विविधा आतंक की टीआरपी और लाइव टीवी का स्रोत August 7, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 3 Comments on आतंक की टीआरपी और लाइव टीवी का स्रोत -जगदीश्वर चतुर्वेदी टेलीविजन में आतंक की खबरों का सबसे ज्यादा उपभोग अमीरों में नहीं होता। अभिजन में नहीं होता। टीवी कवरेज के बारे में यह मिथ है कि टीआरपी बढ़ाने के लिहाज से लाइव कवरेज का इस्तेमाल किया गया। यह संभव है टीआरपी बढ़े और यह भी संभव है टीआरपी घटे। किंतु यह निर्णय तुरंत […] Read more » TRP आतंकवाद टीआरपी
विविधा इसे कहते हैं मति फिरना August 6, 2010 / December 22, 2011 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | 1 Comment on इसे कहते हैं मति फिरना -लोकेन्द्र सिंह राजपूत लगता है सरकार और सरकार के लोग पगलाय गए हैं? हमने कई बार अपने से बड़ी उम्र या हमउम्र लोगों से सुना होगा कि तेरी मति फिर गई है क्या? जो इस तरह का काम कर रहा है। दूसरा वाक्य बदल भी सकता है। जैसे तेरी मति फिर गई है क्या? जो […] Read more » Bias मति
विविधा अंधेरे में उजाले की दस्तक August 3, 2010 / December 22, 2011 by सतीश सिंह | 1 Comment on अंधेरे में उजाले की दस्तक -सतीश सिंह ‘कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता है, जरा तबियत से पत्थर तो उछालो यारों’। इस कथन को सच कर दिखाया है बिहार के सारण जिला में चल रहे सारण रिन्यूबल एनर्जी प्राईवेट लिमिटेड (कंपनी) के चार प्रमोटरों ने। योगेन्द्र प्रसाद, जर्नादन प्रसाद, रमेश कुमार और विवेक गुप्ता ने सन् 2006 […] Read more » Dark अंधेरे
विविधा प्रायोजित विमर्श के खतरे और बहुलतावाद August 3, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on प्रायोजित विमर्श के खतरे और बहुलतावाद -जगदीश्वर चतुर्वेदी उत्तर-आधुनिक स्थिति में बहुसांस्कृतिकवाद की धारणा हठात् चर्चा के केन्द्र में आ गई है। इस धारणा का बौद्धिकों के द्वारा विमर्श के लिए बढ़ता आकर्षण इस बात का संकेत है कि इसके पीछे मंशाएं कुछ और हैं। ये लोग फैशनेबुल वस्त्रों की तरह धारणाएं बदल रहे हैं, धारणाओं के प्रति मनमाना व्यवहार कर […] Read more » Dangers विमर्श के खतरे
विविधा भू-संपदा का अवैध दोहन करते यह ‘बाहुबली देशभक्त’ August 3, 2010 / December 22, 2011 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment -तनवीर जाफ़री पिछले दिनों गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष दिन दहाड़े अमित जेठवा नामक एक युवा सामाजिक कार्यकर्ता की दो अज्ञात मोटर साईकल सवार युवकों द्वारा गोली मार कर हत्या कर दी गई। अमित जेठवा सूचना के अधिकार के अंतर्गत पर्यावरण एंव अन्य सामाजिक क्षेत्रों में बड़ी ही सक्रियता एंव निर्भीकता से कार्य करते थे। […] Read more » Patriot भू-संपदा
विविधा रामफल सिंह : समरसता के नव संशोधक August 3, 2010 / December 22, 2011 by विजय कुमार | 10 Comments on रामफल सिंह : समरसता के नव संशोधक – विजय कुमार अस्पृश्यता, जातिभेद तथा ऊंचनीच हिंदू परंपरा का अंग नहीं हैं। उक्त बीमारियां मुसलमान आक्रांताओं की देन हैं जिन्हें अंग्रेजों ने अपने हित के लिए खूब हवा दी। इस विचार को समाज में स्थापित कर समरसता अभियान को नयी दिशा देने वाले श्री रामफल सिंह का जन्म ग्राम मऊ मयचक (अमरोहा, उ.प्र.) में […] Read more » Ramfal Singh रामफल सिंह
