राजनीति यह कैसा लोकतंत्र

यह कैसा लोकतंत्र

रोहित पंवार मतदाता पहचान पत्र हासिल करने की हमारी रूचि छिपी नहीं है. आखिर वोट देने से ज्यादा सिम खरदीने में यह जरुरी जो है…

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राजनीति क्या ऐसी शासन का शौक रखती है यह सरकार!

क्या ऐसी शासन का शौक रखती है यह सरकार!

विकास कुमार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में मायावती ने चौथी बार 13 मई 2007 को 1 बजकर40 मिनट पर शपथ ग्रहण की थी…

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राजनीति ये बैठक आरोप-प्रत्यारोप से उपर क्यों नहीं उठते?

ये बैठक आरोप-प्रत्यारोप से उपर क्यों नहीं उठते?

विकास कुमार भारत के आंतरिक सुरक्षा को लेकर केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच आम सहमति हमेशा से संदेहास्पद रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा राज्यों…

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विविधा ‘नॉटी’ नहीं, ये ‘नंगी’ रातें हैं…

‘नॉटी’ नहीं, ये ‘नंगी’ रातें हैं…

ऐसे अश्लील कार्यक्रमों का विरोध होना ही चाहिए गिरीश पंकज रेडियों की दुनिया से जुड़े मेरे मित्र तेजपाल हंसपाल का पिछले दिनों एक मोबाइल-सन्देश मिला…

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धर्म-अध्यात्म पूरब का सोमनाथ है भोजपुर का भोजेश्‍वर शिव मंदिर

पूरब का सोमनाथ है भोजपुर का भोजेश्‍वर शिव मंदिर

सतीश सिंह कला और संस्कृति के दृष्टिकोण से मध्यप्रदेश की धरती प्राचीन काल से ही उर्वर रही है। स्थापत्य कला में भी मध्यप्रदेश का स्थान…

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विश्ववार्ता तानाशाहों के ‘ताज उछालने’ के मूड में जनता जर्नादन

तानाशाहों के ‘ताज उछालने’ के मूड में जनता जर्नादन

तनवीर जाफ़री मिस्र के इतिहास में 11फरवरी 2011 का वह क्षण इतिहास के पन्नों में उस समय दर्ज हो गया जब देश की सत्ता पर…

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खेत-खलिहान रिकॉर्ड तोडेग़ा गेहूं ?

रिकॉर्ड तोडेग़ा गेहूं ?

शादाब जफर ”शादाब” चालू सीजन वर्ष में गेंहू की अच्छी फसल को देखते हुए गेंहू की खरीद बढने की पूरी पूरी संभावना है। सरकार का…

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राजनीति स्पष्ट जनादेश, वो क्या होता है???

स्पष्ट जनादेश, वो क्या होता है???

दिवस दिनेश गौड़ मित्रों बहुत दिनों से दिमाग में यही सवाल चल रहा है कि चारों ओर थू थू होने के बाद भी आखिर यह…

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प्रवक्ता न्यूज़ पनघटों पर पसरा सन्नाटा

पनघटों पर पसरा सन्नाटा

बुजुर्गों की विरासत को भूल गये लोग जल स्तर गिरने से सूखे कुएं बावड़ी/ कचरा पात्र बने प्राचीन जल स्त्रोत रघुवीर शर्मा किसी दौर में…

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धर्म-अध्यात्म ईसाइयत का लबादा और सत्य शोधक समाज

ईसाइयत का लबादा और सत्य शोधक समाज

नन्दलाल शर्मा धर्म भी कमाल की चीज़ है। हर कोई इसे अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करता है। चाहे वो पिछड़ा वर्ग की राजनीति करने…

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कविता अनामिका घटक की कविता – नि:शब्द

अनामिका घटक की कविता – नि:शब्द

खामोश हम तुम बात ज़िन्दगी से आँखों ने कुछ कहा धड़कन सुन रही है धरती से अम्बर तक नि:शब्द संगीत है मौसम की शोखियाँ भी…

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विविधा वेलेंटाइन डे का सच

वेलेंटाइन डे का सच

विजय कुमार बाजार भी बड़ी अजीब चीज है। यह किसी को भी धरती से आकाश या आकाश से धरती पर पहुंचा देता है। यह उसकी…

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