कविता साहित्य बेटी July 25, 2017 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment धन्य है वह आँगन, जहाँ बेटी की किलकारी है, और हर बेटी को बचाना, हम सबकी जिम्मेदारी है। भारत की हर बेटी पढ़े, ये पावन कर्तव्य हमारा है, क्योकि बेटियों ने तिरंगे, का गौरव सम्मान बढ़ाया है। बेटी वो है जो, दो परिवारों की आन, बान और शान है, और बेटी होना आज, अभिशाप नहीं, […] Read more » बेटी
कहानी साहित्य बेटी February 29, 2016 by विजय कुमार सप्पाती | Leave a Comment आज शर्मा जी के घर में बड़ी रौनक थी, उनकीएकलौतीबेटी ममता की शादी जो थी. बहुत से मेहमानों से घर भरा हुआ था, दरवाजे पर शहनाई बज रही थी, खुशियों का दौर था. शर्मा जी बड़े व्यस्त थे. फेरे हो रहे थे.बेटी की विदाई के बारे में सोच सोच कर ही शर्मा दम्पति […] Read more » बेटी
महत्वपूर्ण लेख विविधा हक़ीक़त के आईने में: बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान May 14, 2015 / May 14, 2015 by निर्मल रानी | 1 Comment on हक़ीक़त के आईने में: बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान –निर्मल रानी– प्रकृति हालांकि अपने समस्त प्राणियों में लिंग के आधार पर संतुलन बनाए रखती है। परंतु मानव जाति ने अपनी बुद्धि तथा ‘ज्ञान’ का प्रयोग कर इस संतुलन को बिगाड़ने का काम किया है। परिणामस्वरूप भारत जैसे देशों में होने वाली कन्या भ्रुण हत्या के चलते लिंगानुपात में परिवर्तन होने लगा है। और देश […] Read more » Featured बेटी लड़का लड़की सर्वशिक्षा हक़ीक़त के आईने में: बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान
लेख मेरे हृदय का एक कोना April 14, 2015 / April 14, 2015 by अनुप्रिया अंशुमान | Leave a Comment मेरा नाम प्रियांशी है। मै एक एहसास हूँ अपनी माँ के सपनों का, भावनाओं का.और ये मेरा नाम भी मैंने अपनी माँ से ही लिया है.हर माँ अपनी बेटी को अपने तरीके से संजोना चाहती है पर मेरी माँ तो बस मुझे अपनी कल्पनाओं में ही सवारतीं रहती है। मै अपनी माँ के दिल का […] Read more » Featured अनुप्रिया अन्शुमान बेटी मेरे हृदय का एक कोना
कविता अब प्यारी लगती बेटी है June 18, 2014 / October 8, 2014 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment -प्रभुदयाल श्रीवास्तव- अपनी प्यारी बहनों को अब, भैया कभी सताना मत| तिरस्कार करके उनका हर, पल उपहास उड़ाना मत| एक जमाना था लड़की को, बोझ बताया जाता था| दुनियां में उसके आते ही, शोक जताया जाता था| हुई यदि लड़की घर में तो, मातम जैसा छा जाता| हर पास पड़ोसी घर आकर, अपना दर्द जता […] Read more » बेटी बेटी कविता बेटी पर कविता
समाज कैसे बचेगी बेटी June 11, 2012 / July 13, 2012 by जगदीश पांडे | Leave a Comment म0प्र0 की शिवराज सिंह सरकार कहती है, ” बेटी बचाओ। और वहीं जिला अस्पतालों को परिवार नियोजन का लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया है कि इतनें अदद पुरूष-महिलाओं का परिवार नियोजन करके बताओ।सवाल साफ है कि जब परिवार नियोजन होगा, तो बेटी तो पैदा होंनें से रही, बेटा भी पैदा नही होगा। यह तो ठीक […] Read more » Girl Child Jagdish Pandey Save Girl Child जगदीश पांडे बेटी बेटी बचाओ
महिला-जगत बिटिया होने का दंश February 27, 2012 / February 27, 2012 by शिवानंद द्विवेदी | 1 Comment on बिटिया होने का दंश शिवानंद द्विवेदी भारतीय इतिहास की तमाम कहानियां भले ही वीरांगनाओं के शौर्य एवं वीरता से भरी पड़ी हों, लेकिन वर्तमान भारतीय समाज में आज भी बेटियों के प्रति समाज की सोच कहीं न कहीं शर्मसार करने वाली है। दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में भर्ती कोमल के मामले में जिस तरह के राज परत दर […] Read more » बिटिया बेटी
महिला-जगत चंबल के बीहड़ों में गूंजने दो बेटी की किलकारी October 31, 2011 / December 5, 2011 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | Leave a Comment लोकेन्द्र सिंह राजपूत मैं मध्यप्रदेश के ऐसे इलाके से ताल्लुकात रखता हूं, जो कई बातों के लिए सुविख्यात है और कुख्यात भी है। ग्वालियर का किला और यहां जन्मा ध्रुपद गायन ग्वालियर-चंबल संभाग को विश्वस्तरीय पहचान दिलाता है। वहीं मुरैना का ‘पीला सोना’ यानी सरसों से भी देशभर में इस बेल्ट की प्रसिद्धी है। बटेश्वर […] Read more » daughter बेटी