प्रवक्ता न्यूज़ गांव May 12, 2020 / May 12, 2020 by राम सिंह यादव | Leave a Comment ए अम्मा तनिक ठहर जाबहुत धूप लग रही है।।।दो दिन से कुछ खाने को दिया नही,बस चलाये जा रही है।।। कभी पटरी, कभी मेड़,कभी सड़क, कभी कीचड़।। कुछ देख भी रही है???? पैर के छाले तो देख लेअरे मेरी ताकत नहीं बचीअब मत दौड़ा माँ।।। बापू तो बावला हो गया है….गांव में क्या रखा हैबिजली […] Read more » migrants labours गांव
राजनीति समाज राजनीति में युवा सक्रियता के लिये प्रयास October 16, 2018 / October 16, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment ललित गर्ग- कभी-कभी लगता है समय का पहिया तेजी से चल रहा है जिस प्रकार से घटनाक्रम चल रहा है, वह और भी इस आभास की पुष्टि करा देता है। पर समय की गति न तेज होती है, न रुकती है। हां पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव घोषित हो जाने से तथा प्रक्रिया प्रारंभ हो […] Read more » कामचोरी गांव घटता भूजल प्रखर वक्ता प्रधानमंत्री भ्रष्टाचार महंगाई महंगी शिक्षा माओवादी और नक्सली हिंसा मुस्लिम आतंकवाद युवा व्यक्तित्व राजनीति में वंशवाद राष्ट्र वारिस
कविता क्यों मौन है आवाम September 4, 2018 / September 4, 2018 by डॉ छन्दा बैनर्जी | Leave a Comment – डॉ. छन्दा बैनर्जी जाने अख़बार क्या कहता है, पढ़कर, पूरा आवाम क्यों मौन रहता है ? हां, बस्तर का यही है वह गांव पहचान थी जिसकी, तेंदू और महुआ का छाँव, उल्लास झलकता था जहाँ मांदर की थाप में खुशियां बयान होती थी पहाड़ी मैना के आलाप में … […] Read more » क्यों मौन है आवाम गांव तेंदू महुआ मौत झांकती
राजनीति 24 घंटे सातों दिन पत्रकार धूल खाते हैं अरबपति अखबार मालिक नहीं August 28, 2018 / August 30, 2018 by विवेक कुमार पाठक | Leave a Comment विवेक कुमार पाठक गांव देहात और शहर में काम करे आम पत्रकारों के प्रति शिवराज सरकार संवेदनहीन है । देश और प्रदेश के अरबपति अखबारों को दो दो तीन तीन पेज का विज्ञापन बांट रही मप्र सरकार एक आम पत्रकार की जिंदगी की खैरखबर क्यों नहीं लेती। पुलिस और हेल्थ की तरह पत्रकार समाज भी समाज को अति […] Read more » Featured गांव गांव देहात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी माता पिता वैवाहिक जीवन स्वास्थ्य
राजनीति राजस्थान सरकार और महिला विकास की बयार May 29, 2018 by डॉ. मनोज चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ मनोज चतुर्वेदी राजस्थान ऐतिहासिक रूप से वीर महिलाओं की गाथाओं से भरा राज्य है. फिर भी वर्तमान संदर्भ में पितृसत्ता, सामंती मानसिकता और रुढ़िवादी प्रथागत कानूनों के कारण प्राय: यह राज्य महिलाओं की स्वस्थ जीवन की तस्वीर पेश करने में असफल रहता है. राजस्थान में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार कुल जनसंख्या 6,86,21,012 […] Read more » 'कौशल विकास प्रशिक्षण 'राजस्थान भामाशाह योजना Featured और महिला विकास की बयार कस्बे और छोटे शहरों गांव महिलाओं राजस्थान सरकार रिवार और समाज वसुंधरा सखी वाहन योजना श्रम रोजगार मंत्रालय
राजनीति समाज यूं ही कोई आदमखोर नहीं बनता May 15, 2018 by चरखा फिचर्स | Leave a Comment बिपिन जोशी नौ साल का लड़का अपने आंगन में खेल रहा है। ढलते सूरज की किरणें सामने हिमालय पर पड़ रही हैं बालक हिमालय के बदलते रंगों को निहार रहा है, हिमालय के बदलते रंग उस लड़के को रोमांचित कर रहे हैं वह ध्यानमग्न हैं। अभी तो चांदी के समान चमक रहा था, अभी यह लाल हो […] Read more » Featured गांव गुलदार जानवर तेंदुआ पर्यावरण पेड़-पौधे मासूम बच्चे योजनाओं राष्ट्रीय नीतियों
