राजनीति पश्चिम बंगाल में कम होती भाजपा की ताकत 

पश्चिम बंगाल में कम होती भाजपा की ताकत 

अमित कुमार अम्बष्ट ” आमिली “ पिछले दिनों हुए विभिन्न राज्यों के विधानसभा चुनाव  और विधान सभा उपचुनावों के नतीजें ने यह साबित कर दिया…

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राजनीति हेमंत के दूसरी बार सत्तासीन होने के मायने

हेमंत के दूसरी बार सत्तासीन होने के मायने

कुमार कृष्णन  वनाच्छादित, खनिज संपदा से भरपूर और आदिवासी बहुल झारखंड विधानसभा चुनाव का परिणाम का संदेश यह रहा कि यहाँ के लोगों ने भाजपा …

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राजनीति सियासत की आखिरी बाजी में शरद पवार कैसे मात खा गए?

सियासत की आखिरी बाजी में शरद पवार कैसे मात खा गए?

                     रामस्वरूप रावतसरे   महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के आखिरी दौर के वक्त राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) के प्रमुख शरद पवार ने कहा…

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महिला-जगत क्या टेलरिंग शॉप और सैलून में पुरुषों पर रोक से महिलाएँ सुरक्षित हो पायेगी?

क्या टेलरिंग शॉप और सैलून में पुरुषों पर रोक से महिलाएँ सुरक्षित हो पायेगी?

लिंग भेद का अर्थ है कि महिलाओं को निरंतर सुरक्षा की आवश्यकता होती है, जिससे उनकी एजेंसी और व्यावसायिकता कमज़ोर होती है। पुरुष दर्जियों को…

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लेख अवसाद से रहना है दूर तो पियो दूध

अवसाद से रहना है दूर तो पियो दूध

डॉ. शंकर सुवन सिंह दूध एक संपूर्ण आहार है जो स्वस्थ दुधारू पशुओं के लैक्टियल स्राव से प्राप्त होता है।  दुधारू पशुओं के ब्याने से…

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लेख बवासीर : कारण व निवारण

बवासीर : कारण व निवारण

डॉ रुप कुमार बनर्जीहोमियोपैथिक चिकित्सक बवासीर की समस्या आज के समय में सामान्य हो गई है। व्यस्त जीवन शैली,गलत खानपान, भोजन में अत्यधिक मसाले का प्रयोग, चटपटा भोजन करना, जंक फूड का अधिक से अधिक इस्तेमाल करना, कसरत मेहनत ना करना इत्यादि इसके कई कारण हो सकते हैं। बवासीर, जिसे पायल्स, हेमोरोइड्स और मुलव्याधि भी कहा जाता है, एक भयानक रोग है। यह एक कष्टकारी समस्या है जो दुनिया भर में कई लोगों को प्रभावित करती है। आंतरिक, बाहरी या दोनों प्रकार का हो सकता है जिसमें दर्द,जलन, खुजली, खून गिरना और सूजन इत्यादि लक्षण दिखाई देते हैं। शुरू में शर्म के मारे चिकित्सक को दिखाने में हीला हवाली करने पर बाद में यह विकट रूप धारण कर भयंकर कष्ट का कारण बन सकता है। बवासीर के कारण :- बवासीर होने के कई कारण हो सकते हैं। इनके बारे में जानकारी हमे सतर्क रहने में मदद कर सकती है। बवासीर के पांच मुख्य कारण हैं :- मल त्याग करते समय जोर लगाना , अव्यवस्थित जीवनशैली , अपेक्षाकृत पानी कम पीना , आहार में फाइबर की कमी , मोटापा , गर्भावस्था बवासीर के प्रकार :- बवासीर को उसकी गंभीरता और अन्य कारकों के आधार पर दो प्रमुख प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। वे दो प्रमुख प्रकार हैं – खूनी बवासीर व बादी बवासीर खूनी बवासीर :- बवासीर उभरती हुई और सूजी हुई नसों के कारण आंतरिक या बाहरी गुदा में होती है। ब्लीडिंग बवासीर उन फूली हुई नसों के टूटने से होती है जो बार-बार मल त्याग करने या बैठते समय फट जाती है। खूनी बवासीर से बचने के लिए निम्नलिखित सावधानियां अपनानी चाहिए :- प्रतिदिन खूब पानी पिएं और हाइड्रेटेड रहें , फाइबर युक्त आहार लें , मल त्याग करते समय ज्यादा जोर न लगाएं , नियमित रूप से सप्ताह में कम से कम पांच दिन अवश्य व्यायाम करें , लंबे समय तक बैठे न रहें । खूनी बवासीर का इलाज :- इसके उपचार की विधि समस्या की गंभीरता पर निर्भर करती है। हल्के मामलों में, दवाइयों और दवाओं का उपयोग करके सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है। होम्योपैथिक विभाग के द्वारा खूनी बवासीर को जड़ से ठीक किया जा सकता है । बशर्ते इसके लिए मरीज को धैर्यपूर्वक काफी दिनों तक इस बीमारी का इलाज करवाना चाहिए और चिकित्सक के बिना पूछे दवा नहीं बंद करना चाहिए। बादी बवासीर :- बादी बवासीर एक गंभीर मलाशय संबंधी समस्या होती है, जिसमें मलाशय की नसें सूज जाती हैं और मलाशय से बाहर लटकती हैं। अंग्रेजी में यह “Grade 3 or Grade 4 hemorrhoids” के रूप में भी जाना जाता है। बादी बवासीर के लक्षण :- बादी बवासीर के लक्षणों में खून आना, खुजली, सूजन और दर्द शामिल हैं। इसके साथ ही, मलत्याग के समय भी बादी बवासीर के रोगी को बहुत दर्द होता है और मलाशय में खुजली हो सकती है। बादी बवासीर के लक्षणों को अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए और समय रहते उपचार के लिए चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए ना कि बिना चिकित्सकीय परामर्श के बाजार से दवा खरीद के खाना चाहिए। बवासीर के महत्वपूर्ण उपचार :- बवासीर का इलाज स्थिति के प्रकार और गंभीरता पर निर्भर करता है। सामान्य मामलों में उच्च फाइबर आहार लेना, शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखना और नियमित व्यायाम करना जैसी जीवनशैली में परिवर्तन करने से हल किया जा सकता है। खुजली और असहजता जैसे सामान्य लक्षणों का इलाज क्रीम और उबटनों के इस्तेमाल से किया जा सकता है। गंभीर स्थितियों में चिकित्सा उपचार की आवश्यकता हो सकती है। यदि आप बवासीर के लक्षणों का अनुभव कर रहे हैं, तो अपने चिकित्सक से अवश्य परामर्श करें  ताकि आपकी व्यक्तिगत उपचार आवश्यकताओं के लिए सर्वश्रेष्ठ उपचारों का निर्धारण किया जा सके। होम्योपैथी एक ऐसी विधा है जिससे बवासीर की बीमारी को जड़ से ठीक किया जा सकता है। अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न :-  बवासीर क्यों होता है?       बवासीर कई कारणों से हो सकता है। कुछ मुख्य कारण में मल त्याग करते समय जोर लगाना, बैठने की लम्बी अवधि, कब्ज या दस्त का अधिक समय तक होना, अत्यधिक मोटापा, और गर्भावस्था शामिल है2. बवासीर की शुरुआत कैसे होती है?बवासीर उस समय शुरू होता है जब गुदा और मलाशय क्षेत्र की नसें सूज और फूल जाती हैं। इसके कई कारण हो सकते हैं। बवासीर की शुरुआती अवस्था में, लोगों को गुदा क्षेत्र में दर्द, खुजली और सूजन जैसे लक्षणों का सामना करना पड़ता है। कुछ मामलों में मल त्याग करते समय खून भी निकल सकता है।3. बवासीर में क्या खाना चाहिए?बवासीर के मरीज को आहार में फाइबर से भरपूर फल और सब्जी जैसे कि गाजर, सेब, पपीता, अनार, लौकी,पत्तागोभी,आदि, दालें, हरी सब्जियां और उनके सूप अधिक पानी पीना, नारियल पानी, आदि लेने की सलाह दी जाती है।4. बवासीर होने पर क्या नहीं खाना चाहिए?बवासीर के मरीज को अपने आहार में कुछ खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों की सूची में तले हुए और मसालेदार खाद्य पदार्थ, तीखे और तले हुए नमकीन स्नैक्स, तली हुई चीजें, मिर्च-मसाला वाले खाद्य पदार्थ, बहुत ज्यादा चाट पकौड़ी,जंक फूड टोमेटो सॉस आदि शामिल हैं।5. बवासीर जड़ से खत्म कैसे होता है?बवासीर को जड़ से खत्म करने के लिए कुछ मुख्य उपाय निम्नलिखित हैं:सही खान-पानपानी का सेवननियमित व्यायाम:चिकित्सा–बिना पूछे चिकित्सक से दवा बिल्कुल बंद नहीं करना चाहिए।प्रस्तुतकर्ता – विनय कुमार मिश्र 

