कविता ये सारी जीवात्मा न तो नर है और नहीं नारी है

ये सारी जीवात्मा न तो नर है और नहीं नारी है

—विनय कुमार विनायकइस प्रकृति प्रदत्त धरा धाम के पवित्र रंगमंच परये सारी जीवात्मा न तो नर है और नहीं नारी हैमगर इन सबकी अलग-अलग अपनी…

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पुस्तक समीक्षा जीवित, जाग्रत क्रांति पुरुष हैं हिन्दवी स्वराज्य के दुर्ग

जीवित, जाग्रत क्रांति पुरुष हैं हिन्दवी स्वराज्य के दुर्ग

– पुरु शर्मा (युवा साहित्यकार।) यात्राएं हमेशा रुचिकर होती हैं। उनका अपना लोक, चरित्र और व्यवहार होता है। यात्रा अपरिचय को परिचय में बदलती है, अज्ञात को ज्ञात में। यायावरी का…

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लेख बुनियादी सुविधाओं से पीछे क्यों रह जाती हैं स्लम बस्तियां

बुनियादी सुविधाओं से पीछे क्यों रह जाती हैं स्लम बस्तियां

बंदना कुमारीपटना, बिहार “आज भी हमलोग को यहां पीने का पानी भरने के लिए सुबह सुबह नल पर लाइन लगाना पड़ता है. अगर ज़रा देर…

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राजनीति मौत बांटते असुरक्षित कोचिंग सैंटर, पीजी और हॉस्टल

मौत बांटते असुरक्षित कोचिंग सैंटर, पीजी और हॉस्टल

– ललित गर्ग –दिल्ली में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कराने वाले एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत-हादसे…

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राजनीति ‘धर्मोन्मूलन’ को धर्मान्तरण कहने की धूर्त्तता और मूर्खता

‘धर्मोन्मूलन’ को धर्मान्तरण कहने की धूर्त्तता और मूर्खता

                                      मनोज ज्वाला    हिन्दुओं के ‘यीसाईकरण’ अथवा ‘इस्लामीकरण’ को उनका धर्मान्तरण कहना षड्यंत्रकारी धूर्त्तता और घोर मूर्खता है ; क्योंकि  हिन्दू समाज धर्मधारी होता है और क्रिश्चियनिटी , अर्थात ‘यीसाइयत’ एक रिलीजन…

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पुस्तक समीक्षा मानवीय मूल्यों को खोजती शेर-ओ-शायरी की पुस्तक “हसरतें”

मानवीय मूल्यों को खोजती शेर-ओ-शायरी की पुस्तक “हसरतें”

राकेश सूद की पुस्तक “हसरतें” एक मौलिक, अनूठा प्रयास उमेश कुमार सिंह एक इंसान जब दुनिया को ख़ूबसूरत बनाने के ख़्वाब देखता है तो उसके…

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कविता मेरा प्यारा गांव है ये

मेरा प्यारा गांव है ये

गरिमा जोशीउत्तरोडा, उत्तराखंड मेरा प्यारा गांव है ये,सुंदर सुंदर गांव है ये ,बारिश की बूंदों से हरियाली आई,जगह जगह खुशहाली छाई,खेतों में चमचमाहट है,हवाओं में…

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बच्चों का पन्ना आजकल के ये बच्चे

आजकल के ये बच्चे

पूजा आर्याचौरा, उत्तराखंड आजकल के ये बच्चे, नहीं लगते अब सच्चे,मां बाप की डांट, नहीं मानते वे अच्छे,मोबाइल और इंटरनेट की दुनिया में,हर वक्त वो…

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लेख साहित्य में मनभावन सावन

साहित्य में मनभावन सावन

-डॉ. सौरभ मालवीय वर्षा ऋतु कवियों की प्रिय ऋतु मानी जाती है। इस ऋतु में सावन मास का महत्व सर्वाधिक है। ज्येष्ठ एवं आषाढ़ की…

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राजनीति प्रभात झा पत्रकारिता एवं राष्ट्रवादी सोच के पुरोधा-पुरुष

प्रभात झा पत्रकारिता एवं राष्ट्रवादी सोच के पुरोधा-पुरुष

-ललित गर्ग- पत्रकारिता के एक महान् पुरोधा पुरुष, मजबूत कलम एवं निर्भीक वैचारिक क्रांति के सूत्रधार, उत्कृष्ट राष्ट्रवादी, भाजपा के नेता और भाजपा मुखपत्र ‘कमल’…

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राजनीति किसान आन्दोलन की समाधान राहें बातचीत से ही खुलेगी

किसान आन्दोलन की समाधान राहें बातचीत से ही खुलेगी

-ः ललित गर्ग:- मोदी सरकार 3.0 के पहले बजट में वित्त मंत्री ने सरकार की जिन 9 प्राथमिक्ताओं का जिक्र किया उसमें विकसित भारत लिये…

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लेख सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को आकार देती हैं पाठ्यपुस्तकें

सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों को आकार देती हैं पाठ्यपुस्तकें

 एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें भारत की शिक्षा प्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, ऐसे कई क्षेत्र हैं जहाँ वे छात्रों के सामाजिक और सांस्कृतिक मूल्यों पर…

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