आर्थिकी विधि-कानून विविधा वस्तु एंव सेवा कर : एक लाभकारी कदम December 5, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 1 Comment on वस्तु एंव सेवा कर : एक लाभकारी कदम एक बहुचर्चित विधेयक है जिसमें 01 अप्रैल 2017 से पूरे देश में एकसमान मूल्य वर्धित कर लगाने का प्रस्ताव है। इस कर को वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) कहा गया है। यह एक अप्रत्यक्ष कर होगा जो पूरे देश में निर्मित उत्पादों और सेवाओं के विक्रय एवं उपभोग पर लागू होगा। 03 अगस्त 2016 को राज्यसभा में यह बिल पारित हो गया। Read more » Featured जीएसटी जीएसटी का आम जन पर प्रभाव जीएसटी का व्यवसायों पर प्रभाव जीएसटी की चार स्तरीय की दर टैक्स पर टैक्स व्यवस्था समाप्त वस्तु एंव सेवाकर
विधि-कानून विविधा नीति और नियमों का सरलीकरण जरूरी December 5, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment #कालेधन एवं #भ्रष्टाचार से मुक्ति के लिये नीति एवं नियमों का सरलीकरण जरूरी है। नीति आयोग के अध्यक्ष अरविंद पानगड़िया ने इसी बात की आवश्यकता व्यक्त करते हुए कहा कि जटिल टैक्स नियमों को सरल बनाने और टैक्स दरों को कम करने का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए, नोटबंदी का उद्देश्य तभी सफल होेगा। Read more » Featured notebandi नीति आयोग नोटबंदी पानगड़िया नीति
विविधा सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राष्ट्रगान गायन का फैसला December 4, 2016 by महेश तिवारी | Leave a Comment सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिका के अन्र्तगत सिनेमाघरों में राष्टगान गायन की बात कही है। जो कि एक देशभक्त और कत्र्तव्यपरायणता की दृष्टि से उचित फैसला माना जा सकता है। जनहित याचिका में उठाये गए सवाल के जवाब में देशभक्ति की जिस भावना को जागृति करने का काम सर्वोच्च न्यायालय को उठाना पड़ा, उससे कही […] Read more » national anthem in theatre राष्ट्रगान गायन
विविधा कुटुंब, राष्ट्रीयता व सामाजिक मर्यादाएं December 4, 2016 / December 5, 2016 by विनोद बंसल | Leave a Comment किसी भी देश या समाज की उन्नति उसके नागरिकों की सोच व व्यवहार पर निर्भर करती है. भारतीय परिप्रेक्ष्य में परिवार या कुटुंब का महत्व सदा से ही रहा है. श्रृष्टि की उत्पत्ति से लेकर आज तक जितने भी महापुरुष या दिव्यात्माएं इस पुण्य भूमि पर जन्मी वे किसी न किसी कुल या कुटुंब की […] Read more » Featured कुटुंब राष्ट्रीयता राष्ट्रीयता व सामाजिक मर्यादाएं
विविधा कीठमझील-सूरसरोवर पक्षीअभयारण्य (आगरा) को अपने प्रोग्राम में शामिल करें December 3, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी प्रवासी पक्षियों का कलरव – चहचहावट आपका मन मोह लेगी :- जब पक्षियों के मूल निवास स्थान की झीलें और जलाशय बर्फ में तब्दील हो जाता है और भोजन की कमी होती है तब ये पक्षी अपेक्षाकृत गर्म इलाकों को अपना बसेरा बनाते हैं। वर्षाकाल समाप्त होते ही देश के प्रमुख झीलों, […] Read more » Featured कीठमझील-सूरसरोवर पक्षीअभयारण्य पक्षीअभयारण्य की अवस्थित
विधि-कानून विविधा राष्ट्र गान देशभक्ती की चेतना अवश्य जगाएगा December 3, 2016 by डॉ नीलम महेन्द्रा | Leave a Comment " एक बालक को देशभक्त नागरिक बनाना आसान है बनिस्बत एक वयस्क के क्योंकि हमारे बचपन के संस्कार ही भविष्य में हमारा व्यक्तित्व बनते हैं।" Read more » Featured national anthem national anthem in theatres राष्ट्र गान सिनेमा हॉल में हर शो से पहले राष्ट्र गान बजाना अनिवार्य होगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला
आर्थिकी विविधा भारत कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में बढ़ा December 3, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 1 Comment on भारत कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में बढ़ा नोटबंदी के बाद ये चर्चा है कि हिंदुस्तान कैसेलेस अर्थव्यवस्था की और बढ़ रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्तमंत्री अरुण जेटली भी इस बारे में कह चुके है कि काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में इसे बहुत कारगर मना जा रहा है. भारत की सकल अर्थव्यवस्था के घरेलू उत्पाद में कैश जीडीपी का अनुपात 12 से 13 प्रतिशत है, जो अमरीका और यूरोप से अधिक है पर जापान से कम है. Read more » cashless society Featured India moving towards cashless society कैशलेस अर्थव्यवस्था भारत
