विविधा विकास के नाम पर भुखमरी भुगतते लोग

विकास के नाम पर भुखमरी भुगतते लोग

-राखी रघुवंशी बिसाली गांव के पूनमसिंह ने जीवन जीने के लिए कड़ा संघर्ष किया। बचपन से ही मजदूरी की, बंधुआ मजदूर रहा और अभावों में…

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टेक्नोलॉजी जिंदगी बन गए हो तुम !

जिंदगी बन गए हो तुम !

रेडिएशन के खतरों के बावजूद मोबाइल पर बरस रहा है लोगों का प्यार संजय द्विवेदी यह दौर दरअसल मोबाइल क्रांति का समय है। इसने सूचनाओं…

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राजनीति तीन साल के बच्चे शिव की गर्दन काट हत्‍या और विनायक सेन की उम्रकैद

तीन साल के बच्चे शिव की गर्दन काट हत्‍या और विनायक सेन की उम्रकैद

समन्वय नंद ओडिशा- झारखंड सीमा पर माओवादियों ने एक महिला होमगार्ड कांदरी लोहार की गोली मार कर हत्या कर दी है। जनजातीय वर्ग की महिला…

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खेत-खलिहान कितने बलिदानों के बाद, चेतेगी भारत सरकार ?

कितने बलिदानों के बाद, चेतेगी भारत सरकार ?

विश्वमोहन तिवारी (पूर्व एयर वाइस मार्शल) हम बड़े गर्व से कहते हैं कि हैं कि हम हरित क्रांति तथा दुग्ध क्रांति के युग में जी…

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विविधा एक अंग्रेज की ईमानदार स्वीकारोक्ति

एक अंग्रेज की ईमानदार स्वीकारोक्ति

डॉ. पुरुषोत्तम मीणा ‘निरंकुश’ जहां तक मुझे याद है, मैं 1977 से एक बात को बड़े-बड़े नेताओं से सुनता आ रहा हूँ कि भारतीय कानूनों…

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आर्थिकी आधुनिक भारत के मंदिरों की रक्षा कौन करेगा ?

आधुनिक भारत के मंदिरों की रक्षा कौन करेगा ?

श्रीराम तिवारी वर्तमान २१ वीं शताब्दी के इस प्रथम दशक की समाप्ति पर वैश्विक परिदृश्य जिन्ह मूल्यों ,अभिलाषाओं और जन-मानस की सामूहिक हित कारिणी आकांक्षाओं…

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विविधा पते और स्टैंप के बिना एक चिट्ठी

पते और स्टैंप के बिना एक चिट्ठी

गुज़रा हुआ प्रेम बिसार पाना मुश्किल होता है, तक़रीबन नामुमकिन। कोई जगह, कोई लमहा सबकुछ लेकर आ जाता है सामने। यादों की ऐसी ही एक…

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विविधा सिर्फ एक दिन प्यार करें !

सिर्फ एक दिन प्यार करें !

वेलैंटाइन डे (14फरवरी) पर विशेषः -संजय द्विवेदी क्या प्रेम का कोई दिन हो सकता है। अगर एक दिन है, तो बाकी दिन क्या नफरत के…

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विविधा एक प्रेमी के नोट्स

एक प्रेमी के नोट्स

चण्डीदत्त शुक्ल प्यार ना प्यास है, ना पानी। ना फानी है, ना रूहानी। मिठास है, तो कड़वाहट भी। बेचैनी है तो राहत भी। पहला प्यार…

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कविता सात प्रेम कविताएँ

सात प्रेम कविताएँ

1 चुपके से मैं तो चाहता था सदा शिशु बना रहना इसीलिए मैंने कभी नहीं बुलाया जवानी को फिर भी वह चली आई चुपके से…

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विविधा आदिवासियों का प्रणय पर्व भगोरिया

आदिवासियों का प्रणय पर्व भगोरिया

सतीश सिंह आधुनिकता का लबादा ओढ़कर हम धीरे-धीरे अपनी सभ्यता, संस्कृति, परम्परा और पहचान को भूलने लगे हैं। जबकि हमारे रीति-रिवाज हमारे लिए संजीविनी की तरह…

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विविधा जम्मू के भेदभाव को कब समझेंगे मनमोहन

जम्मू के भेदभाव को कब समझेंगे मनमोहन

बालमुकुन्द द्विवेदी जम्मू-कश्मीर रियासत का भारत में विलय 26 अक्तूबर 1947 को हुआ था, वह आज के वर्तमान भारत द्वारा शासित जम्मू-कश्मीर राज्य से कहीं…

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