धर्म-अध्यात्म “प्रातः सायं ईश्वर की उपासना मनुष्य का अनिवार्य धर्म है” August 24, 2018 / August 24, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, मनुष्य मननशील प्राणी को कहते हैं। हम मननशील हैं, अतः हमारा प्रमुख कार्य मनन पूर्वक सभी कार्यों को करना है। मनुष्य संसार में आता है तो वह वह संसार को देख कर जिज्ञासा करता है कि यह संसार किसने बनाया है? सूर्य, चन्द्र, पृथिवी, ग्रह-उपग्रह तथा लोक लोकान्तर किसने बनाये हैं? पृथिवी […] Read more » Featured अन्तर्यामी ईश्वर कर्म गुण परमेश्वर शुद्ध सनातन सर्वज्ञ सर्वोपरि विराजमान स्वभाव स्वयंसिद्ध
धर्म-अध्यात्म ‘ऋषि दयानन्द ने देश और धर्म की रक्षा के लिए ही आर्यसमाज बनाया’ August 22, 2018 / August 22, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द ने 10 अप्रैल, 1875 ई. को मुम्बई में आर्यसमाज की स्थापना की थी। आर्यसमाज की स्थापना का कारण वैदिक धर्म एवं संस्कृति सहित देश की रक्षा करना था। यह सुविदित है कि प्राचीन वैदिक सनातन धर्म में महाभारत व उसके बाद विकृतियां आनी आरम्भ हो गईं थीं। इसका कारण महाभारत […] Read more » Featured आर्यसमाज आर्याभिविनय ईश्वर ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका ऋषि दयानन्द धर्म की रक्षा सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म “सत्यार्थ-प्रकाश का हिन्दी में लिखा जाना एक अत्यन्त महत्वपूर्ण घटना” August 21, 2018 / August 21, 2018 by मनमोहन आर्य | 3 Comments on “सत्यार्थ-प्रकाश का हिन्दी में लिखा जाना एक अत्यन्त महत्वपूर्ण घटना” मनमोहन कुमार आर्य, सत्यार्थप्रकाश कोई सामान्य ग्रन्थ न होकर वैदिक धर्मियों का धर्मग्रन्थ है जिसका आधार वेद और वेद की निर्भ्रान्त सत्य मान्यतायें एवं सिद्धान्त हैं। हम सत्यार्थप्रकाश को धर्म ग्रन्थ इस लिये कह रहे हैं कि सामान्य व्यक्ति वेदों का अध्ययन कर उससे वह लाभ नहीं उठा सकता जो सत्यार्थप्रकाश से प्राप्त होता है। […] Read more » Featured अज्ञान अन्धविश्वास ईश्वर ऋषि दयानन्द गुरु स्वामी विरजानन्द सरस्वती पाखण्ड सत्यार्थप्रकाश
धर्म-अध्यात्म “भ्रान्ति-निवारण पुस्तक से चुने ज्ञानवर्धक व मार्गदर्शक ऋषि-वचन” August 16, 2018 / August 16, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, हमने इससे पूर्व ऋषि दयानन्द जी के लघु-ग्रन्थ भ्रान्ति-निवारण से 25 चुने हुए ऋषि वचनों को प्रस्तुत किया था। आज हम इसी पुस्तक के शेष ऋषि वचनों को आपके लाभार्थ प्रस्तुत कर रहे हैं। 26- चारों वेदों में एक से दूसरा ईश्वर कहीं प्रतिपादन नहीं किया है तथा इन्द्र, अग्नि […] Read more » Featured ईश्वर ऋषि दयानन्द ज्ञानवर्धक व मार्गदर्शक ऋषि-वचन” धार्मिक विद्वान भ्रान्ति-निवारण पुस्तक मनुष्य
धर्म-अध्यात्म ब्रह्मा आचार्य रणजीत शास्त्री का सम्बोधन” August 13, 2018 / August 13, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, वैदिक साधन आश्रम तपोवन, देहरादून के यशस्वी मंत्री श्री प्रेम प्रकाश शर्मा जी द्वारा अपने निवास दून विहार, राजपुर रोड, देहरादून के समीप सनातन धर्म के राधाकृष्ण मन्दिर में आठ दिवसीय ‘यजुर्वेद पारायण यज्ञ एवं रामकथा’ का आयोजन किया गया है। यह आयोजन 4 अगस्त, 2018 को आरम्भ हुआ था जिसका समापन […] Read more » Featured आर्यसमाज ईश्वर ज्ञान प्रेमप्रकाश शर्मा बुद्धि ब्रह्मा आचार्य रणजीत शास्त्री का सम्बोधन” महर्षि दयानन्द विद्या विनम्रता वैदिक साधन शिक्षा
प्रवक्ता न्यूज़ “शिक्षापत्री- ध्वान्ति-निवारण लघु पुस्तक में कुछ आप्त ऋषि-वचन” August 13, 2018 / August 13, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द सरस्वती जी ने एक लघु पुस्तक स्वामी नारायण मत वा इस मत के आचार्य सहजानन्द की पुस्तक ‘शिक्षा पत्री’ के खण्डन में लिखी है। इस पुस्तक में प्रयोग में आये कुछ आप्त वचनों वा ऋषि-वचनों को हम यहां अपने श्रद्धास्पद आर्य बहिन-भाईयों के स्वाध्याय के लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। […] Read more » Featured ईश्वर ऋषि दयानन्द सरस्वती कण्ठी पाषाण आदि मूर्तिपूजन लघु पुस्तक वीर्य्यरूप शिक्षापत्री- ध्वान्ति सर्वव्यापक
