जन-जागरण उत्तर प्रदेश बनाम उल्टा प्रदेश

उत्तर प्रदेश बनाम उल्टा प्रदेश

सुरेन्द्र अग्निहोत्री देश का हृदय प्रदेश के रूप में पहचाने जाने वाला उत्तर प्रदेश कभी गंगा और यमुना और गोमती की चंचल लहरों के बीच…

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साहित्‍य पत्रों में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम

पत्रों में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम

प्रमोद भार्गव पाश्चात्य इतिहास लेखकों की स्वार्थपरक और कूटनीतिक विचारधारा से कदमताल मिलाकर चलने वाले कुछ भारतीय इतिहास लेखकों के चलते आज भी इतिहास की…

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राजनीति वामपंथी सांसद ही महंगाई पर मुखर रहे, बाकी सिर्फ गाल बजाते रहे

वामपंथी सांसद ही महंगाई पर मुखर रहे, बाकी सिर्फ गाल बजाते रहे

श्रीराम तिवारी जिनका मकसद सिर्फ हंगामा खड़ा करना और मीडिया के मार्फ़त जन-समर्थन बढ़ाने या बहरहाल जो है; जितना है; जहां है; उसे बरकरार रखने…

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मीडिया सदाचार की शिक्षा और पत्रकारिता

सदाचार की शिक्षा और पत्रकारिता

प्रो. बृजकिशोर कुठियाला एक जिलाधीश के पास उस प्रदेश के मुख्यमंत्री का फोन आया। उनकी बात सुनने के बाद जिलाधीश ने मुख्यमंत्री को फोन पर…

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धर्म-अध्यात्म श्रीमद्भगद्गीता और छद्म धर्मनिरपेक्षवादी – चर्चा-५

श्रीमद्भगद्गीता और छद्म धर्मनिरपेक्षवादी – चर्चा-५

विपिन किशोर सिन्हा छद्म धर्मनिरपेक्षवादियों को जब कोई पुष्ट आरोप समझ में नहीं आता, तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या भाजपा द्वारा किए गए अच्छे कार्यों…

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विविधा अपमान को पुनर्परिभाषित करने की जरूरत

अपमान को पुनर्परिभाषित करने की जरूरत

वीरेन्द्र जैन यह परम्परा सी बन गयी है कि प्रति वर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के बाद हर क्षेत्र से दो एक समाचार ऐसे…

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विश्ववार्ता आंतकवादः अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे

आंतकवादः अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे

प्रमोद भार्गव साम्राज्यवादी चीन अपने ही देश में आतंकवादी हमलों का शिकार होने के बाद अहसास कर रहा है कि अब ऊॅट पहाड़ के नीचे…

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आर्थिकी कर्ज संकट की आग में जल सकता है भारत

कर्ज संकट की आग में जल सकता है भारत

 सतीश सिंह स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने अमेरिका की लॉन्ग टर्म कर्ज की रेटिंग को ‘ट्रिपल ए’ से कम करके ‘एए प्लस’ कर दिया है। रेटिंग…

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विधि-कानून ‘‘जनता आगे, नेता पीछे ’’

‘‘जनता आगे, नेता पीछे ’’

वीरेन्द्र सिंह परिहार अब यह कहने में कोई झिझक नही कि लोकपाल मुद्दे पर जनता आगे हो गई है, और हमारा राजनैतिक नेतृत्व पीछे हो…

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राजनीति शिक्षा वहां, राजनीति यहां

शिक्षा वहां, राजनीति यहां

विजय कुमार भारत में अधिकांश राजनेता धरती की राजनीति करने का दावा करते हैं, फिर भी धरातल की समस्याएं नहीं सुलझतीं। इसमें एक बड़ा दोष…

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धर्म-अध्यात्म श्रीमद्भगवद्गीता और छद्म धर्मनिरपेक्षवादी – चर्चा-४

श्रीमद्भगवद्गीता और छद्म धर्मनिरपेक्षवादी – चर्चा-४

विपिन किशोर सिन्हा             कर्म गीता का मूलमंत्र है। निष्काम कर्मयोग में सारे दर्शन समाहित हैं। Work is worship — कार्य ही पूजा है, का…

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विविधा ये कैसी आजादी

ये कैसी आजादी

पंकज व्यास चाहे लोकपाल बिल हो, या काला धन भारत में लाने की मांग, इस आजाद (?)देश में विरोध के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी…

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