उत्साह और उल्लास का पर्व: वसंत पंचमी
Updated: December 15, 2011
विजय कुमार बसंत ऋतु आते ही प्रकृति का कण-कण खिल उठता है। मानव तो क्या पशु-पक्षी तक उल्लास से भर जाते हैं। हर दिन नयी…
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विनायक सेन : व्यवस्था की उपज………
Updated: December 15, 2011
राजीव बिश्नोई “ईश्वर ने सब मनुष्यों को स्वतन्त्र पैदा किया हैं, लेकिन व्यक्तिगत स्वतंत्रता वहीं तक दी जा सकती हैं, जहाँ दुसरों की आजादी में दखल…
Read moreतीसरी दुनिया बनाम साम्राज्यवाद का चरागाह
Updated: December 15, 2011
श्रीराम तिवारी विगत दिनों मुंबई पोर्ट से दो समाचार एक जैसे आये. एक -विदेशी आयातित प्याज बंदरगाहों पर सड़ रही थी . कोई महकमा या…
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विरोध के बहाने मिशनरी को अपनी जमीन बचाने की चिंता
Updated: December 15, 2011
आर.एल.फ्रांसिस जैसे-जैसे नर्मदा कुंभ का दिन नजदीक आता जा रहा है वैसे ही ईसाई मिशनरी इसके विरोध में खुल कर सामने आने लगे है। उन्हें…
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अपनी जाति के ब्यूरोक्रेट्स से दूरी बनाएं माया
Updated: December 15, 2011
संजय सक्सेना उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी में वर्ण भेद हमेशा से ही चर्चा में रहा है। भाजपा को बनिया-ब्राहमण, कांग्रेस को ठाकुर-ब्राहमण और समाजवादी पार्टी…
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यह क्या हो रहा है?
Updated: December 15, 2011
श्याम नारायण रंगा ‘अभिमन्यु’ लोकतंत्रात्मक व्यवस्था में जनता द्वारा शासन को सुचारू चलाने के लिए एक तंत्र का निर्माण किया जाता है और आमजन अपने…
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आत्मशोधन, आत्मनिरीक्षण और आत्मपरीक्षण
Updated: December 15, 2011
नंदलाल शर्मा आज के समय में गाँधी के आदर्श और उनके मूल्यों की जरूरत हर किसी को हो रही हैं। देश में बढ़ती हिंसा और…
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पत्रकारिता विवि में मनाई गई बसंत पंचमी व निराला जयंती
Updated: December 15, 2011
भोपाल, 8 फरवरी । माखनलाल पत्रकारिता विवि में बसंत पंचमी के पावन पर्व पर मंगलवार को सरस्वती पूजा एवं महाकवि सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला की जयंती…
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अपनी आत्मा व आवाज दोनों खो चुकी है पत्रकारिता : श्याम खोसला
Updated: December 15, 2011
भोपाल, 7 फरवरी। इंडियन मीडिया सेंटर के निदेशक और मीडिया क्रिटिक के संपादक श्याम खोसला (दिल्ली) का कहना है कि वर्तमान युग में पत्रकारिता अपनी…
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भविष्य का मीडिया और समाज
Updated: December 15, 2011
पूजा श्रीवास्तव लोकतंत्र का पहरेदार, चौथा स्तम्भ-प्रेस भविष्य में क्या रूप इख्तियार करेगा इस बात ने हर किसी को अपने पाष में बांध रखा है।…
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माछ भात और मनमोहन सिंह का अर्थशास्त्र
Updated: December 15, 2011
डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री देश में मंहगाई जिस बेतहाशा गति से बढ रही है उससे आम आदमी का चिंतित होना स्वभाविक ही है। दरासल मंहगाई…
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खतरनाक भी हो सकती हैं सोशल नेटवर्किंग साइट्स
Updated: December 15, 2011
सतीश सिंह वैसे तो भारत में अनेक सोशाल नेटवर्किंग साइट्स चल रही हैं, पर उनमें से लोकप्रिय फेसबुक, ऑरकुट और ट्विटर को ही कहा जा…
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