लेख ममता को सराहौं या सराहौं रमन सिंह को

ममता को सराहौं या सराहौं रमन सिंह को

संजय द्विवेदी नक्सलवाद के पीछे खतरनाक इरादों को कब समझेगा देश नक्सलवाद के सवाल पर इस समय दो मुख्यमंत्री ज्यादा मुखर होकर अपनी बात कह…

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राजनीति बड़ें फैसलें लेने में जल्दबाजी ठीक नहीं

बड़ें फैसलें लेने में जल्दबाजी ठीक नहीं

 राजीव गुप्ता यूपीए – 2 इस समय अपने कार्यकाल के सबसे बुरे दौर से गुजर रही है ! सरकार जल्दबाजी और अपने गलत फैसलों के…

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लेख दिल्ली के दिल में छुपी:उग्रसेन की बावली

दिल्ली के दिल में छुपी:उग्रसेन की बावली

आज चाहे देश की राजधानी दिल्ली हो या देश का अन्य कोई भाग लोगों को पानी, बिजली आदि समस्याओं की मार झेलनी पड़ती है. गर्मियों…

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खान-पान सूप (soup) के विभिन्न प्रकार – Appetizer

सूप (soup) के विभिन्न प्रकार – Appetizer

टमाटर का क्रीमी सूप ( tomato soup with creamy layer) सामग्री (ingredients) 1 किलोग्राम टमाटर (1 kg tomato) ½ प्याला साबुत गरम मसाला (काली मिर्च,…

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साहित्‍य कहो कौन्तेय-६९

कहो कौन्तेय-६९

विपिन किशोर सिन्हा (सात्यकि और भीमसेन का पराक्रम) महासमर के चौदहवें दिन का सूरज भी नियत समय पर उदित हुआ। रणवाद्यों की गूंज से आकाश…

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राजनीति कांग्रेस पार्टी के दो चेहरे

कांग्रेस पार्टी के दो चेहरे

वीरेन्द्र सिंह परिहार कहा जाता है कि इतिहास अपने-आप को दुहराता है। कुछ ऐसा ही नजारा इन दिनों देखने को मिल रहा है। कभी वर्ष…

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हिंद स्‍वराज सतर्क रहे भारत ताकि…

सतर्क रहे भारत ताकि…

दूर झरोखे से भारत  नरेश भारतीय अन्य देशों की तरह भारत में भी निस्संदेह राजनीति के अतिरिक्त भी अनेक ऐसे मुद्दे होते हैं जो आम…

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गजल लेकिन किसी के दिल को दुखाना भी नहीं है…..

लेकिन किसी के दिल को दुखाना भी नहीं है…..

इक़बाल हिंदुस्तानी बच्चे की ज़िद है महंगी बहाना भी नहीं है, मिट्टी के खिलौनों का ज़माना भी नहीं है। दुश्मन से डरके हाथ मिलाना भी…

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लेख कांग्रेस का सफर-गरीब से भिखारी तक

कांग्रेस का सफर-गरीब से भिखारी तक

अब्दुल रशीद आजादी के बाद से गरीबों के नाम पर राजनीति करने वाले कांग्रेस के युवराज ने एक कदम आगे चल कर भिखारियों की राजनीति…

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राजनीति ऐसे ही बचते रहे ‘युवराज’ तो बची हुई सीटें ही आएंगी ‘हाथ’!

ऐसे ही बचते रहे ‘युवराज’ तो बची हुई सीटें ही आएंगी ‘हाथ’!

मुकेश कुमार ‘गजेंद्र’   ऐसे ही बचते रहे ‘युवराज’ तो बची हुई सीटें ही आएंगी ‘हाथ’! गरीबों के मसीहा। मजलूमों के मददगार। आम के साथ इनका…

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लेख शर्म मगर इनको नहीं आती..

शर्म मगर इनको नहीं आती..

बुराई हर क्षेत्र में घर कर गई है और कलयुग में यह सच्चाई पर विजय भी प्राप्त करने लगी है| मीडिया भी इससे अछूता नहीं…

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गजल गली गली मैख़ाने हो गये

गली गली मैख़ाने हो गये

गली गली मैख़ाने हो गये कितने लोग दीवाने हो गये। महक गई न दूध की मूंह से बच्चे जल्दी सयाने हो गये। हम प्याला हो…

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