विविधा अमेरिकी सांस्कृतिक आतंकवाद है पोर्नोग्राफी March 22, 2010 / December 24, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on अमेरिकी सांस्कृतिक आतंकवाद है पोर्नोग्राफी पोर्नोग्राफी पुरूष में कामुक उत्तेजना पैदा करती है और स्त्री के मातहत रूप को सम्प्रेषित करती है। यह संदेश भी देती है कि औरत को पैसे के लिए बेचा जा सकता है। मुनाफा कमाने के लिए मजबूर किया जा सकता है। स्त्री का शरीर प्राणहीन होता है। उसके साथ खेला जा सकता है। बलात्कार किया […] Read more » American pornography अमेरिकी पोर्नोग्राफी
विविधा भारत की पाक नीति पर अमेरिका की प्रेतछाया March 22, 2010 / December 24, 2011 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 1 Comment on भारत की पाक नीति पर अमेरिका की प्रेतछाया अब लगभग यह स्पष्ट हो गया है कि पिछले दिनों भारत और पाकिस्तान के बीच जो वार्ता हुई है वह अमेरिका के दबाव के कारण संभव हो सकी है। पाकिस्तान द्वारा भारत पर 26/11 के आक्रमण के बाद स्पष्ट हो गया था कि दोनों देशों के बीच वार्ता के लिए कोई पुख्ता आधार नहीं है। […] Read more » terrorism आतंकवाद पाकिस्तान भारत
विविधा गुजरात को बदनाम करने वाली मीडिया बरेली पर मौन March 20, 2010 / December 24, 2011 by गौतम चौधरी | 4 Comments on गुजरात को बदनाम करने वाली मीडिया बरेली पर मौन उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में विगत 16 दिनों से एक खास संप्रदाय को निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे प्रशासन के द्वारा वहां कर्फ्यू लगा दी गयी है, लेकिन सारेआम हिंसा जारी है। हिंसाग्रस्त इलाकों से जो खबरें आ रही है उसमें अभी तक 24 लडकियों के गायब होने की सूचना है। असंपुष्ट जानकारी […] Read more » Gujarat बरेली दंगा
विविधा सेक्स उद्योग के ग्लोबल-लोकल फंदे के आर-पार March 20, 2010 / December 24, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 3 Comments on सेक्स उद्योग के ग्लोबल-लोकल फंदे के आर-पार समाज में वेश्यावृत्ति स्थानीय है। किन्तु सेक्स ग्लोबल है। आज सेक्स ग्लोबल सेवा क्षेत्र में आता है। विश्व व्यापार की भाषा में सेक्स का भी आयात-निर्यात हो रहा है। यह वस्तुत: कामुक गुलामी है। इस संदर्भ में सबसे रोचक तर्क जेड मैगजीन में ” ट्रीटिंग पोर्न लाइक अदर मीडिया” निबंध में व्यक्त किए गए हैं। […] Read more » Sex profession सेक्स उद्योग
विविधा अरुण यह मधुमय देश हमारा March 20, 2010 / December 24, 2011 by डॉ. सौरभ मालवीय | 1 Comment on अरुण यह मधुमय देश हमारा नव रात्र हवन के झोके, सुरभित करते जनमन को। है शक्तिपूत भारत, अब कुचलो आतंकी फन को॥ नव सम्वत् पर संस्कृति का, सादर वन्दन करते हैं। हो अमित ख्याति भारत की, हम अभिनन्दन करते हैं॥ इस सृष्टि की सर्वाधिक उत्कृष्ठ काल गणना का श्री गणेश भारतीय ऋषियों ने अति प्राचीन काल से ही कर दिया […] Read more » Indian newyear भारतीय नववर्ष
विविधा चाणक्य की सैन्य नीति अपनाकर ही भारत विश्वशक्ति बनेगा : बक्शी March 19, 2010 / December 24, 2011 by मयंक चतुर्वेदी | 3 Comments on चाणक्य की सैन्य नीति अपनाकर ही भारत विश्वशक्ति बनेगा : बक्शी भोपाल (हि.स.)। आज भारत की सेना विश्व में दूसरे नंबर पर है। वायुसेना का स्थान चौथा, जल सेना का स्थान पांचवा है। भारतीय सेना वैश्विक स्तर पर अन्य देशों की सैन्य शक्ति की तुलना में अपना विशिष्ट स्थान न केवल सामरिक ह्ष्टि से रखती है बल्कि भारतीय सेना के जाबाज युद्ध नीति, कौशल कला के […] Read more » Chanakya भारतीय सेना
