कविता जातिवाद, वृन्दावन से लुम्बिनीवन तक February 3, 2022 / February 3, 2022 by विनय कुमार'विनायक' | Leave a Comment —–विनय कुमार विनायकजातिवाद का जहरवृन्दावन से लुम्बिनीवन तकजस का तस पसरा पड़ा है! प्रिय दलित-अंत्यजो!ईश्वर-खुदा-भगवान भीहो सकते नहीं इस मर्ज की दवासदियों से सैकड़ों दिए इम्तहानपर क्या मिला तुम्हें आज तकएक अदद आदमी होने का सम्मान? तुम्हें शुद्ध करने में खुदभगवान हो गए अशुद्धबुद्ध से गांधी तक खूब फजीहत हुईतुम्हारी और तुम्हारे भगवान की भी! […] Read more » Casteism from Vrindavan to Lumbinivan जातिवाद वृन्दावन से लुम्बिनीवन तक
राजनीति जातिवाद को नकारने का समय April 8, 2019 / April 8, 2019 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment 17वीं लोकसभा के चुनाव चल रहे हैं । इस समय एक सुखद अनुभव यह हो रहा है कि 2014 के चुनावों की भांति इस बार भी जातिवाद चुनावों पर बहुत अधिक हावी नहीं है । यह देश के लिए आवश्यक भी है , क्योंकि देश का संविधान ही यह कहता है कि देश के नागरिकों […] Read more » casteism in India time yo say NO to casteism जातिवाद
कविता आग की लपटें November 28, 2018 by अभिलेख यादव | Leave a Comment मैं आज सुबह उठा और देखा रात की बूंदाबांदी से जम गई थी धूल वायुमंडल में व्याप्त रहने वाले धूलकण भी थे नदारद मन हुआ खुश देखकर यह सब कुछ देर बाद उठाकर देखा अख़बार तो जल रहा था वतन साम्प्रदायिकता व जातिवाद की आग में यह बरसात नहीं कर पाई कम इस आग को […] Read more » आग की लपटें जातिवाद वायुमंडल
धर्म-अध्यात्म “आर्यसमाज ने देशवासियों में स्वाभिमान जगाया है : आचार्य उमेशचन्द्र कुलश्रेष्ठ” October 8, 2018 / October 8, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, वैदिक साधन आश्रम तपोवन-देहरादून के शरदुत्सव के तीसरे दिन की रात्रि सभा में विद्वानों ने राष्ट्रीय समस्याओं के समाधान में वेद और आर्यसमाज का योगदान विषय पर विद्वानों के प्रवचन एवं भजन हुए। मुख्य व्याख्यान आर्यजगत् के उच्च कोटि के विद्वान आचार्य उमेशचन्द्र कुलश्रेष्ठ जी का हुआ। उन्होंने कहा कि वर्तमान में […] Read more » अलगाववाद आचार्य उमेशचन्द्र कुलश्रेष्ठ आतंकवाद आर्यसमाज क्षेत्रवाद जातिवाद पं. नरेशदत्त आर्य भाषावाद
राजनीति गांधी का भारत कहां है ? October 1, 2018 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक महात्मा गांधी के जन्म का डेढ़ सौवां साल अब शुरु होनेवाला है। उन्हें गए हुए भी सत्तर साल हो गए लेकिन मन में सवाल उठता है कि भला गांधी का भारत कहां है ? ऐसा नहीं है कि पिछले 70-71 वर्षाों में भारत ने कोई प्रगति नहीं की है। प्रगति तो की […] Read more » आर्थिक विषमता खान-पान गांधी का भारत कहां है ? जातिवाद नशाखोरी रख-रखाव रहन-सहन शिक्षा सांप्रदायिकता स्वास्थ्य
समाज राष्ट्रीय—एकता एक चिंतन September 19, 2018 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on राष्ट्रीय—एकता एक चिंतन शिवदेव आर्य, किसी भी राष्ट्र के लिये राष्ट्रीय एक ता का होना अत्यन्त आवश्यक है। राष्ट्रीय एकता राष्ट्र को सशक्त व संगठित बनाये रखने की अनन्य साधिका है। राष्ट्रीय एकता विभिन्नताओं में एकता स्थापित करने की व्यवस्थापिका है। प्रायः कहा जाता है कि वर्तमान में भारत की राष्ट्रीयएकता सर्वमत समभाव पर आश्रित है। […] Read more » क्षेत्रवाद जातिवाद भाषावाद राष्ट्रिय—एकता एक चिंतन साम्प्रदायिकता
राजनीति जातिवाद के दलदल में फंसी हमारी राजनीति September 8, 2018 by डॉ. विवेकानंद उपाध्याय | 1 Comment on जातिवाद के दलदल में फंसी हमारी राजनीति डॉ. वेदप्रताप वैदिक अजा जजा अत्याचार निवारण कानून को लेकर कभी अनुसूचित जाति-जनजाति द्वारा और कभी सवर्णों द्वारा बार-बार भारत बंद का जो नारा दिया जा रहा है, वह आखिर किस बात का सूचक है? वह प्रमुख राजनीतिक दलों के दिवालिएपन का सूचक है। जो दल शुद्ध जातिवादी राजनीति करते हैं और जिनका वर्चस्व सिर्फ […] Read more » अदालत अस्पताल जातिवाद दलदल पुलिस में प्रशासन बस रेल स्कूल में हमारी राजनीति
