
आतंकियों के स्लीपिंग सेल का पनाहगाह बना मध्य प्रदेश
Updated: December 16, 2011
विनोद उपाध्याय क्या मध्यप्रदेश, आतंकियों के स्लीपिंग सेल पनाहगाह बनता जा रहा है? भोपाल में पकड़े गए दो कश्मीरी आतंकियों व सिमी समेत अन्य आतंकी…
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कविता/अपनी जमीं पर…
Updated: December 16, 2011
आसमाँ सा ऊँचा उठकर, झिलमिल सपनों में खो जाऊँ। दीन-हीन की पीन पुकार, एक बधिरवत् सुन न पाऊँ। सागर-सी गहराई पाकर, अपने सुख मेँ डूबूँ-उतराऊँ,…
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पसंदीदा निवेश स्थान के रूप में भारत का उदय
Updated: December 16, 2011
आर. पी. सिंह विकासशील देशों में निवेश हेतु संसाधनों की जरूरत सामान्यत: घरेलू उपलब्ध संसाधनों से ज्यादा होती है। भारत में ऐतिहासिक तौर पर सकल…
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देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण है जूट
Updated: December 16, 2011
राजेश मल्होत्रा जूट उद्योग का भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान है। यह पूर्वी क्षेत्र खासकर पश्चिम बंगाल के प्रमुख उद्योगों में एक है। स्वर्ण…
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कहां जाकर लगेगा भारद्वाज का तीर
Updated: December 16, 2011
लिमटी खरे कर्नाटक में महामहिम राज्यपाल हंसराज भारद्वाज ने मुख्यमंत्री बी.एस.येदयुरप्पा के खिलाफ तलवार तानकर भले ही कांग्रेस का हित साधा हो पर उनके इस…
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दारुल उलूम देवबंद में बवाल
Updated: December 16, 2011
नए कुलपति को हटाने के लिए पर्दे के पीछे से खेल जारी वसतानवी के खिलाफ खबर नहीं छापने के लिए उर्दू के दो अखबार ने…
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मनमानी की पाठशाला
Updated: December 16, 2011
विनोद उपाध्याय बात 1978 की है जब लेफ्टिनेंट जनरल (अवकाश प्राप्त) केटी सतारावला को जबलपुर विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्ति किया गया था तब उन्होंने कहा…
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उर्दू पत्रकारिता पर विमर्श के बहाने एक सही शुरूआत
Updated: January 25, 2011
भारतीय भाषाओं को बचाने के लिए आगे आने की जरूरत – संजय द्विवेदी यह मध्यप्रदेश का सौभाग्य है कि उसकी राजधानी भोपाल से उर्दू पत्रकारिता…
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आखिर वसिष्ठ कौन थे?
Updated: January 23, 2011
सूर्यकांत बाली किसी भी भारतवासी के सामने आप वसिष्ठ का नाम ले लें तो एकदम बोल उठेगा, वही जो, दशरथ के कुलगुरू, जिन्होंने उनके चार…
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विकास का संदर्भ और स्वरूप
Updated: January 23, 2011
के. एन. गोविन्दाचार्य भारतीय संदर्भ में विकास के साथ कुछ बुनियादी शर्त जुड़ी हैं। यहां वास्तविक विकास कार्य उसी को कहा जा सकता है जिसमें…
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जीवन संवारने की तीन कलाएं
Updated: January 23, 2011
चैतन्य प्रकाश बदलाव लगातार है। थोड़ा गहरे से देखें तो यह बदलाव हर पल हो रहा है। सृष्टि का, संसार का अगर ठीक गुणवाचक नाम…
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भारतीय भाषाओं में अंतरसंवाद
Updated: January 24, 2011
अंग्रेजी के भाषाई साम्राज्यवाद के विरूद्ध संघर्ष की जरूरत भोपाल, 23 जनवरी, 2010। भोपाल के संभागायुक्त और चिंतक मनोज श्रीवास्तव का कहना है कि मातृभाषाओं…
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