विविधा पोर्नोग्राफी के धंधे में कारपोरेट घरानों की बल्ले-बल्ले March 18, 2010 / December 24, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment पोर्न संस्कृति का कारपोरेट संस्कृति के साथ गहरा याराना है। कारपोरेट संस्कृति का जो लोग रात-दिन गीत गाते रहते हैं, वे इसके सांस्कृतिक आयाम पर कभी बात नहीं करते। कारपोरेट संस्कृति के विकास में पोर्न संस्कृति का महत्वपूर्ण अवदान है। आंकड़े बताते हैं कि कारपोरेट संस्कृति के माध्यम से पोर्न ने बहुत मोटा कारोबार किया […] Read more » Pornography पोर्नोग्राफी
विविधा बरेली दंगों का सच March 18, 2010 / December 24, 2011 by पवन कुमार अरविन्द होली के दिन उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में मुसलमानों के जुलूस के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। दंगों को लेकर देशभर में काफी आरोप प्रत्यारोप हुए। कई प्रकार की बातें कही गईं। लेकिन इन दंगों की सत्यता क्या थी, इस बारे में देशभर की मीडिया लगभग मौन सी ही रही है। इन दंगों के […] Read more » Bareli riot बरेली दंगा
विविधा कोई क्यों बन जाता है नक्सली March 18, 2010 / December 24, 2011 by संजय द्विवेदी | 12 Comments on कोई क्यों बन जाता है नक्सली नक्सली समस्या जिस विकराल रूप में आज हमारे सामने है उसने देश की व्यवस्था के सामने कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं। यह सोचना बहुत रोमांचक है कि आखिर ऐसे कौन से हालात हैं जिनमें कोई व्यक्ति किसी अतिवादी विचार से प्रभावित होकर नक्सली बन जाता है। वो कौन से हालात है जिनमें एक सहज-सरल […] Read more » Maoist Naxalism आतंकवाद नक्सलवाद माओवाद
विविधा त्रासद अतीत से पलायन के खतरे March 18, 2010 / December 24, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment जब भी किसी चीज को सौंदर्यबोधीय चरम पर पहुँचा दिया जाता है उसे हम भूल जाते हैं। अब हमें विभीषिका की कम उसके कलात्मक सौंदर्यबोध की ज्यादा याद आती है। अब द्वितीय विश्वयुद्ध की तबाही की नहीं उसकी फिल्मी प्रस्तुतियों, टीवी प्रस्तुतियों के सौंदर्य में मजा आता है। सौंदर्यबोधीय रूपान्तरण त्रासदी को आनंद में तब्दील […] Read more » Dangers खतरे
विविधा भानुमति के पिटारे से फिर निकला कुपोषण का जिन्न March 16, 2010 / December 24, 2011 by सतीश सिंह | 1 Comment on भानुमति के पिटारे से फिर निकला कुपोषण का जिन्न सरकारी आंकड़ों पर यदि विश्वास करें तो हमारे देश में छह करोड़ दस लाख से भी अधिक बच्चे कुपोषण से ग्रसित हैं। कुपोषण से ग्रसित होने के बाद बच्चों में बीमारियों से लड़ने की क्षमता या उनके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे छीजने लगती है। इसके परिणामस्वरुप बच्चे खसरा, निमोनिया, पीलिया, मलेरिया इत्यादि से दम […] Read more » Jinn कुपोषण
विविधा मोरेल नदी बस दुर्घटना : उत्तर मांगते सवाल? March 16, 2010 / December 24, 2011 by डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश' | Leave a Comment राजस्थान के सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय के निकट स्थित मोरेल नदी के पुल पर तूडे (चारे) से भरे जुगाड से टकराकर बस नदी में गिर गयी और छब्बीस निर्दोष विद्यार्थी असमय काल के गाल में समा गये। जिनमें बस चालक, परिचालक, एक अध्यापिका और एक हलवाई भी शामिल हैं। बस दुर्घटना में मरने वाले सभी […] Read more » Bus accident मोरेल नदी बस दुर्घटना