विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-50 October 13, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य आज का अर्थशास्त्र इसे ‘ले और दे’ की व्यवस्था कहता है, पर वेद की व्यवस्था ले और दे (त्रद्ब1द्ग ड्डठ्ठस्र ञ्जड्डद्मद्ग) से आगे सोचती है। वह कहती है कि जिसने आपको जो कुछ दिया है उस देने में उसके भाव का सम्मान करते हुए उसे कृतज्ञतावश उसे लौटा दो। जिससे कि उसके […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू के रूप में भारत
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-49 October 13, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  उधर शासन के लोग भी चोरी करते हैं, वहां भी भ्रष्टाचार है। वे भी जनधन को उचित ढंग से प्रयोग नहीं करते और उसे भ्रष्टाचार के माध्यम से अपनी तिजोरियों में भरने का प्रयास करते हैं। ऐसे में करदाता और शासक वर्ग देश में सांप-छछूंदर का खेल खेलता रहता है। करदाता […] Read more » Featured India India as world leader वैदिक संस्कृति
विविधा सार्थक पहल न जयप्रकाश आंदोलन कुछ कर पाया न ही अन्ना आंदोलन October 12, 2017 / October 12, 2017 by डॉ नीलम महेन्द्रा | 1 Comment on न जयप्रकाश आंदोलन कुछ कर पाया न ही अन्ना आंदोलन वीआईपी कल्चर खत्म करने के उद्देश्य से जब प्रधानमंत्री मोदी द्वारा मई 2017 में वाहनों पर से लालबत्ती हटाने सम्बन्धी आदेश जारी किया गया तो सभी ने उनके इस कदम का स्वागत किया था लेकिन एक प्रश्न रह रह कर देश के हर नागरिक के मन में उठ रहा था, कि क्या हमारे देश के […] Read more » Featured अन्ना आंदोलन जयप्रकाश आंदोलन रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल वीआईपी संस्कृति वीआईपी संस्कृति का जड़ सहित नाश
महिला-जगत विविधा शोषण की नई भाषा गढ़ता ‘फंसाने’ का चलन और बच्चियां October 12, 2017 by अलकनंदा सिंह | Leave a Comment कल अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बेटियों के लिए बहुत कुछ सुना, देखा और पढ़ा भी। सभी कुछ बेहद भावनात्मक था। कल इसी बालिका दिवस पर बच्चियों को सुप्रीम कोर्ट ने भी बड़ी सौगात दे दी। सुप्रीम कोर्ट ने बालविवाह जैसी कुरीतियों पर प्रहार करते हुए ऐतिहासिक निर्णय दिया कि अब नाबालिग पत्नी से संबंध बनाने […] Read more » 'फंसाने' का चलन और बच्चियां Featured अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस इंडिपेंडेंट थॉट निर्भया केस बालविवाह बालिका दिवस शोषण की नई भाषा सुप्रीम कोर्ट
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-48 October 12, 2017 / October 12, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   इसके पश्चात पुन: गायत्री मंत्र का स्थान वैदिक सन्ध्या में आता है। जिसकी व्याख्या की हम पुन: कोई आवश्यकता नहीं मान रहे हैं। उसके पश्चात अगला मंत्र ‘समर्पण’ का है- हे ईश्वर दयानिधे भवत्कृपयानेन जपोपासनादिकर्मणा धर्मार्थकाममोक्षाणां सद्य: सिद्विर्भवेन्न:। अर्थात-”हे ईश्वर दयानिधे! आपकी कृपा से जो-जो उत्तम-उत्तम काम हम लोग करते […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रयास को नोबेल शांति पुरस्कार आईसीएएन October 12, 2017 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव विश्व फलक पर उभर आईं तमाम विडंबनाओं और विरोधाभासों के चलते परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रयास में जुटी संस्था को नोबेल शांति पुरस्कार देना उल्लेखनीय पहल है। नार्वे स्थित नोबेल समिति ने इस बार इस लक्ष्य की पूर्ती के लिए मुहिम चला रही अंतरराष्ट्रीय संस्था ‘परमाणु हथियारों की समाप्ती के लिए अंतरराष्ट्रीय अभियान अर्थाथ […] Read more » abolish nuclear weapons Featured ICAN international campaign to abolish nuclear weapons Nobel Peace prize for 2017 आईसीएएन इंटरनेशनल कैंपेन टू एबोलिश न्यूक्लियर वेपन्स नोबेल शांति पुरस्कार परमाणु निरस्त्रीकरण परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रयास