राजनीति समाज स्वतंत्रता को सार्थक दिशाएं देनी होगी August 4, 2018 / August 4, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग- स्वतंत्रता के बुनियादी पत्थर पर नव-निर्माण का सुनहला भविष्य लिखा गया था। इस लिखावट का हार्द था कि हमारा भारत एक ऐसा राष्ट्र होगा जहां न शोषक होगा, न कोई शोषित, न मालिक होगा, न कोई मजदूर, न अमीर होगा, न कोई गरीब। सबके लिए शिक्षा, रोजगार, चिकित्सा और उन्नति के समान […] Read more » Featured आतंकवाद क्षेत्रीयवाद तथा धर्म जातिवाद न अमीर होगा न कोई गरीब न कोई मजदूर न कोई शोषित न मालिक होगा नक्सलवाद भारत भाषा राष्ट्र शोषक होगा स्वतंत्रता को सार्थक दिशाएं देनी होगी हिंसा
राजनीति पाक अवाम का चरमपंथियों को ठेंगा July 30, 2018 / July 30, 2018 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment तनवीर जाफ़री – पाकिस्तान में गत् 25 जुलाई को हुए नेशनल असेंबली के चुनाव अपने-आप में बेहद महत्वपूर्ण रहे। इन चुनाव परिणामों ने जहां पाकिस्तानी अवाम के रुझान का संकेत दिया वहीं यह चुनाव भारत के लिए भी काफी महत्वपूर्ण समझे जा रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के पनामा पेपर लीक्स मामले में जेल […] Read more » Featured आतंकवाद समर्थक व चरमपंथी कट्टरपंथी गरीबी व बेरोज़गारी जातिवाद पाक अवाम का चरमपंथियों को ठेंगा पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ सईद का पुत्र हािफज़ तल्हा सईद व एक ख़ालिद वलीद सांप्रदायिकता हिंसा
धर्म-अध्यात्म वैदिक धर्म को यदि बचाना है तो अपने मन से सभी प्रकार के भेदभाव को दूर करना होगा May 29, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य, महाभारत काल के बाद से वेद और वैदिक धर्म का निरन्तर पतन देखने को मिल रहा है। ऋषि दयानन्द के जीवन में ऐसा भी समय आया जब वेद लुप्त-प्रायः हो गये थे। महाभारत काल के बाद वेदों के सत्य अर्थों का देश व समाज में प्रचार रहा हो, इसका प्रमाणित विवरण […] Read more » Featured ईश्वर ऋषि दयानन्द ऋषि मुनियों चित्त जातिवाद ज्ञानेन्द्रिय पांच कर्मेन्द्रिय बुद्धि मन मनुस्मृति महाभारत व ब्राह्मण रामायण वैदिक साहित्य
व्यंग्य साहित्य जातिवाद पे सब बलिहारी July 7, 2017 / July 26, 2017 by विजय कुमार | Leave a Comment - जी हां। और प्रतिभा पाटिल के बारे में तो एक कांग्रेसी नेता ने ही कहा था कि उनके हाथ की बनी चाय इंदिरा जी को बहुत पसंद थी। इसलिए वे प्रायः प्रधानमंत्री भवन पहुंच जाती थीं। इसके पुरस्कारस्वरूप ही उन्हें राष्ट्रपति बनाया गया। ये बात दूसरी है कि इतना कहने पर ही उसे कांग्रेस से बर्खास्त कर दिया गया। सुना तो ये भी गया है कि अवकाश प्राप्ति के बाद वे राष्ट्रपति भवन से काफी कुछ बटोर कर ले गयीं, जिसे फिर उंगली टेढ़ी करने पर ही वापस भेजा। Read more » जातिवाद
राजनीति वोट के नाम पर धर्म और जाति के उलझे धागे January 21, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment सभी राजनीतिक दल भले ही जातिवाद एवं धार्मिक राजनीति के खिलाफ बयानबाजी करते रहें, लेकिन चुनावी तैयारी जाति एवं धर्म के कार्ड को आधार बनाने के अलावा कोई रास्ता उन्हें दिखाई ही नहीं देता है। सच यह भी है कि यदि कोई भी दल परोक्ष रूप से जातिगत निर्णयों से बचना चाहे तो भी वह कुछ जातियों को नजरंदाज करने के आरोप से बच नहीं सकते, जैसे भाजपा में केशव प्रसाद मौर्य को प्रदेश अध्यक्ष बनाने पर यह कहा गया कि वहां पिछड़ी जातियों को आकर्षित करने के लिये यह कदम उठाया गया है और कांग्रेस द्वारा शीला दीक्षित को चुनावी चेहरा बनाने पर पार्टी के ऊपर ब्राह्मणों को रिझाने का आरोप लगा। Read more » Featured जातिवाद धर्म और जाति के उलझे धागे धार्मिक वोटों में समीकरण वोट वोट की राजनीति