आर्थिकी विविधा सार्थक पहल कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में भारत November 16, 2016 by अनिल गुप्ता | Leave a Comment भारत के लोग नयी चीजों को देर से अपनाते हैं लेकिन जब अपनाते हैं तो फिर पीछे नहीं देखते! आज देश में लगभग १०५ करोड़ लोगों के पास मोबाइल फोन हैं! और हर व्यक्ति धड़ल्ले से उसका प्रयोग कर रहा है! अगर पूरे जोरशोर से प्रयास किया जाये तो निश्चय ही लोग कॅश के स्थान पर कार्ड व्यवस्था को रोजमर्रा की जिंदगी का भाग बना लेंगे और एक बार जब उन्हें इसकी सुविधा की आदत पड जाएगी तो फिर देखते ही देखते भारत भी इस क्षेत्र में अग्रिम पंक्ति में दिखाई देगा! Read more » Featured कैशलेस कैशलेस अर्थव्यवस्था कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में भारत भारत
विविधा आतंकवाद से मुक्ति हेतु गायत्री मंत्राहुति का अभिनव प्रयोग November 15, 2016 by मनोज ज्वाला | Leave a Comment पिछले दिनों देव-भूमि हरिद्वार जाना हुआ, जहां ‘युग निर्माण योजना’ के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय- शांति कुंज और इससे सम्बद्ध शिक्षण संस्थान- देव संस्कृति विश्वविद्यालय में एक अभिनव आध्यात्मिक प्रयोग देखने को मिला । वहां मैं प्रायः जाते रहता हूं । किन्तु इस बार वहां जो देखा , सो लिखने की अपनी इच्छा का संवरण मैं नहीं कर पा रहा हूं ; क्योंकि वह उल्लेखनीय है । Read more » Featured आतंकवाद आतंकवाद से मुक्ति आतंकवाद से मुक्ति हेतु गायत्री मंत्राहुति का अभिनव प्रयोग गायत्री मंत्राहुति
विविधा “मामा राज” में कुपोषण का काल November 15, 2016 by जावेद अनीस | Leave a Comment जावेद अनीस ज्यादा दिन नहीं हुए जब म.प्र. में शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने ‘आनंद मंत्रालय’ खोलने की घोषणा की थी, मंत्रालय खुल भी गया. लेकिन अब इसी मध्यप्रदेश सरकार को “कुपोषण की स्थिति” को लेकर श्वेत पत्र लाने को मजबूर होना पड़ा है. करीब एक दशक बाद जब प्रदेश में कुपोषण की भयावह […] Read more » Featured increasing cases of malnutrition increasing cases of malnutrition in madhya pradesh malnutrition in madhya pradesh कुपोषण मध्य प्रदेश में कुपोषण मध्य प्रदेश में कुपोषण की भयावह स्थिति
विविधा राष्ट्रीय पुस्तकालय सप्ताह: (14 से 21 नवंबर) November 14, 2016 / November 14, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा.राधेश्याम द्विवेदी सप्ताह का प्रारंभ:- पुस्तकालय सेवा राज्य सरकारों के तत्वाधान के अधीन है तथा सभी राज्य अपने आकार, जनसंख्या, साक्षरता दर, क्षेत्रीय भाषाओं में साहित्य की रचना तथा पुस्तकालय अवसंरचना की दृष्टि से भिन्न हैं। एस.एच. सायाजी राव गायकवाड़ III, बड़ोदा के महाराजा ने सन 1910 में भारत में सार्वजनिक पुस्तकालय प्रणाली के विकास […] Read more » Featured national library week राष्ट्रीय पुस्तकालय सप्ताह