धर्म-अध्यात्म “वेद, ईश्वर, जीवात्मा और प्रकृति के सत्य स्वरुप का प्रचार करने से आर्यसमाज मुझे प्रिय है” August 11, 2018 / August 11, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, संसार में सत्य और असत्य तथा विद्या और अविद्या का अस्तित्व है और मनुष्य को दोनों का ज्ञान होना चाहिये। यदि हमें पता हो कि सत्य क्या है और विद्या क्या है तो हम उसके विपरीत व उल्टे असत्य व अविद्या को भी समझ सकते हैं। मनुष्य के मन में अनेक बार […] Read more » Featured आर्यसमाज वेदों ईश्वर ऋषि दयानन्द धार्मिक व सामाजिक मनुष्य व प्राणी वेद संसार
धर्म-अध्यात्म “गृहस्थ आश्रम सुख का धाम कब होता है?” August 6, 2018 / August 6, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, हमें मनुष्य जीवन परमात्मा से मिलता है। हमारा परमात्मा सच्चिदानन्दस्वरूप, निराकार, सर्वशक्तिमान, सर्वज्ञ, सृष्टि का कर्ता, धर्त्ता व हर्त्ता है। संसार में तीन सत्तायें हैं जिन्हें ईश्वर, जीव व प्रकृति के नाम से जाना जाता है। तीनों सत्तायें अत्यन्त सूक्ष्म है। ईश्वर सर्वातिसूक्ष्म है। ईश्वर जीव व प्रकृति दोनों के भीतर विद्यमान […] Read more » “गृहस्थ आश्रम सुख का धाम कब होता है?” Featured अवतारवाद ईश्वर कृत्य मूर्तिपूजा फलित ज्योतिष मनुष्य समान है मृतक श्राद्ध सबका आदर करें समाज
धर्म-अध्यात्म “देश में जन्मना जाति व्यवस्था 1350 वर्ष पूर्व आरम्भ हुई” August 3, 2018 / August 3, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, वेद मनुष्य के गुण, कर्म व स्वभाव को महत्व देते हैं। जो मनुष्य श्रेष्ठ गुण, कर्म व स्वभाव वाला है वह द्विज और जो गुण रहित है उसे शूद्र कहा जाता है। द्विज ब्राह्मण, क्षत्रिय व वैश्य को कहते हैं जो गुण, कर्म व स्वभाव की उत्तमता से होते हैं। […] Read more » 1350 वर्ष पूर्व आरम्भ हुई” Featured आचार्य ईश्वर ऋषि दयानन्द चाणक्य देश में जन्मना जाति व्यवस्था धर्म पिता पूर्व परजन्म ब्राह्मण माता मुक्ति विद्या वेद सत्संग
धर्म-अध्यात्म “ईश्वर हमें अन्धकार से हटाकर ज्ञानरूपी प्रकाश को प्राप्त कराये” July 24, 2018 / July 24, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, जीवात्मा और परमात्मा का व्याप्य-व्यापक सम्बन्ध है। जीवात्मा में ईश्वर व्यापक है और जीवात्मा ईश्वर में व्याप्य है। सर्वव्यापक ईश्वर जीवात्मा से सूक्ष्म है और इसके भीतर भी व्यापक है। मनुष्य जीवन मिलने पर जीवात्मा अन्तःकरण चतुष्टय और ज्ञान व कर्मेन्द्रियों की सहायता से सत्य व असत्य, ज्ञान व अज्ञान, हित व […] Read more » “ईश्वर हमें अन्धकार से हटाकर ज्ञानरूपी प्रकाश को प्राप्त कराये” Featured अर्थ अहंकार ईश्वर ऋषि दयानन्द काम व मोक्ष क्रोध धर्म महर्षि दयानन्द मोह लोभ
धर्म-अध्यात्म “हम ईश्वर के गुणों का साक्षात्कार कर उससे लाभ उठा सकते हैं” July 23, 2018 / July 23, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, हम अपने परिवार, मित्र मण्डली तथा पड़ोसी आदि अनेक लोगों को जानते हैं। हम से कोई पूछे कि क्या अमुक व्यक्ति को आप जानते हैं तो हमारा उत्तर होता है कि हां, हम उसे जानते हैं। हमारा यह उत्तर पूर्ण सत्य नहीं होता। हम न तो किसी मनुष्य के सभी गुणों को […] Read more » “हम ईश्वर के गुणों का साक्षात्कार कर उससे लाभ उठा सकते हैं” Featured आर्याभिविनय ईश्वर उपनिषद ऋग्वेदादिभाष्यभूमिका गोकरुणानिधि चेतन ज्ञानवान् दर्शन व वेद निराकार व इंद्रियों से अगोचर पंचमहायज्ञविधि व्यापक सत्यार्थप्रकाश संस्कारविधि
धर्म-अध्यात्म “ऋषि दयानन्द का वर्ण व्यवस्था पर महत्वपूर्ण उपदेश” July 17, 2018 / July 17, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य, ऋषि दयानन्द ने अपने विश्व प्रसिद्ध ‘सत्यार्थप्रकाश’ ग्रन्थ में वर्ण व्यवस्था पर विस्तार से प्रकाश डाला है और वेदानुकूल ग्रन्थों के बुद्धि व तर्क संगत प्रमाण भी दिये हैं। हम यहां सत्यार्थप्रकाश के चतुर्थ समुल्लास से उनके कुछ विचारों को प्रस्तुत कर रहे हैं। वह लिखते हैं कि जो शूद्र कुल में […] Read more » Featured आचार्य ईश्वर ऋषि दयानन्द धर्म पिता पूर्व जन्म माता मुक्ति विद्या वेद सत्संग