साहित्‍य हिन्दी के लेखक संगठनों में दरबारी संस्कृति

हिन्दी के लेखक संगठनों में दरबारी संस्कृति

उनकी आलोचना करो तो नाराज हो जाते हैं और प्रशंसा करो तो फूलकर कुप्पा हो जाते हैं। वे चाहते हैं सच को किंतु प्यार करते…

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व्यंग्य Default Post Thumbnail

व्यंग्य/ देश के फ्यूचर का सवाल है बाबा!

ऐक्चुअली मैं उनका खासमखास तबसे हुआ जबसे मैंने चुनाव में उनके नाम भारी जाली मतदान सफलतापूर्वक करवाया था और वे भारी मतों से जीते थे।…

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राजनीति माओवादी नेताओं के साथ आम अपराधियों जैसा व्यवहार हो

माओवादी नेताओं के साथ आम अपराधियों जैसा व्यवहार हो

बिहार के गया जिले में टिकारी प्रखंड कार्यालय से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर बारा नाम का एक गांव है। उसी गांव में 12…

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राजनीति बिहार का बदलता परिवेश – संतोष सारंग

बिहार का बदलता परिवेश – संतोष सारंग

बिहार के बंटवारे के बाद प्रचुर प्राकृतिक संसाधन झारखंड के हिस्से में चला गया। यहां के लोगों को बाढ़ व सुखाड़ की त्रासदी मिली। ऊपर…

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राजनीति न्यायपालिका और लोकतंत्र – राजीव तिवारी

न्यायपालिका और लोकतंत्र – राजीव तिवारी

न्यायपालिका, विधायिका तथा कार्यपालिका का समन्वित स्वरूप ही लोकतंत्र होता है। लोकतंत्र में न्यायपालिका, विधायिका तथा कार्यपालिका एक दूसरे के पूरक भी होते हैं तथा…

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आर्थिकी महंगाई घटने के आसार!

महंगाई घटने के आसार!

नई दिल्ली. महंगाई से जहां परेशान जनमानस बेहाल है, वहीं सरकार का मानना है महंगाई में कमी के संकेत मिले हैं. कृषि एवं उपभोक्ता मामले,…

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कला-संस्कृति दफन हो जाये ऐसी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

दफन हो जाये ऐसी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता

मकबूल फिदा हुसैन को लेकर फिर चर्चा है। कतर की नागरिकता लेने के बाद उनके पक्ष में तकरीरें की जा रही है। प्रगतिशील और भारतीय…

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राजनीति मोदी के लिए नासूर बनता जा रहा है महुआ का किसान आन्दोलन

मोदी के लिए नासूर बनता जा रहा है महुआ का किसान आन्दोलन

भावनगर जिले के महुआ प्रखंड में निरमा डिटरजेंट प्राईवेट लि0 को गुजरात सरकार ने सीमेंट उद्योग लगाने के लिए 4500 हेक्टर जमीन आवंटित की है।…

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पुस्तक समीक्षा पुस्‍तक समीक्षा/‘बुद्धिजीवियों’ की मुश्किल

पुस्‍तक समीक्षा/‘बुद्धिजीवियों’ की मुश्किल

पूरन चंद जोशी की नयी किताब ‘यादों से रची यात्रा’ किसी उपन्यास की तरह एक सांस में पढ़ गया। सभ्यता के भविष्य को लेकर गहरे…

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विविधा Default Post Thumbnail

विकासमूलक संचार की तलाश में

विकासमूलक सम्प्रेषण का लक्ष्य है शोषण से मुक्ति दिलाना। व्यक्तिगत और सामुदायिक सशक्तिकरण। इस अर्थ में विकासमूलक सम्प्रेषण सिर्फ संदेश देने का काम नहीं करता…

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राजनीति जनता के पैसे का तबियत से दुरूपयोग करते हैं जनसेवक

जनता के पैसे का तबियत से दुरूपयोग करते हैं जनसेवक

आजाद भारत में जनता को दो महत्वपूर्ण अधिकार दिया गया है, एक है वोट देने का, और दूसरा है कर देने का। वोट देकर वह…

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विविधा कहां गई गौरैया की चहचहाहट

कहां गई गौरैया की चहचहाहट

याद है, जब छोटे थे, तब स्कूल जाने के लिए अलह सुबह उठाया जाता था, यह कहकर देखो चिडिया आई, देखो कौआ आया, वो देखो…

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