विविधा विकास के नाम पर गरीब आदिवासियों का शोषण बंद होना चाहिए September 21, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment अमरेन्द्र सुमन मल्टी ब्रांड रिटेल में 51 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के केंद्र सरकार के फैसले पर स्वागत और आलोचनाओं का जबरदस्त दौर जारी है। इससे अर्थव्यवस्था को कितनी मजबूती मिलेगी जैसा कि इसके पक्ष में दावा किया जा रहा है और आम व्यापारियों को इससे कितना नुकसान होगा जैसा कि इसका विरोध करने वाले […] Read more »
विविधा नोट्स आधारित पढ़ाई के खतरे / सारदा बनर्जी September 21, 2012 by सारदा बनर्जी | 3 Comments on नोट्स आधारित पढ़ाई के खतरे / सारदा बनर्जी आज भारत में उच्च-शिक्षा के क्षेत्र में युवा-वर्ग में स्वायत्त पढ़ाई की अपेक्षा ‘नोट्स’ आधारित पढ़ाई बेहद प्रचलन में है। कॉलेज और विश्वविद्यालय से जुड़े विद्यार्थी मूलतः पाठ्यक्रम के अनुसार पढ़ने के अभ्यस्त हैं। पाठ्यक्रम के बाहर के विषयों में उनकी रुचि कम है।वे पाठ्यक्रम को ही पढ़ाई मानकर चलते हैं।साथ ही ये विद्यार्थी यह […] Read more »
विविधा हिन्दी के 12 कटु सत्य September 19, 2012 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 2 Comments on हिन्दी के 12 कटु सत्य जगदीश्वर चतुर्वेदी 1.हिन्दीभाषी अभिजन की हिन्दी से दूरी बढ़ी है । 2.राजभाषा हिन्दी के नाम पर केन्द्र सरकार करोड़ों रूपये खर्च करती है लेकिन उसका भाषायी, सांस्कृतिक,अकादमिक और प्रशासनिक रिटर्न बहुत कम है। 3.इस दिन केन्द्र सरकार के ऑफिसों में मेले-ठेले होते हैं और उनमें यह देखा जाता है कि कर्मचारियों ने साल में कितनी […] Read more » हिंदी
विविधा ऑडीटर, पत्रकार, स्टैनोग्राफर और कोलगेट मीडिया कवरेज September 19, 2012 / September 19, 2012 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on ऑडीटर, पत्रकार, स्टैनोग्राफर और कोलगेट मीडिया कवरेज जगदीश्वर चतुर्वेदी कोलगेट कांड पर मीडिया लबालब भरा है।कोई भी अखबार उठाओ या चैनल देखो चारों ओर कोलगेट की वर्षा हो रही है। इस तरह की समाचार वर्षा हाल-फिलहाल के दिनों में किसी भी खबर की नहीं देखी गयी। कोलगेट कांड में सच क्या है यह सब लोग जानते हैं। इसमें धांधली हुई है। यह […] Read more » कोयला घोटाला
विविधा योजनाओं की घोषणा नहीं क्रियान्वयन चाहिए September 18, 2012 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment राम कुमार आजादी के बाद से अबतक देश में कितनी योजनाएं बनी हैं इसका हिसाब-किताब रखना बहुत मुश्किल है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, मनरेगा, स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना, इंदिरा आवास योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना मिड डे मील, विकलांग पेंशन योजना, वृद्धावस्था पेंशन योजना, विधवा पेंशन योजना, फसल बीमा योजना, […] Read more »
विविधा शैक्षिक परिदृश्य में विस्थापित होती हिन्दी September 16, 2012 / September 17, 2012 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में हिन्दी अनेक विरोधाभासी स्थितियों से जूझ रही है। एक तरफ उसने अपनी ग्राह्यता तथा तकनीकी श्रेष्ठता सिद्ध करके वैश्विक विस्तार पाया है और वह दुनिया भर में सबसे ज्यादा लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषा बन गर्इ है। इसीलिए यह जनसंपर्क और बाजार की उपयोगी भाषा बनी हुर्इ है। […] Read more » विस्थापित होती हिन्दी
