ये कैसा लोकतंत्र है ?
Updated: December 7, 2011
वीरेन्द्र सिंह राठौर कैबिनेट से सरकारी ड्राफ्ट को मंजूरी मिलते ही अन्ना हजारे ने इसे देश के साथ धोखा बताते हुए….. 16 अगस्त से फिर…
Read moreआरक्षण समानता या विषमता
Updated: December 7, 2011
आरक्षण का जिन्न आजकल फिर चर्चा में है इसको बाहर लाने का दोषी फिल्म निर्माता प्रकाश झा जी को ठहराया जा रहा है पर इसमें…
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उत्तर प्रदेश बनाम उल्टा प्रदेश
Updated: December 7, 2011
सुरेन्द्र अग्निहोत्री देश का हृदय प्रदेश के रूप में पहचाने जाने वाला उत्तर प्रदेश कभी गंगा और यमुना और गोमती की चंचल लहरों के बीच…
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पत्रों में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम
Updated: December 7, 2011
प्रमोद भार्गव पाश्चात्य इतिहास लेखकों की स्वार्थपरक और कूटनीतिक विचारधारा से कदमताल मिलाकर चलने वाले कुछ भारतीय इतिहास लेखकों के चलते आज भी इतिहास की…
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वामपंथी सांसद ही महंगाई पर मुखर रहे, बाकी सिर्फ गाल बजाते रहे
Updated: December 7, 2011
श्रीराम तिवारी जिनका मकसद सिर्फ हंगामा खड़ा करना और मीडिया के मार्फ़त जन-समर्थन बढ़ाने या बहरहाल जो है; जितना है; जहां है; उसे बरकरार रखने…
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सदाचार की शिक्षा और पत्रकारिता
Updated: December 7, 2011
प्रो. बृजकिशोर कुठियाला एक जिलाधीश के पास उस प्रदेश के मुख्यमंत्री का फोन आया। उनकी बात सुनने के बाद जिलाधीश ने मुख्यमंत्री को फोन पर…
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श्रीमद्भगद्गीता और छद्म धर्मनिरपेक्षवादी – चर्चा-५
Updated: December 7, 2011
विपिन किशोर सिन्हा छद्म धर्मनिरपेक्षवादियों को जब कोई पुष्ट आरोप समझ में नहीं आता, तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ या भाजपा द्वारा किए गए अच्छे कार्यों…
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अपमान को पुनर्परिभाषित करने की जरूरत
Updated: December 7, 2011
वीरेन्द्र जैन यह परम्परा सी बन गयी है कि प्रति वर्ष स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के बाद हर क्षेत्र से दो एक समाचार ऐसे…
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आंतकवादः अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे
Updated: December 7, 2011
प्रमोद भार्गव साम्राज्यवादी चीन अपने ही देश में आतंकवादी हमलों का शिकार होने के बाद अहसास कर रहा है कि अब ऊॅट पहाड़ के नीचे…
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कर्ज संकट की आग में जल सकता है भारत
Updated: December 7, 2011
सतीश सिंह स्टैंडर्ड एंड पुअर्स ने अमेरिका की लॉन्ग टर्म कर्ज की रेटिंग को ‘ट्रिपल ए’ से कम करके ‘एए प्लस’ कर दिया है। रेटिंग…
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‘‘जनता आगे, नेता पीछे ’’
Updated: December 7, 2011
वीरेन्द्र सिंह परिहार अब यह कहने में कोई झिझक नही कि लोकपाल मुद्दे पर जनता आगे हो गई है, और हमारा राजनैतिक नेतृत्व पीछे हो…
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शिक्षा वहां, राजनीति यहां
Updated: August 8, 2011
विजय कुमार भारत में अधिकांश राजनेता धरती की राजनीति करने का दावा करते हैं, फिर भी धरातल की समस्याएं नहीं सुलझतीं। इसमें एक बड़ा दोष…
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