विविधा लोकतंत्र में धनकुबेर बनते नौकरशाह

लोकतंत्र में धनकुबेर बनते नौकरशाह

मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में तीन आईएएस अफसरों सहित कई अन्य सरकारी मुलाज़िमों के ठिकानों पर इन्कम टैक्स के छापों में अब तक करीब 500 करोड़…

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सिनेमा शाहरुख खान एक्टविस्ट नहीं है राजदीप सरदेसाई

शाहरुख खान एक्टविस्ट नहीं है राजदीप सरदेसाई

हिन्दी फिल्मों के बादशाह शाहरूख खान की नई फिल्म ‘माई नेम इज़ खान’ आज सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो गई। शाहरूख का कसूर है कि उन्होंने…

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व्यंग्य Default Post Thumbnail

व्यंग्य/ एक सफल कार्यक्रम

पहली बार हिमालय के हिमपात के मौसम और अपनी गुफा को अकेला छोड़ गौतम और भारद्वाज मुनि दिल्ली सरकार के राज्य अतिथि होकर राजभवन में…

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पर्यावरण पर्यावरणवादियों के तर्कशास्त्र के परे

पर्यावरणवादियों के तर्कशास्त्र के परे

पर्यावरण के प्रति उत्तर-आधुनिकों का रवैया मिथकीय और विज्ञान विरोधी है। पर्यावरण को ये लोग पूंजीवाद के आम नियम से पृथक् करके देखते हैं। कायदे…

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विविधा गांधी जी, संघ और हम

गांधी जी, संघ और हम

‘बापू हम शर्मिन्दा हैं…’ शीर्षक से उनके बलिदान-दिवस पर जैसी एकांगी, तथ्यों के विपरीत टिप्पणियाँ एक दैनिक समाचारपत्र में प्रकाशित हुई हैं, उन्हें पढ़कर किसी…

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कविता कविता : अब हैरान हूँ मैं ….

कविता : अब हैरान हूँ मैं ….

जीवन की इस भीड़ भरी महफ़िल में, एक ठहरा हुआ सा वीरान हूँ मै, क्यों आते हो मेरे यादों के मायूस खंडहरों में , अब…

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विविधा प. दीनदयाल उपाध्याय और राष्ट्र जीवन-दर्शन

प. दीनदयाल उपाध्याय और राष्ट्र जीवन-दर्शन

विलक्षण बुद्धि, सरल व्यक्तित्व एवं नेतृत्व के अनगिनत गुणों के स्वामी , प. दीनदयाल उपाध्याय जी की हत्या सिर्फ 52 वर्ष की आयु में 11…

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विविधा पुण्यतिथि 11 फरवरी पर विशेष : आधुनिक राजनीति में सिद्धान्तनिष्ठता व शुचिता के राजदूत पं. दीनदयाल उपाध्याय

पुण्यतिथि 11 फरवरी पर विशेष : आधुनिक राजनीति में सिद्धान्तनिष्ठता व शुचिता के राजदूत पं. दीनदयाल उपाध्याय

राजनीति ने राष्ट्र-जीवन में कुछ ऐसे दोष उत्पन्न कर दिये हैं जो हमारे लिये अभिशाप बन गये हैं। जातिवाद, सिध्दान्तहीनता, पदलोलुपता, वैमनस्यता और अनुशासनहीनता सर्वत्र…

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विविधा एकात्म मानववाद यानी कमाने वाला खिलायेगा

एकात्म मानववाद यानी कमाने वाला खिलायेगा

दीनदयाल उपाध्‍याय पुण्‍यतिथि (11 फरवरी ) पर विशेष भारत में स्वतंत्रता से पूर्व जितने भी आंदोलन हुए उसका एक ही ध्येय था स्वतंत्रता की प्राप्ति,…

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धर्म-अध्यात्म रोकना होगा साई बाबा के नाम का व्यवसायीकण

रोकना होगा साई बाबा के नाम का व्यवसायीकण

भारत धर्मभीरू देश है, इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है। हिन्दुस्तान में हर धर्म, हर भाषा, हर संप्रादाय, हर पंथ के लोगों…

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पर्यावरण अकेले नहीं आता अकाल-अनुपम मिश्र

अकेले नहीं आता अकाल-अनुपम मिश्र

अकाल की पदचाप साफ सुनाई दे रही है। सारा देश चिंतित है। यह सच है कि अकाल कोई पहली बार नहीं आ रहा है लेकिन…

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राजनीति क्या इसीलिए कहलाते हैं ये जनसेवक!

क्या इसीलिए कहलाते हैं ये जनसेवक!

अंतिम छोर के आदमी को दो सौ साल लगेंगे बुनियादी सुविधाएं मिलने में तीन दशक पहले माल वाहक वाहनों पर ”लोक वाहक” लिखा होता था,…

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