विविधा संघ दर्शन की तरह है सुदर्शन जी का व्यक्तित्व September 15, 2012 by प्रवीण दुबे | 1 Comment on संघ दर्शन की तरह है सुदर्शन जी का व्यक्तित्व प्रवीण दुबे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को अगर समझना है तो पूर्व सरसंघचालक श्री कुप्प. सी. सुदर्शन के व्यक्तित्व और कृतित्व का अध्ययन कीजिए, उनके जीवन में वह सारी बातें निहित हैं जो संघ में हैं। कई बार संघ पर तरह-तरह के आरोप लगते रहते हैं। कोई संघ को सांप्रदायिक कहता है तो कोई कट्टरवादी कोई […] Read more » कुप्प्.सी.सुदर्शन
विविधा कुप्प्. सी. सुदर्शन : एक सच्चे राष्ट्रिय नेता September 15, 2012 by डॉ. धनाकर ठाकुर | Leave a Comment नेपाल से एक मैथिली भक्त प्रवीण कुमार चौधरी के फेसबुक पर दी गयी श्रद्धांजलि “Deep Condolance! “मैथिलिके अष्टम अनुसूचीमे नाम दियौनिहार के सी सुदर्शन अमर छथि. हिनक पुण्यआत्माके इस्वर चिर शांति प्रदान करैथ,” से मैं जान पाया कि सुदर्शनजी अब नहीं रहे और उनकी अनेक स्मृतियाँ माथे में कौंध गयी। कुछ दिन पूर्व उनके मैसूर से […] Read more » कुप्प्.सी.सुदर्शन
विविधा नवीन सोच के धनी : श्री कुप्.सी. सुदर्शन September 15, 2012 by विजय कुमार | 1 Comment on नवीन सोच के धनी : श्री कुप्.सी. सुदर्शन विजय कुमार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पांचवें सरसंघचालक श्री कुप्.सी. सुदर्शन मूलतः तमिलनाडु और कर्नाटक की सीमा पर बसे कुप्पहल्ली (मैसूर) ग्राम के निवासी थे। कन्नड़ परम्परा में सबसे पहले गांव, फिर पिता और फिर अपना नाम बोलते हैं। उनके पिता श्री सीतारामैया वन-विभाग की नौकरी के कारण अधिकांश समय मध्यप्रदेश में ही रहे और […] Read more »
विविधा सुदर्शन जी का होना, जाना और बार-बार आना September 15, 2012 by अनिल सौमित्र | 5 Comments on सुदर्शन जी का होना, जाना और बार-बार आना अनिल सौमित्र 81 वर्ष की उम्र में भी बच्चों के बीच बाल-सुलभ व्यवहार। सुबह और सायं काल दोनों वक्त शाखा जाने का स्वयं का आग्रह। किसी भी बीमारी के लिये आयुर्वेद, योग और भारतीय पद्धति से इलाज का आग्रह। दवाई कम परहेज ज्यादा। देश-समाज की उन्नति के लिये देशज और परंपरागत उपायों का आग्रह। यह […] Read more » कुप्प्.सी.सुदर्शन
विविधा कमज़ोर नहीं है हिन्दी September 15, 2012 / September 15, 2012 by राघवेन्द्र कुमार 'राघव' | 1 Comment on कमज़ोर नहीं है हिन्दी राघवेन्द्र कुमार ”राघव” हर बार की तरह इस बार भी १४ सितम्बर हिन्दी की याद दिला गया | हिन्दी का विकास हो रहा है , प्रचार – प्रसार में बड़ी -बड़ी बातें कहते हुए नीति नियन्ता, सब कितना अच्छा लगता है | मन को भी यह जानकर सांत्वना मिल जाती है कि वर्ष में एक […] Read more » hindi
विविधा हिंदी का सफ़र: अर्श से फर्श तक …. September 14, 2012 / September 14, 2012 by प्रशांत राय | 1 Comment on हिंदी का सफ़र: अर्श से फर्श तक …. प्रशांत राय हिंदी हमारी राज भाषा होने के साथ साथ विश्व की चौथी सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा है | यह विश्व के लगभग ३० करोड़ (४.४६ %) लोगो द्वारा बोली जाती है; जिसके ऊपर सिर्फ मंदारिन (१४.१ %), स्पेनिश (५.८ %) और अंग्रेजी (५.५२ %) भाषा ही आती हैं | इसकी प्रसारता भारत के […] Read more » हिंदी
