शख्सियत पर्यावरणविद् डी के जोशी का मिशन अधूरा October 13, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment , डा.राधेश्याम द्विवेदी जन्म:- उनका जन्म 1938 में गुजरात ( पाकिस्तान) में हुआ था। पिता अयोध्यालाल जोशी और मां प्रकाशवती थे। विभाजन के बाद परिवार अजमेर में आकर बसा। यहीं पर डीके जोशी की पढ़ाई हुई। उन्होंने स्नातक किया। इसके बाद नौकरी की, अखबार से जुड़े, कारोबार किया, राजनीति में भी रहे। कांग्रेस के उत्तर […] Read more » Featured डी के जोशी पर्यावरणविद् डी के जोशी
शख्सियत समाज लोक नायक जयप्रकाश नारायण October 12, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment “सम्पूर्ण क्रांति से मेरा तात्पर्य समाज के सबसे अधिक दबे-कुचले व्यक्ति को सत्ता के शिखर पर देखना है ।’’ यह जयप्रकाश नारायण का विचार व नारा था जिसका आह्वान उन्होने इंदिरा गांधी की सत्ता को उखाड़ फेकने के लिये किया था।लोकनायक नें कहा कि सम्पूर्ण क्रांति में सात क्रांतियाँ शामिल है - राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, शैक्षणिक व आध्यात्मिक क्रांति। इन सातों क्रांतियों को मिलाकर सम्पूर्ण क्रान्ति होती है। Read more » Featured जयप्रकाश नारायण लोक नायक लोक नायक जयप्रकाश नारायण
शख्सियत समाज जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख – एक तुलनात्मक विश्लेषण October 11, 2016 by हरिहर शर्मा | Leave a Comment नानाजी अक्सर राजा राम की तुलना में वनवासी राम की अधिक प्रशंसा करते थे । उनका कहना था कि राजा के रूप में राम इसलिए अधिक सफल हुए, क्योंकि उन्होंने वन में रहते हुए गरीबी को जाना, समझा | इसीलिए नानाजी ने भी राजनीति से विराम लेकर गरीब वर्गों के उत्थान के लिए अपना जीवन खपाने का निर्णय लिया । दीन दयाल शोध संस्थान भी बनाया तो चित्रकूट में, जहाँ वनवास के दौरान भगवान राम ने अपना समय व्यतीत किया । अपने चित्रकूट प्रवास के दौरान नानाजी ने वहां के पिछड़ेपन, अशिक्षा और अंधविश्वास में डूबी जनता का मूक रुदन अनुभव किया । Read more » Featured जयप्रकाश नारायण नानाजी देशमुख
शख्सियत समाज रावण की 10 अच्छाइयां October 8, 2016 / October 8, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी रावण रामायण का एक विशेष पात्र और एक केंद्रीय प्रतिचरित्र है। वह लंका का राजा था। वह अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था (साधारण से दस गुणा अधिक मस्तिष्क शक्ति), जिसके कारण उसका नाम दशानन {दश (दस) + आनन (मुख)} भी था। किसी भी कृति के लिये अच्छे पात्रों […] Read more » 10 goodness of Ravana रावण की 10 अच्छाइयां
शख्सियत समाज दिव्यसंत देवरहा बाबा October 7, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment बाबा के आशीर्वाद कांग्रेस प्रचंड बहुमत प्राप्त किया:-देश में आपातकाल के बाद हुए चुनावों में जब इंदिरा गांधी हार गईं तो वह भी देवरहा बाबा से आशीर्वाद लेने गईं। उन्होंने अपने हाथ के पंजे से उन्हें आशीर्वाद दिया। Read more » Featured दिव्यसंत देवरहा बाबा
शख्सियत आचार्य रामचंद्र शुक्ल October 6, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment बहुमुखी प्रतिभा के धनी शुक्ल जी को हिंदी साहित्य के उन्नायकों में अति विशिष्ठ स्थान प्राप्त है। आपने निबंधकार, समालोचक, संपादक, अनुवादक, कोशकार आदि विभिन्न रूपों में हिंदी-साहित्य को समृद्ध किया। आचार्य शुल्क को हिंदी के मनोवैज्ञानिक निबंध लेखन परम्परा का जनक माना जाता है। उन्होंने हिंदी-साहित्य में इतिहास लेखन की परम्परा की शुरुआत की। इस दृष्टि से उनका हिंदी-साहित्य का इतिहास आज भी विशिष्ठ स्थान है। Read more » Acharya Ramchandra Shukla Featured आचार्य रामचंद्र शुक्ल