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प्रवक्ता न्यूज़ सत्ता पक्ष को फिर मिला जनादेश

सत्ता पक्ष को फिर मिला जनादेश

सुरेश हिंदुस्तानी देश के दो राज्यों के साथ कुछ राज्यों के उपचुनाव के परिणाम ने सत्ता पक्ष के प्रति अपना जनादेश दिया है। हर चुनाव…

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लेख सोशल मीडिया के इस दौर में कैसे करें लेखन कार्य ?

सोशल मीडिया के इस दौर में कैसे करें लेखन कार्य ?

सुनील कुमार महला लिखना भी एक कला है। पहले पत्र-लेखन किया जाता था। अंतर्देशीय पत्र, पोस्टकार्ड लिखे जाते थे, डायरी लिखने की भी परंपरा थी।…

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राजनीति महाराष्ट्र-झारखंड में सियासी सूझबूझ मस्त, अहंकार पस्त

महाराष्ट्र-झारखंड में सियासी सूझबूझ मस्त, अहंकार पस्त

कमलेश पांडेय महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के साथ-साथ लोकसभा की दो सीटों और विभिन्न दर्जनाधिक राज्यों की 48 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के…

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लेख भारत-नेपाल की सांस्कृतिक, आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा दे रहा उत्तराखंड की धरोहर कहलाने वाला अंतरराष्ट्रीय जौलजीबी मेला

भारत-नेपाल की सांस्कृतिक, आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा दे रहा उत्तराखंड की धरोहर कहलाने वाला अंतरराष्ट्रीय जौलजीबी मेला

पिछले डेढ़ साल से मैं मिर्थी, पिथौरागढ़, उत्तराखंड में हूं। उस दिन15 नवंबर 2024 का दिन था। श्री गुरु नानक देव जी की जयंती होने…

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महिला-जगत चिंताजनक है महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा

चिंताजनक है महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा

– योगेश कुमार गोयलप्रतिवर्ष 25 नवम्बर को महिलाओं पर होने वाली हिंसा को रोकने के लिए विश्वभर में ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस’ मनाया जाता…

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राजनीति विश्व में भारत की साख बढ़ाने की मोदी प्रतिबद्धता

विश्व में भारत की साख बढ़ाने की मोदी प्रतिबद्धता

-ललित गर्ग-दुनिया में भारत एवं भारतीय लोकतंत्र का गौरव एवं सम्मान दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है, पिछले 10 साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक विश्व…

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