विविधा पटाखेः बेमतलब फैसला October 11, 2017 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक सर्वोच्च न्यायालय ने अगले 20 दिन के लिए दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर रोक लगा दी है। अदालत का यह फैसला अजीब-सा है। बिक्री पर रोक है लेकिन पटाखे छुड़ाने पर रोक नहीं है। तो अब होगा यह कि दीवाली के मौके पर अदालत की नाक के नीचे जमकर पटाखे फोड़े […] Read more » ban on crackers ban on crackers useless decision by supreme court Supreme Court useless decision by supreme court पटाखे पटाखों की बिक्री पर रोक
खेत-खलिहान विविधा परंपरागत खेती से दूर होते लद्दाख के किसान October 11, 2017 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment अंज़ारा अंजुम खान लद्दाख याक की तरह ही गाय की नस्लों में से एक डज़ो लद्दाख जैसे संवेदनशील क्षेत्र में कृषि के लिए हमेशा से उपयुक्त माना जाता था। यह 9800 फीट की उंचाई तक और ठंड में आसानी से खेत जोत सकता है। यही कारण है कि इसे खेती के लिए सस्ता और सुविधाजनक विकल्प माना […] Read more » लद्दाख के किसान
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-47 October 11, 2017 / October 11, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  विशाल शत्रु दल से जीत पाना हमारे योद्घाओं के लिए तभी संभव हो पाया था-जब हमने ईश्वरीय शक्ति को अपना सम्बल मान लिया था। हम चोर नहीं थे और ना ही हम कोई अनुचित कार्य कर रहे थे, इसलिए ईश्वर ने भी हमारा साथ दिया और हमसे संसार में विषम परिस्थितियों […] Read more » Featured India India as world leader भारत विश्वगुरू विश्वगुरू भारत
विविधा केवल हिंदुत्व में ही हस्तक्षेप न्यायालय श्रीमान का!! October 11, 2017 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment संदर्भ: पटाखों पर प्रतिबंध दो तथ्य भारतीय न्याय व्यवस्था के समक्ष विनम्रता पूर्वक रखना चाहता हूँ 1. हिंदुत्व हजारों वर्षों से एक विकसित जीवन शैली रही है. और 2. यह सांस्कृतिक जीवन शैली अपना उन्नति मार्ग स्वयं ही खोजती रही है. इसे संक्षिप्त विस्तार दूं तो यह व्यक्तव्य होगा कि हिंदू जीवन शैली व इसके […] Read more » Featured only hindu festivals are banned by supreme court Supreme Court पटाखों पर प्रतिबंध भारतीय न्यायालय
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-46 October 10, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  जो जन अज्ञानवश हमसे वैर करता है या किसी प्रकार का द्वेष भाव रखता है, और जिससे हम स्वयं किसी प्रकार का वैर या द्वेषभाव रखते हैं-उस वैर भाव को हम आपके न्याय रूपी जबड़े में रखते हैं। जबड़े की यह विशेषता होती है कि जो कुछ उसके नीचे आ जाता […] Read more » कमीशन की राजनीति India India as world leader ईश्वर की न्याय-व्यवस्था भारत भारतीय राज्य व्यवस्था राजा राजा और राजनीति विश्वगुरू
विविधा विश्वगुरू के रूप में भारत-45 October 10, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   इस मंत्र के पश्चात ‘अघमर्षण मंत्र’ आते हैं। इनमें ईश्वर की सृष्टि रचना का चिंतन किया जाता है, अर्थात हम और भी गहराई में उतर जाते हैं। जिस आनंद की अभी तक झलकियां मिल रही थीं, हम उन्हें पकड़ते हैं और कुछ अबूझ पहेलियों के उत्तर खोजने लगते हैं। पहला […] Read more » कमीशन की राजनीति India India as world leader ईश्वर की न्याय-व्यवस्था भारत भारतीय राज्य व्यवस्था राजा राजा और राजनीति विश्वगुरू