विविधा हिन्दी के ह्रास का सबब बनी ‘हिंग्लिश’ September 14, 2012 / September 14, 2012 by राजेश कश्यप | 5 Comments on हिन्दी के ह्रास का सबब बनी ‘हिंग्लिश’ राजेश कश्यप 14 सितम्बर/राष्ट्रीय हिन्दी दिवस विशेष आजकल राष्ट्रभाषा हिन्दी बेहद नाजुक दौर से गुजर रही है। वैश्विक पटल पर अपनी प्रतिष्ठा को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए विभिन्न चुनौतियों से जूझ रही हिन्दी के समक्ष भारी धर्मसंकट खड़ा हो चुका है। इस धर्मसंकट का सहज अहसास भारत सरकार के गृह मंत्रालय और राजभाषा विभाग […] Read more » हिंग्लिश
विविधा व्यंग्य बाण: हिन्दी ओढ़ें, देवनागरी बिछाएं September 11, 2012 by विजय कुमार | Leave a Comment विजय कुमार पिछले दिनों किसी काम से शर्मा जी के घर गया, तो उनकी मेज पर चिट्ठियों और निमन्त्रण पत्रों का ढेर लगा था। उन्होंने मेरी ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया और पत्रों से उलझे रहे। – क्या बात है शर्मा जी, बड़े व्यस्त लग रहे हैं ? – हां भई, 14 सितम्बर आ […] Read more » हिंदी दिवस
विविधा फेसबुकः मित्र-संवाद की शैली September 11, 2012 / September 12, 2012 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 2 Comments on फेसबुकः मित्र-संवाद की शैली जगदीश्वर चतुर्वेदी फेसबुक निर्भीक कम्युनिकेशन है। निर्भीक कम्युनिकेशन को असभ्यता और मेनीपुलेशन का इससे बैर है। निर्भीक फेसबुक कम्युनिकेशन मित्रता की मांग करता है। बराबरी,समानता की मांग करता है। इसके लिए जरूरी है आप पूर्वाग्रह से मुक्त होकर बात करें। जो लोग पूर्वाग्रह रखकर फेसबुक में बातें करते हैं वे ही रोते हैं, रूठते,गुस्सा करते […] Read more » फेसबुक
विविधा फेसबुक और अभिव्यक्ति की लक्ष्मणरेखा September 11, 2012 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on फेसबुक और अभिव्यक्ति की लक्ष्मणरेखा जगदीश्वर चतुर्वेदी फेसबुक पर अमर्यादित,गाली गलौज, पर्सनल कमेंटस (छींटाकशी) आदि को तुरंत हटा दें साथ ही सार्वजनिक तौर पर सावधान करें। न माने तो ब्लॉक कर दें। ———————————————————————– फेसबुक पर स्वीकृति या साख बनाने के लिए जरूरी है कि नियमित लिखें और सारवान और सामयिक लिखें।प्रतिदिन किसी भी मसले को उठाएं तो उससे जुड़े विभिन्न […] Read more » फेसबुक
विधि-कानून विविधा कसाब की फांसी और सरकार की नीतियां September 10, 2012 / September 9, 2012 by राकेश कुमार आर्य | 2 Comments on कसाब की फांसी और सरकार की नीतियां राकेश कुमार आर्य भारत की एकता और अखण्डता को मिटाने के लिए तथा यहां की आंतरिक शांति में विघ्न डालने की नीयत से 26 नवंबर 2008 को पड़ोसी देश पाकिस्तान ने भारत की आर्थिक राजधानी के रूप में प्रतिष्ठित मुंबई पर आतंकी हमला कराया था। इस हमले में पाकिस्तानी आतंकी मोहम्मद अजमल कसाब और कुछ […] Read more » hanging of Kasab कसाब की फांसी
आर्थिकी विविधा क्या मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद की गरिमा जानते हैं? September 9, 2012 / September 9, 2012 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on क्या मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद की गरिमा जानते हैं? भारत में वाटरगेट बनने जा रहा कोलगेट घोटाला इस समय सुर्खियों में है। संसद में भाजपा ने इस घोटाले को लेकर सरकार को बीते मानसून सत्र में मजबूती से घेरा है और पीएम मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग की है। पीएम से इस्तीफा मांगने की जिद इस बार चाहे भाजपा ने और उसकी कुछ […] Read more » coal scam कोलगेट घोटाला प्रधानमंत्री पद की गरिमा वाटरगेट