आर्थिकी विविधा लूट लिया मोदी ने… November 14, 2016 / November 14, 2016 by अश्वनी कुमार, पटना | Leave a Comment देश वाकई में तभी गंभीर, समझदार या ईमानदार बनता है जब उसे चलाने वाले देश के लोगों के उज्जवल भविष्य के लिए ईमानदारी दिखाए, गंभीर हो| भ्रष्टाचार, बेईमानी से कमाया धन भले ही चंद लोगों को सुकून देता हो मगर ईमानदारी की राह पर चलने वाले लोगों के वर्तमान में मोदी हैं, उनकी व्यवस्था में नोटबंदी जैसे फैसले भी हैं और भ्रष्टों को मिटा देने की सनक भी है| Read more » Featured नोटबंदी पांच सौ और एक हजार के नोट पर पाबंदी मोदी मोदी और नोटबंदी
आर्थिकी विविधा सांच को नहीं कोई आंच, मोदी और नोटबंदी November 14, 2016 / November 14, 2016 by अतुल गौड़ | Leave a Comment माना कि देश परेशान है, लोग हैरान है और परेशानी का सामना कर रहे हैं, लेकिन मीडिया को इस बात में ज्यादा रूचि है कि देश में कैसी-कैसी परेशानियां सामने आ रही हैं। अरे परेशानियां तो आनी ही थी, यदि किसी देश के साथ युद्ध होता तो संभवत: जो कुछ घर में होता बस वही गुजारे का साधन होता, आटा होता तो चून गूंधा जाता और चून नहीं होता तो भूखे सोना होता। हालात थोड़े असामान्य जरूर हैं लेकिन बदतर नहीं है। लोग जैसे भी हो, जद्दो-जहद कर दो जून की रोटी कमाने में और नोट बदलने में कामयाब हो ही रहे हैं। Read more » नोटबंदी पांच सौ और एक हजार के नोट पर पाबंदी मोदी मोदी और नोटबंदी
आर्थिकी विविधा भारतीय अर्थव्यवस्था के नये संदर्भ November 13, 2016 by राहुल खटे | Leave a Comment लगभग सभी गैर कानूनी कार्यों में पैसों का लेनदेन बिना किसी तृतीय पक्ष (बैंक आदि सरकारी यंत्रणा) के होता है, इससे गैर कानूनी धंदों में दिन दूगनी और रात चौगुणी प्रगती होती हैं। इन सभी गोरखधंदों को बंद करने का यह रामबाण उपाय हैं। इसमें भारतीय रिज़र्व बैंक के अर्थशास्त्री और विशेषज्ञों का योगदान है। नये नोटों को सैटेलाइट द्वारा ट्रैक करने की सुविधा के कारण आगे आने वाले नोटों की ट्रैकिंग से नोटों का प्रयोग हो रहे स्थानों का पता लगाया जा सकेगा इससे भविष्य में नकली नोटों को बनाने में के खतरे को भी टाला जा सकेगा। Read more » Black Money Featured Indian Economy surgical strike surgical strike on black money भारतीय अर्थव्यवस्था
आर्थिकी विविधा आर्थिक उदारीकरण के दौर में कालेधन पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ November 13, 2016 by अजय जैन ' विकल्प ' | Leave a Comment नाव सुधारों पर काम करने वाली संस्था एडीआर के आंकड़े वाकई आश्चर्यजनक हैं कि, 2004 से 2015 के बीच हुए 71 विधानसभा और 3 लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों को 2100 करोड़ रुपए का नकद चंदा मिला है। इससे भी आगे यह कि पिछले लोकसभा चुनाव में आयोग को 300 करोड़ रुपए बिना स्त्रोत का नकद मिला था। यानि कि यह कहने में कोई बुराई नहीं है कि राजनीतिक दलों के पास 80 पैसा ऐसे स्त्रोत से ही आता है,जिसका किसी को पता नहीं है। ऐसे में इसे भी कालेधन और नोट बदलने की मुहिम का हिस्सा बनाकर टैक्स लगाया जाना अच्छा क़दम साबित हो सकता है। Read more » Featured आर्थिक उदारी कालेधन कालेधन पर 'सर्जिकल स्ट्राइक' नकली नोट और कालेधन पर एक 'सर्जिकल स्ट्राइक'