शख्सियत समाज गांधी का सेवा संकल्प October 1, 2016 by मनोज कुमार | Leave a Comment , उनके कहे अनुरूप जीवन जीना और दूसरों को सिखाना कि बापू कैसे सादगी भरा जीवन जीते थे,संभवत: इनके बाद शायद ही कोई दूसरा होगा. गांधी विश्व पुरुष हैं। स्वाधीनता, स्वदेशी, स्वराष्ट्र, स्वतंत्रता और समता, अहिंसा, सत्याग्रह और स्वच्छता सहित सारे मूल्य गांधीजी के लिए शब्द भर नहीं थे। उन्होंने सभी मूल्यों को सत्याग्रह की अग्नि आंच में तपाया था। Read more » Gandhi Ji गांधी गांधी का सेवा संकल्प सेवा संकल्प
राजनीति शख्सियत ईमानदार और साफसुथरी छवि वाले: लालबहादुर ‘शास्त्री’ October 1, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment मत है कि शास्त्रीजी की मृत्यु हार्ट अटैक से नहीं बल्कि जहर देने से ही हुई। पहली इन्क्वायरी राज नारायण ने करवायी थी, जो बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गयी ऐसा बताया गया। इण्डियन पार्लियामेण्ट्री लाइब्रेरी में आज उसका कोई रिकार्ड ही मौजूद नहीं है। यह भी आरोप लगाया गया कि शास्त्रीजी का पोस्ट मार्टम भी नहीं हुआ। 2009 में जब यह सवाल उठाया गया तो भारत सरकार की ओर से यह जबाव दिया गया कि शास्त्रीजी के प्राइवेट डॉक्टर आर०एन०चुघ और कुछ रूस के कुछ डॉक्टरों ने मिलकर उनकी मौत की जाँच तो की थी परन्तु Read more » Featured Lal Bahadur Shahstri ईमानदार और साफसुथरी छवि वाले लालबहादुर शास्त्री
शख्सियत समाज कलियुग के अग्रदूत – महाराजा अग्रसेन September 29, 2016 / September 29, 2016 by विमलेश बंसल 'आर्या' | Leave a Comment महाराजा अग्रसेन एक इतिहास पुरुष थे, वह पिता बल्लभसेन के एक सच्चे अग्र आर्य पुत्र थे। महाभारत काल के दौरान हुई हिंसा में समाप्त हो रही आर्य अग्र वैश्य जाति की दयनीय स्थिति को देख विचलित हो उठे, क्योंकि महाभारत के युद्ध में लगे पैसे से व्यापारी वर्ग प्रायः समाप्त हो चला था। चारों ओर पैसे के अभाव में गरीबी, भुखमरी, लड़ाई-झगड़े, अशांति का माहौल पैर पसार रहा था। इस बात को उन्होंने विचारा और संकल्प किया कि पुनः इस खोयी हुई गरिमा को वापिस लाकर ही दम लूँगा। पिता बल्लभसेन तो पांडवों के साथ लड़ते-लड़ते वीरगति को प्राप्त हो गए थे| Read more » Featured महाराजा अग्रसेन
शख्सियत समाज अद्भुत, अकल्पित है स्वर-माधुर्य की साम्राज्ञी लता मंगेशकर September 26, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment लता मंगेशकर जन्म दिवस- 28 सितम्बर, 2016 ललित गर्ग वो ब्रह्म है। कोई उससे बड़ा नहीं। वो प्रथम सत्य है और वही अंतिम सत्ता भी। वो स्वर है, ईश्वर है, ये केवल संगीत की किताबों में लिखी जाने वाली उक्ति नहीं, ये संगीत का सार है और इसी संगीत एवं स्वर-माधुर्य की साम्राज्ञी है लता […] Read more » Featured लता मंगेशकर स्वर-माधुर्य की साम्राज्ञी लता मंगेशकर
विविधा शख्सियत एकात्म मानव दर्शन दिखाने वाले पंडित दीनदयाल उपाध्याय September 23, 2016 by ब्रह्मानंद राजपूत | Leave a Comment (पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 100 वीं जन्म जयंती 25 सितंबर 2016 पर विशेष आलेख) भारत की पावन भूमि पर समय-समय पर अनेक महापुरुषों ने जन्म लिया है। जिन्होंने समय-समय पर भारत को दिशा दी है। भारत जैसी पावन भूमि पर 25 सितम्बर 1916 को पंडित दीनदयाल उपाध्याय जैसे महापुरुष ने जन्म लिया जो कि एक […] Read more » Featured पंडित दीनदयाल उपाध्याय
शख्सियत समाज महाराजा अग्रसेन : समाजवादी व्यवस्था के महासूर्य September 20, 2016 by ललित गर्ग | Leave a Comment महाराजा अग्रसेन की जन्म जयन्ती- 1 अक्टूबर, 2016 ललित गर्ग कुशल शासकों की कीर्ति किसी एक युग तक सीमित नहीं रहती। उनका लोकहितकारी चिन्तन कालजयी होता है और युग-युगों तक समाज का मार्गदर्शन करता है। ऐसे शासकों से न केवल जनता बल्कि सभ्यता और संस्कृति भी समृद्ध और शक्तिशाली बनती है। ऐसे शासकों की दृष्टि […] Read more » Featured महाराजा अग्रसेन समाजवादी व्यवस्था के महासूर्य