विविधा भारत की गुलामी August 2, 2010 / December 22, 2011 by विश्वमोहन तिवारी | 22 Comments on भारत की गुलामी एयर वाइस मार्शल विश्व मोहन तिवारी, से. नि चित्र देखें। इसमें और आज की स्थिति में उतना ही अन्तर है जितना कि उस जमाने की प्रौद्योगिकी में और आज की प्रौद्योगिकी में है। आप शायद सहमत न हों, किन्तु थोडा सा गौर तो करें। आज इस वैज्ञानिक युग में जहां विज्ञान की खोज के प्रकाशन […] Read more » India भारत
विविधा सत्याग्रह और गांधी जी July 30, 2010 / December 22, 2011 by विजय कुमार | 4 Comments on सत्याग्रह और गांधी जी – विजय कुमार कुछ बातें कुछ लोगों के साथ चिपक जाती हैं, या यों कहें कि जबरन चिपका दी जाती हैं। कुछ ऐसा ही सत्याग्रह और गांधी जी के साथ है। निःसंदेह गांधी जी ने सत्याग्रह रूपी शस्त्र का प्रयोग कर जन-जन में स्वाधीन होने की इच्छा जगाई। लाखों लोग सड़कों पर उतरे। यद्यपि ऐतिहासिक […] Read more » Mahatma Gandhi महात्मा गांधी सत्याग्रह
विविधा धन्यवाद को धन्यवाद July 30, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on धन्यवाद को धन्यवाद – हृदयनारायण दीक्षित प्रकृति रहस्यपूर्ण है। मनुष्य प्रकृति का हिस्सा है। मनुष्य और भी रहस्यपूर्ण है। प्रकृति की गतिविधि में अनंत प्रपंच हैं। हम अपनी 5 इंद्रियों के जरिए संसार से जुड़ते हैं। पांचों इंद्रियों से प्राप्त संकेतों का साझा बोध ही हमारी बुद्धि है। बुद्धि की सीमा है। इंद्रिय बोध ही एकमेव सहारा है। […] Read more » thanks धन्यवाद
विविधा कारगिल विजय की 11 (26 जुलाई) वीं वर्षगांठ पर विशेष July 28, 2010 / December 23, 2011 by राजेंद्र पाध्ये | 2 Comments on कारगिल विजय की 11 (26 जुलाई) वीं वर्षगांठ पर विशेष -राजेन्द्र पाध्ये कारगिल युद्ध आजाद भारत के इतिहास में छद्म वेश में लड़ा जाने वाला पहला सीमाई युद्ध था साथ ही यह एक ऐसा युद्ध था जो भारतीय सशस्त्र बलों के इतिहास में सबसे अधिक वाले ऊंचाई वाले युद्धक्षेत्र में लड़ा और जीता गया। कारगिल के जिस इलाके में युद्ध छेड़ा गया था वहां का […] Read more » Kargil War कारगिल विजय
विविधा वर्तमान सोच और हमारे देश की हालत July 28, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on वर्तमान सोच और हमारे देश की हालत -अनिल मिस्त्री पदार्थवादी सोच और जरूरत से ज्यादा व्यावसायिक दृष्टिकोण का नजरिया है कि हमारे देश में गद्दार और लालची लोगों की भीड़ बढती जा रही है, फिर वो चाहे किसी भी क्षेत्र की बात क्यों न हो. आजकल माधुरी गुप्ता के कपड़ों और लिपस्टिक के रंग की बहुत चर्चा चल रही है. अपने देश […] Read more » India हमारे देश
विविधा रहस्य लंबी उम्र का July 26, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 7 Comments on रहस्य लंबी उम्र का – हरिकृष्ण निगम इधर कुछ वर्षों से चाहे चिकित्सक हों या दूसरे स्वास्थ्य विशेषज्ञ या चुस्त-दुरूस्त रखने वाली दवाओं या टॉनिकों के निर्माताओं के सम्मोहक विज्ञापन अथवा वड़ी-बड़ी बीमा कम्पनियों के बीमांक या ‘एक्चुअरी’ जो विभिन्न आयु समूहों की औसत मृत्यु दर पर शोध के लिए मशहूर होते हैं, लगता है सिर्फ एक ही चर्चा […] Read more » Age उम्र