विविधा खुलना ढोंग की परतों का! December 3, 2016 by देविदास देशपांडे | 1 Comment on खुलना ढोंग की परतों का! “हिंसा का जवाब हिंसा से देना उचित नहीं है। भारत-पाकिस्तान के बीच समस्याओं का जवाब युद्ध से नहीं मिलेगा। देश में ‘सर्जिकल स्ट्राईक’ के द्वारा युद्धज्वर फैलाना गलत है।” – मेधा पाटकर. “मोदी सरकार ने दो वर्षों के अंतराल में घृणा और द्वेष का माहौल फैलाया है।…देश के सभी लोगों को मिलकर उन्हें पराजित करना […] Read more » खुलना ढोंग की परतों का
खान-पान विविधा जानिए आपकी राशि अनुसार आपका भोजन ..??? December 3, 2016 by पंडित दयानंद शास्त्री | Leave a Comment सभी खाद्य पदार्थ चाहे वे किसी भी रूप-स्वरूप में हों जैसे तरल खाद्य पदार्थ, अनाज, दाले, फल, सब्जियाँ, मेवे इत्यादि भी अपने-अपने गुणों व स्वादों के अनुसार किसी न किसी ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं। आप ग्रह-नक्षत्रों के अशुभ फल को कुछ खाकर शुभ फल में बदल सकते हैं। क्या सचमुच ऐसा हो सकता है? कहते हैं कि जैसा खाओगे अन्न, वैसा बनेगा मन। Read more » food according to horoscope food as per horoscope राशि अनुसार भोजन
महत्वपूर्ण लेख विविधा भारतीय शिक्षाव्यवस्था का इतिहास करवट लेगा : निकट भविष्य में डॉक्टरी की पढ़ाई हिन्दी में कर पाएंगे भारतीय बच्चे December 1, 2016 by डॉ. शुभ्रता मिश्रा | 1 Comment on भारतीय शिक्षाव्यवस्था का इतिहास करवट लेगा : निकट भविष्य में डॉक्टरी की पढ़ाई हिन्दी में कर पाएंगे भारतीय बच्चे इसके पहले भी अटल बिहारी बाजपेयी हिन्दी विश्वविद्यालय, भोपाल इंजीनियरिंग के कोर्स हिन्दी में शुरू करने की घोषणा कर चुका है और वहां इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल तथा सिविल के कोर्स हिन्दी में शुरू भी कर दिए गए हैं। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के चैयरमैन अनिल डी. सहस्रबुद्धे ने कहा था कि हिन्दी या क्षेत्रीय भाषाओं में इंजीनियरिंग की पढ़ाई हो सकती है। उनका कहना था कि कालेज को सिर्फ एआईसीटीई के मानक पूरे करने अनिवार्य हैं। Read more » Featured इंजीनियरिंग की पढ़ाई हिन्दी में डॉक्टरी की पढ़ाई हिन्दी में भविष्य में डॉक्टरी की पढ़ाई हिन्दी में भारतीय चिकित्सा परिषद भारतीय शिक्षाव्यवस्था का इतिहास शिक्षाव्यवस्था
विविधा शख्सियत सिनेमा औलाद के लिए षडयंत्र किया दिलीप कुमार ने पर बन न सके बाप….. December 1, 2016 by अनिल अनूप | 2 Comments on औलाद के लिए षडयंत्र किया दिलीप कुमार ने पर बन न सके बाप….. -अनिल अनूप भारतीय सिनेमा में ट्रेजडी किंग नाम से मशहूर दिलीप कुमार एक महान विश्वविदित लोकप्रिय अभिनेता हैंl दुखद सीन में अपनी मार्मिक एक्टिंग से सबके दिल को छू लेने की वजह से इन्हें ट्रेजडी किंग कहा गया. जन्म से उनका नाम मोहम्मद युसूफ खान था, हिंदी सिनेमा में आने के बाद इन्होनें अपना नाम […] Read more » Featured औलाद दिलीप कुमार
महत्वपूर्ण लेख विविधा अर्थक्रांति और राष्ट्रवाद की और देश December 1, 2016 by अनुज अग्रवाल | Leave a Comment अनेक उच्च वर्गीय लोगो का कहना था कि मोदी के नोट वापसी के फैसले के बाद वे निराश हें और या तो काम करना बंद कर देंगे अथवा विदेश चले जायेंगे। मेरा उनसे कहना है कि अगर वो ऐसा करते हें तो इस देश पर अहसान ही होगा क्योकि वो देश में कमाते भी हें तो टैक्स चोरी कर कालाधन विदेश भेज देते हें या विदेशो से नकद में आयात कर देश के उद्योगों की कमर तोड़कर युवा पीढ़ी को बेकार कर रहे हें। कृपया अपने साथ लंपट नेताओ और नोकरशाहों को भी ले जाइयेगा और जल्द हमें बताइये कि किस देश में आप बिना कानून माने और टैक्स दिए बिना अय्याशी कर रहें हें। Read more » Featured अर्थक्रांति नोटबंदी राष्ट्रवाद की और देश