अब आधार कार्ड बनेंगे तो सही लेकिन इनकी अहमियत अनिवार्यता के बजाय वैकिलपक ही रहेगी। हालांकि संसद की स्थायी समिति ने भी इस पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए इसके निर्माण […] Read more » आधार कार्ड हुआ निराधार
जन-जागरण विविधा ज्ञान महाशक्ति कब बनेगा भारत? September 30, 2013 / September 30, 2013 by कुन्दन पाण्डेय | 3 Comments on ज्ञान महाशक्ति कब बनेगा भारत? कुन्दन पाण्डेय सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर का सबसे महत्वपूर्ण अंग शिक्षा है। भारत में शिक्षा विदेशों से बहुत बेहतर स्थिति में नालंदा विश्वविद्यालय के जीवित रहने तक थी। भारत आर्थिक महाशक्ति बन चुका है। सैन्य महाशक्ति बनने की ओर तेजी से अग्रसर है, लेकिन भारत ज्ञान महाशक्ति कब बनेगा? इसे केंद्र सरकार नहीं बता पा रही है। […] Read more » ज्ञान महाशक्ति कब बनेगा भारत?
विविधा जादू की छड़ी नहीं है विशेष राज्य का दर्जा September 17, 2013 / September 17, 2013 by देवेन्द्र कुमार | Leave a Comment देवेन्द्र कुमार एक लम्बा संघर्ष, अनगिनत कुर्बानियां और जनान्दोलन की कोख से उपजा झारखंड अपने जन्म के साथ ही राजनीतिक अस्थिरता का शिकार हो गया । छोटे छोटे दल और निर्दलियों की केन्द्रीय भूमिका हमेशा बनी रही । सच कहा जाय तो वे किंग मेकर की भूमिका में बने रहें । मंत्री – मुख्यमंत्री पद […] Read more »
विविधा दिल्ली विधानसभा चुनाव : यह आम आदमी पार्टी की अग्नि परीक्षा है September 14, 2013 / September 14, 2013 by डॉ. मनीष कुमार | 4 Comments on दिल्ली विधानसभा चुनाव : यह आम आदमी पार्टी की अग्नि परीक्षा है काजल की काली कोठरी के बाहर रह कर खुद को बेदाग कहना आसान है, लेकिन काजल की काली कोठरी के अंदर रह कर खुद को बेदाग रखना ही असली परीक्षा है. आम आदमी पार्टी राजनीति की काली कोठरी से अब तक बाहर है. अभी अंदर गई भी नहीं है, लेकिन इसके अंदाज बदलने लगे हैं. […] Read more » दिल्ली विधानसभा चुनाव
विविधा क्यों न खाएं पेट भर रोटी ? September 14, 2013 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भ:- कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का नया नारा- प्रमोद भार्गव चुनावी दौर में नए नारे बनते रहे हैं। किसी नए नारे के वजूद में आने के बाद उसी सांकेतिक अर्थ के पुराने नारे का लोप हो जाता है। राजस्थान के सलूम्बर ;उदसपुर में कांग्रेस के संपन्न आदिवासी-किसान सम्मेलन में बदलते नारे का नजारा देखने में […] Read more » क्यों न खाएं पेट भर रोटी ?