आर्थिकी विविधा मोटिवेशन : ‘नोट बंदी’ का नाजुक दौर और हम November 12, 2016 by मिलन सिन्हा | Leave a Comment कहना न होगा, डाक व बैंक कर्मियों पर इस वक्त बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, जिसका निर्वहन उन्हें अत्यधिक तन्मयता, दक्षता, संवेदनशीलता, इमानदारी एवं संयम के साथ करने की आवश्यकता है. बड़े डाकघरों तथा बैंक शाखाओं में पुराने नोट बदलनेवालों, वरीय नागरिक, दिव्यांग और महिलाओं, बड़ी जमा राशि को अपने खाते में जमा करने वाले ग्राहकों आदि के लिए अलग-अलग काउंटर खोलने की जरुरत तो है ही. संबंधित विभागों के वरीय अधिकारियों द्वारा इस कार्य की सतत मॉनिटरिंग भी अपेक्षित है. सिविल सोसाइटी के जाने -माने लोगों को भी अपनी भूमिका दर्ज करने की जरुरत है. Read more » Featured नोट बंदी
आर्थिकी विविधा रुपया बड़ा या राष्ट्रहित November 11, 2016 by प्रवीण दुबे | Leave a Comment प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में ऐसे लोगों को भरपूर भरोसा दिलाते हुए उनके हितों के संरक्षण की बात कही, उन्होंने कहा कि देश के लिए देश का नागरिक कुछ दिनों के लिए यह कठिनाई झेल सकता है, मैं सवा सौ करोड़ देशवासियों की मदद से भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई को और आगे ले जाना चाहता हूँ, उन्हीं के शब्दों में ‘ तो आइए जाली नोटों का खेल खेलने वालों और कालेधन से इस देश को नुकसान पहुंचाने वालों को नेस्तनाबूत कर दें, ताकि देश का धन देश के काम आ सके, मुझे यकीन है कि मेरे देश का नागरिक कई कठिनाई सहकर भी राष्ट्र निर्माण में योगदान देगा। मोदी के इन शब्दों को पूरे देशवासियों को ध्यान से पढऩा चाहिए। हमें नहीं भूलना चाहिए कि राष्ट्रहित से बड़ा कोई नहीं। Read more » Featured India against black money India against corruption राष्ट्रहित रुपया
आर्थिकी विविधा आखिर इस राष्ट्रहित के निर्णय पर आपत्ति क्यों? November 11, 2016 by प्रवीण दुबे | 1 Comment on आखिर इस राष्ट्रहित के निर्णय पर आपत्ति क्यों? इन दोनों ही बातों में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रहित को सर्वोपरि माना है, कोई भी समझदार और देशभक्त नागरिक इसका विरोध करेगा ऐसा समझ नहीं आता है। ऐसा पहली बार नहीं है जब राष्ट्रहित की खातिर कोई बड़ा निर्णय लिया गया है। यहां यह भी लिखने में कोई संकोच नहीं है कि इस देश के नागरिकों ने हमेशा राष्ट्रहित हेतु लिए कठोर निर्णयों का न केवल स्वागत किया है बल्कि उसमें तन मन धन से सहयोग भी किया है। Read more » ban of Rs.500 and Rs.1000 Black Money Featured stop terrorism जाली नोट राष्ट्रहित के निर्णय पर आपत्ति क्यों?
आर्थिकी विविधा ‘काला धन’: घबराइए मत November 11, 2016 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment जहां तक नगदप्रेमी करोड़पतियों, अरबपतियों, खरबपतियों और हमारे महान नेताओं का प्रश्न है, उन्हें भी ज्यादा डरने की जरुरत नहीं है। वे अपने हजारों कर्मचारियों और लाखों पार्टी-कार्यकर्ताओं में से एक-एक को लाखों पुराने नोट देकर उन्हें नये नोटों में बदलवा सकते हैं। उप्र के नेताओं ने यह ‘पवित्र कार्य’ शुरु भी कर दिया है। नेता ही नेता को पटकनी मार सकते हैं। जाहिर है कि सरकार डाल-डाल है तो सेठ और नेता पात-पात हैं। Read more » ban of Rs 1000 and Rs.500 notes Black Money Featured India against corruption काला धन