शख्सियत बिन पंची और सरपंची केला देवी की महिला उत्थान सेवा April 16, 2018 by गौहर आसिफ | Leave a Comment मुफीद खान हरियाणा के सबसे पिछड़े जिलों में से एक जिला नूह मेवात है, जहाँ पर 80 प्रतिशत आबादी मुस्लिम समुदाय से है। नूह मेवात के पुन्हाना ब्लाक की ग्राम पंचायत रायपुर में केला देवी रहती हैं। आयु के 42 वसंत देख चुकी केला देवी पंचायत के किसी अधिकारिक पद से नहीं जुड़ी हैं पर […] Read more » Featured आंगनबाड़ी केला देवी गांव पंचायत सदस्य महिलाओं मुस्लिम आबादी रायपुर
कविता देश के गांवों को सलाम July 25, 2014 by रवि श्रीवास्तव | 1 Comment on देश के गांवों को सलाम -रवि श्रीवास्तव- लगा सोचने बैठकर इक दिन, शहर और गांवों मे अन्तर, बोली यहां की कितनी कड़वी, गांवों में मीठी बोली का मंतर। आस-पास के पास पड़ोसी, रखते नहीं किसी से मतलब, मिलना और हाल-चाल को, घर-घर पूंछते गांवों में सब, भाग दौड़ की इस दुनिया में, लोग बने रहते अंजान, गांवों में होती है […] Read more » गांव देश के गांवों को सलाम
कविता गांव से शहर June 17, 2014 / October 8, 2014 by बीनू भटनागर | Leave a Comment -बीनू भटनागर- नदिया के तीरे पर्वत की छांव, घाटी के आँचल मे मेरा वो गांव। बस्ती वहां एक भोली भाली, उसमे घर एक ख़ाली ख़ाली। बचपन बीता नदी किनारे, पेड़ों की छांव में खेले खिलौने। कुछ पेड़ कटे कुछ नदियां सूखीं, विकास की गति वहां न पहुंची। छूट चला इस गांव से नाता, कोलाहल से […] Read more » गांव गांव कविता गांव से शहर शहर शहर कविता हिन्दी कविता
विविधा कब जगमग होगा गांव May 17, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment सलमान अब्दुस समद बिजली की किल्लत से जुझ रहे बिहार को राज्य में स्थापित एनटीपीसी से पचास प्रतिशत बिजली देने के केंद्र का आश्वासन राज्य के लोगों के लिए राहत देने वाली खबर है। इसे राजनीतिक हित से उपर उठकर राज्य के लिए राजनीतिक दलों के प्रयास का परिणाम ही कहा जाएगा। इस वक्त राज्य […] Read more » गांव
खेत-खलिहान गाँव खुशहाल हों तो देश की अर्थव्यवस्था सुधरे July 22, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 6 Comments on गाँव खुशहाल हों तो देश की अर्थव्यवस्था सुधरे – मुलखराज विरमानी स्वयंसेवी संस्थाएं और जागरूक जनता इस बात से चिंतित है कि हमारे गाँव, 63 वर्ष स्वतंत्रता के पश्चात् भी, गरीब और असहाय क्यों हैं? माना कि खेती की उपज की वस्तुओं की कीमतों में काफी उछाल आया है परंतु इस उछाल का लाभ बीच-विचोले व्यापारियों और फुटकर विक्रेताओं ने अधिक उठाया। किसानों […] Read more » village अर्थव्यवस्था गांव
खेत-खलिहान जैविक खेती, प्राकृतिक ऊर्जा और लघु उद्योगों से खुशहाल होंगे गांव May 15, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on जैविक खेती, प्राकृतिक ऊर्जा और लघु उद्योगों से खुशहाल होंगे गांव – श्री कुप्.सी.सुदर्शन, निवर्तमान सरसंघचालक, रा.स्व.संघ खेती में रासायनिक खाद का प्रयोग बंद करना समय की मांग है, क्योंकि वह भूमि एवं मनुष्य दोनों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। रासायनिक खाद से उपजी चीजें खाने से साल भर में हम 100 मिलीग्राम तक रासायनिक जहर भोजन के साथ पचा जाते हैं। यही 100 मिलीग्राम जहर […] Read more » Organic Farming गांव जैविक खेती प्राकृतिक ऊर्जा लघु उद्योग