विविधा हिंदी दिवस हिन्दी दिवस नही ‘संस्कृति दिवस’ September 14, 2013 / September 14, 2013 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment हिंदी दिवस एक बार पुन: आ गया है। हर वर्ष हम 14 सितंबर को ‘हिंदी दिवस’ के रूप में मनाते हैं। हिंदी हमारी राजभाषा है, लेकिन राष्ट्रभाषा नही बन पायी है। स्वतंत्रता के बीते 66 वर्षों की यह दुखद उपलब्धि है कि हम आज तक हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा नही बना पाए, यद्यपि भारतवर्ष […] Read more » हिन्दी दिवस नही 'संस्कृति दिवस’
विविधा अंग्रेजी बनाम हिन्दी ‘गुलामी की हद नहीं तो और क्या है?’ September 13, 2013 by विकास कुमार गुप्ता | 3 Comments on अंग्रेजी बनाम हिन्दी ‘गुलामी की हद नहीं तो और क्या है?’ गांधीजी ने हिन्द स्वराज में कहा था- ‘हिन्दुस्तान की आम भाषा अंग्रेजी नहीं, बल्कि हिन्दी है। वह आपको सीखनी होगी और हम तो आपके साथ अपनी भाषा में ही व्यवहार करेंगे।‘ उन्होंने अपने बैरिस्टर होते हुए अंग्रेजी भाषा में बहस करने पर भी कटाक्ष किया था, ‘यह क्या कम जुल्म की बात है कि अपने […] Read more » अंग्रेजी बनाम हिन्दी अंग्रेजी बनाम हिन्दी ‘गुलामी की हद
विविधा भारत में दिशाविहीन शिक्षा प्रणाली: बुनियादी बदलाव की दरकार September 12, 2013 / September 12, 2013 by डॉ. संजय वर्मा | 1 Comment on भारत में दिशाविहीन शिक्षा प्रणाली: बुनियादी बदलाव की दरकार भाग-1 डॉ. संजय वर्मा भारत में शिक्षा प्रणाली की गौरवशाली परंपरा रही है। प्राचीन काल में भारत का अपने शिक्षा केन्द्रों के कारण पूरे विश्व में विशिष्ट स्थान था। नालंदा और तक्षशिला विश्व प्रसिद्ध शिक्षा केन्द्र थे जहाँ विश्व के कोने-कोने से लोग शिक्षा ग्रहण करने आते थे। प्राचीन काल में भारतीय शिक्षा पद्धति का […] Read more » शिक्षा प्रणाली
विविधा शिक्षा की अवधारणा ने बदला शिक्षक का महत्व September 4, 2013 / September 4, 2013 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on शिक्षा की अवधारणा ने बदला शिक्षक का महत्व साध्वी चिदर्पिता 5 सितम्बर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की परंपरा बहुत पुरानी है। शिक्षक कौन होता है और उसका हमारे जीवन में क्या महत्त्व है? इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए पहले यह जानना आवश्यक है कि शिक्षा क्या है? आज माता-पिता बच्चे के पैदा […] Read more » Teachers Day शिक्षक का महत्व
विविधा दशा और सम्भावनाएं-बाल साहित्य की September 4, 2013 / September 4, 2013 by डा.राज सक्सेना | 1 Comment on दशा और सम्भावनाएं-बाल साहित्य की डा.राज सक्सेना डा.राज सक्सेना बाल साहित्य लेखन कोई बच्चों का खेल नहीं है | व्यापक क्षेत्र के बावजूद सीमित सीमाओं ने इसे कठिन बना दिया है | इसे हम इस तरह भी कह सकते हैं कि बच्चों के लिये लिखने की कला लगभग ऐसी ही है जैसे बच्चों को पाल पोस कर बड़ा करना कितना […] Read more » बाल साहित्य
विविधा गिरफ्तारी के बाद के सवाल September 2, 2013 / September 2, 2013 by अरविंद जयतिलक | Leave a Comment अरविंद जयतिलक प्रतिबंधित आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन (आर्इएम) का सह-संस्थापक यासीन भटकल और आर्इएम के एक अन्य आतंकी असदुल्ला अख्तर की गिरफ्तारी भारतीय सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों के लिए बड़ी कामयाबी है। एक अरसे से सुरक्षा एजेंसियां यासीन भटकल को गिरफ्तार करने की कोशिश में जुटी थी। लेकिन वह हर बार चकमा देने में सफल […] Read more » गिरफ्तारी के बाद के सवाल
राजनीति विविधा प्रधानमंत्री का बेअसर बयान.. September 2, 2013 by अरुण कान्त शुक्ला | Leave a Comment सरकार रोजगार सृजन को अर्थव्यवस्था की मुख्य चालक शक्ति बनाए.. जिन्होंने भी शुक्रवार लोकसभा में दिया गया प्रधानमंत्री का देश की वर्तमान आर्थिक हालातों पर बयान सुना, वे निश्चित रूप से निराश ही हुए। ऐसा नहीं है की उन्होंने कुछ भी ऐसा न कहा हो, जो आज की परिस्थितियों की मांग न हो। उनका […] Read more » प्रधानमंत्री का बेअसर बयान