त्वरित टिप्पणी: है राम के वजूद पे हिन्दोस्तां को नाज़
Updated: December 22, 2011
-फ़िरदौस ख़ान है राम के वजूद पे हिन्दोस्तां को नाज़ अहल-ए-नज़र समझते हैं इस को इमाम-ए-हिन्द लबरेज़ है शराब-ए-हक़ीक़त से जाम-ए-हिन्द सब फ़सलसफ़ी हैं ख़ित्त-ए-मग़रिब…
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रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद: ना तुम हारे ना हम जीते
Updated: December 22, 2011
-पंकज झा राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद पर आया फैसला यूं तो इस मामले का पटाक्षेप नहीं है. एक पक्ष के वकील के अनुसार तीनों…
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जहां राम लला की प्रतिमा विराजमान है, वह जमीन हिंदुओं को मंदिर के लिए दिया जाए: इलाहाबाद उच्च न्यायालय का ऐतिहासिक फैसला
Updated: December 22, 2011
लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ बेंच ने बाबरी मस्जिद रामजन्मभूमि पर ऐतिहासिक फैसला देते हुए कहा है कि विवादित जमीन को तीन हिस्सों में…
Read moreभारत की आत्मा है हिन्दू-मुस्लिम सांस्कृतिक एकता
Updated: December 22, 2011
‘साझा संस्कृति’ का एक प्रमुख तत्व है- ‘हिंदू-मुस्लिम सद्भाव’ तथा संस्कृति में हिंदू-मुस्लिम संस्कृतियों का एक-दूसरे में घुल-मिल जाना और इसी आत्मसातीकरण की दुहरी प्रक्रिया…
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अचानक सभी को “न्यायालय के सम्मान”(?) की चिंता क्यों सताने लगी है?…
Updated: December 22, 2011
-सुरेश चिपलूनकर पिछले एक-दो महीने से सभी लोगों ने तमाम चैनलों के एंकरों को गला फ़ाड़ते, पैनलिस्ट बने बैठे फ़र्जी बुद्धिजीवियों को बकबकाते और अखबारों के…
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अफ़वाहें… जंगल में आग की तरह फैलती हैं…
Updated: December 22, 2011
-फ़िरदौस ख़ान अफ़वाहें… जंगल में आग की तरह फैलती हैं… मौजूदा वक़्त की नज़ाकत को देखते हुए इससे बचकर रहना बेहद ज़रूरी है…क्योंकि अफ़वाहें और…
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बाबरी मसजिद प्रकरण- सांप्रदायिक विचारधारा ने असत्य का साथ थामा
Updated: September 29, 2010
-जगदीश्वर चतुर्वेदी बाबरी मस्जिद प्रकरण में उपजी सांप्रदायिक विचारधारा ने जहां एक ओर कानून एवं संविधान को अस्वीकार किया, दूसरी ओर, इतिहास का विद्रूपीकरण किया।…
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बाबरी मसजिद प्रकरण- अब साठ साल बाद सुप्रीम कोर्ट क्या करेगा ?
Updated: December 22, 2011
-जगदीश्वर चतुर्वेदी अब साठ साल बाद अचानक हमारे देश के सर्वोच्च न्यायालय को लगा है कि बाबरी मसजिद विवाद का कोई सर्वमान्य हल निकाल लिया…
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दोस्तों से वफ़ा की उम्मीदें, किस ज़माने के आदमी तुम हो……!
Updated: December 22, 2011
छत्तीसगढ़ बंधक प्रकरण और राष्ट्रीय मीडिया – पंकज झा. रायपुर से कोलकाता के लिए एक सेमीनार में शामिल होने कुछ पत्रकार मित्रों के साथ जा…
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दीनदयाल उपाध्याय चिन्तन की प्रासंगिकता
Updated: December 22, 2011
-डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री दीनदयाल उपाध्याय जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक थे। 1950 में जब भारतीय जनसंघ का गठन हुआ तो वे जनसंघ का…
Read moreआदमी और बन्दर : संस्कृति का अन्तर
Updated: December 22, 2011
मनुपैन्ज़ी होते यदि हम वृद्ध न होते. -विश्वमोहन तिवारी, एयर वाइस मार्शल (से.नि) बुढ़ापा अर्थात् बीमारियां, अस्वस्थता, कमजोरी, कष्ट तथा दुख! बुढ़ापे का कारण है…
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विविधतापूर्ण खेती से कम हो सकती है मंहगाई
Updated: December 22, 2011
-सतीश सिंह सुशासन बाबू के नाम से विख्यात बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा के हिलसा प्रखंड के गांवों में आजकल पारंपरिक…
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