विविधा अपनों के विरूद्ध September 16, 2012 / September 15, 2012 by हिमकर श्याम | Leave a Comment हिमकर श्याम अपनों के विरूद्ध हो रही है लामबंदी बारूदी गंध घुल रही फिजाओं में अवसाद भरा कोरस गूंज रहा हवाओं में हो रही है हदबंदी फिर दिलों के बीच अपनों के विरुद्ध ले कर हथियार सब हैं तैयार सड़कों पर, चौराहों पर पिस रही हजारों मासूम जिंदगियां झुलस रही संवेदनाएं बह रहे […] Read more » poem by himkar shyam अपनों के विरूद्ध
विविधा अपराधी कौन ?मैकाले या हम ? September 16, 2012 / September 15, 2012 by डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री | 6 Comments on अपराधी कौन ?मैकाले या हम ? डा. रवीन्द्र अग्निहोत्री अपनी वर्तमान शिक्षा की जिन बातों को लेकर समाज में असंतोष है उनमें से एक है ” शिक्षा का माध्यम “. अंग्रेजी का शिक्षा के माध्यम के रूप में अधिकृत और व्यवस्थित प्रयोग तो लार्ड मैकाले के उस विवरण पत्र ( 1835 ) का परिणाम था जो उसने ब्रिटेन की संसद के […] Read more » status of hindi
विविधा हिन्दू महाकाव्य और सत्यान्वेषी-1 September 15, 2012 / September 15, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on हिन्दू महाकाव्य और सत्यान्वेषी-1 ऐसे हुआ ह्रदय परिवर्तन हो.वे. शेषाद्रि कुछ साल पहले श्री सुनील मुखर्जी नामक सज्जन कलकत्ता के निकट बेरहामपुर में मुझसे मिलने आए थे। उनके एक निकट के रिश्तेदार श्री दिलीप दा, जो हमारे स्वयंसेवक थे, उन्हें लेकर आए थे। श्री मुखर्जी की पृष्ठभूमि दिलीप दा मुझे पहले ही बता चुके थे। वे बंगाल में नक्सलवादी […] Read more » नक्सलवाद रामायण
विविधा हम स्वयं ही तो कर रहे हैं हिंदी की हिंदी September 15, 2012 / September 15, 2012 by तेजवानी गिरधर | 4 Comments on हम स्वयं ही तो कर रहे हैं हिंदी की हिंदी तेजवानी गिरधर शीर्षक पढ़ कर ही आप समझ गए होंगे कि हमने हिंदी भाषा की हालत क्या कर दी है। शीर्षक में दूसरी बार आया हिंदी शब्द उपमेय है, जिसे आजकल बोलचाल की भाषा में किसी का अपमान करने के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा है। जिस संदर्भ में दूसरी बार आए हिंदी शब्द को […] Read more » status of hindi
विविधा विकास का संदर्भ और स्वरूप September 15, 2012 / September 15, 2012 by के. एन. गोविंदाचार्य | Leave a Comment के एन गोविंदाचार्य भारतीय संदर्भ में विकास के साथ कुछ बुनियादी शर्त जुड़ी हैं। यहां वास्तविक विकास कार्य उसी को कहा जा सकता है जिसमें अंतिम व्यक्ति का हित सर्वोपरि रहे। जबकि आज हो रहा है इसके ठीक उलटा। आज जो नीतियां बनाई जा रही हैं, उनमें आम आदमी की बजाए पूंजीपतियों एवं प्रभावशाली समूहों […] Read more » विकास
विविधा हिन्दी दिवस पर विशेष:कटघरे में हिन्दी…. September 15, 2012 / September 15, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment लखेश्वर चंद्रवन्शी ‘लखेश’ यॉर ऑनर ! ये जो व्यक्ति मेरे सामने कटघरे में खड़ा है। पांच वर्षों से मेरे पीछे पड़ा है। जहाँ भी जाता हूँ, मेरे पीछे लग जाता है। बार-बार, एक ही बात दोहराता है। हिन्दी बोलना सीख जा… नमस्ते बोलना सीख जा… इसकी हरकतों से हम अपना सिर पीट रहे हैं। हम […] Read more » hindi day special