राजनीति यह लोकतंत्र नहीं, लूटतंत्र है December 5, 2009 / December 25, 2011 by सरिता अरगरे | Leave a Comment मध्य प्रदेश में नगरीय निकायों के चुनाव में उम्मीदवारी तय करने में बीजेपी और काँग्रेस ने लोकतंत्र के सभी उसूलों को ताक पर धर दिया है। दोनों ही पार्टियों ने उम्मीदवारों की काबीलियत से ज़्यादा उसकी हैसियत को तरजीह दी है। प्रमुख दलों की “नूरा कुश्ती” ने महापौर, स्थानीय निकाय के अध्यक्षों और पार्षदों की […] Read more » Democracy लोकतंत्र
राजनीति इस तरह हार तो लोकतंत्र ही जाता है – पंकज झा October 24, 2009 / December 26, 2011 by पंकज झा | 6 Comments on इस तरह हार तो लोकतंत्र ही जाता है – पंकज झा भाजपा और भारत में एक साम्य ये रहा है कि दोनों भारतीय पौराणिक विचारों से प्रभावित, लोक में प्रचलित विभिन्न पुराने रूपकों और कहावतों को ही सदा अपने विचारों का आधार बनाते रही है. एक बड़े विचारक ने कहा है कि देश दो ही भाषाएँ जानता है रामायण और महाभारत.भाजपा भी इन्ही भाषाओँ में बात […] Read more » Democracy लोकतंत्र
हिंद स्वराज हिंद स्वराज की प्रासंगिकता पर विमर्श का आयोजन October 12, 2009 / December 26, 2011 by जयराम 'विप्लव' | 3 Comments on हिंद स्वराज की प्रासंगिकता पर विमर्श का आयोजन १० अक्तूबर को भारत नीति संस्थान के द्वारा दीनदयाल शोध संस्थान, नई दिल्ली में ” वर्तमान सन्दर्भ में हिंद स्वराज की प्रासंगिकता ” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया . इस संगोष्ठी में वरिष्ठ गांधीवादी चिन्तक और पूर्व सांसद राम जी सिंह , जेएनयु के प्राध्यापक अमित शर्मा , पांचजन्य के सम्पादक बलदेव […] Read more » Jayram Viplav जयराम "विप्लव" लोकतंत्र सांस्कृतिक राष्ट्रवाद हिंद स्वराज हिंद स्वराज
प्रवक्ता न्यूज़ अरब नेताओं ने गाँधी के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की October 7, 2009 / December 26, 2011 by जयराम 'विप्लव' | Leave a Comment प्रवक्ता पर एक पखवाड़े से गाँधी के सिद्धांतों और हिंद स्वराज को लेकर विमर्श चल रहा है . आज भारत हीं नहीं संसार के अनेक देशों के विद्वान गाँधी दर्शन में वैश्विक स्तर पर संघर्षों से उत्पन्न कुव्यवस्था का समाधान बता रहे हैं .बीते दिनों गाँधी जयंती के दौरान काहिरा में आयोजित एक संगोष्ठी में अरब के गणमान्य नेताओं ने गाँधी के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की Read more » America hind swaraj अमेरिका अरब इस्लामी आतंकवाद गांधी जयराम "विप्लव" लोकतंत्र हिंद स्वराज
प्रवक्ता न्यूज़ नहीं है रीढ़ की हड्डी October 7, 2009 / December 26, 2011 by जयराम 'विप्लव' | 1 Comment on नहीं है रीढ़ की हड्डी मृतकों का पश्चात्ताप , दे रहा जिन्दों को दस्तक दिल्ली हुई नेतृत्व विहीन , झुका राष्ट्र का मस्तक. है पड़ोसी मुल्क से आ रही ड्रैगन की फुंफकार कहाँ गये वो रक्षक अपने , क्यों गिरी उनकी तलवार ? Read more » Delhi pakistan अमेरिका इस्लामी आतंकवाद जयराम "विप्लव" दिल्ली पाकिस्तान मीडिया मॉनिटर लोकतंत्र
प्रवक्ता न्यूज़ मणिपुर में अलगाववादियों को सर उठाने का मौका क्यों मिला ? September 21, 2009 / December 26, 2011 by जयराम 'विप्लव' | Leave a Comment मणिपुर में लंबे समय से सशस्त्र बल विशेषाधिकार क़ानून का विरोध होता आ रहा है . राज्य में एकबार फिर से कई संगठन इसके विरोध के लिए एकजुट होकर सडकों पर उतरे हैं. मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाते हुए इस विशेषाधिकार क़ानून के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते हुए इन संगठनों ने राज्य में 60 घंटे का बंद बुलाया जिसमें जनजीवन पर मिलाजुला असर दिखाई पड़ा . मामले के अभी गरम होने की वजह पहले चरमपंथी रहे और अब सामान्य जीवन में वापसी कर चुके संजीत की कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ में हत्या को समझा जा रहा है . Read more » Manipur फ़र्ज़ी मुठभेड़ मणिपुर मानवाधिकार लोकतंत्र सशस्त्र बल विशेषाधिकार क़ानून
प्रवक्ता न्यूज़ कलावती लड़ेगी चुनाव तो राहुल कहाँ जायेंगे September 19, 2009 / December 26, 2011 by जयराम 'विप्लव' | 3 Comments on कलावती लड़ेगी चुनाव तो राहुल कहाँ जायेंगे लोकतंत्र के चाहने वालों के लिए एक और खुशखबरी है .आगामी महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव में कलावती चुनाव लड़ रही है .पिछले साल सुर्खियों में रहने वाली विदर्भ के किसान की विधवा और ७ बच्चों की माँ कलावती यवतमाल के वणी विधानसभा सीट से चुनावी समर में कूद पड़ी हैं . कलावती ने तमाम राजनितिक दलों के टिकट को ठुकराकर विदर्भ जनांदोलन समिति और शेतकरी संघर्ष समिति के बैनर तले चुनाव लड़ना स्वीकार किया है . Read more » kalawati Rahul Gandhi widarbh कलावती कांग्रेसी गरीब दलित मीडिया मॉनिटर राहुल गाँधी लोकतंत्र विदर्भ
राजनीति लोकतंत्र का मतलब महज चुनाव ही तो नहीं! September 19, 2009 / December 26, 2011 by पंकज झा | Leave a Comment 15 वीं लोकसभा के भी सौ से ज्यादे दिन पूरे हो चुके हैं। निर्वाचित सांसदो के शपथ ग्रहण के साथ ही देश को चलाने के काम की शुरूआत हो चुकी है। अब जब चुनावों का कोलाहल शांत है तो आइये थोड़ा चुनाव सुधार पर चर्चा करें। छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, दिल्ली,राजस्थान जैसे राज्यों में जहां कुछ […] Read more » Democracy लोकतंत्र
प्रवक्ता न्यूज़ कांग्रेस की सभी दो सीटों पर हुई हार September 17, 2009 / December 26, 2011 by जयराम 'विप्लव' | Leave a Comment निगम चुनावों में तगडी जीत के बाद अब द्वारका विधानसभा उपचुनाव में भी भाजपा ने अपना झंडा बुलंद किया . द्वारिका से भाजपा उम्मीदवार प्रधुम्न राजपूत ने कांग्रेसी उम्मीदवार तिलोत्तमा चौधरी को 11362 मतों से हराकर कांग्रेस को करारा झटका दिया है . दरअसल राजपूत की जीत को परिवारवाद के खिलाफ लोकतंत्र की जीत मानी जा रही है . Read more » bjp कांग्रेसी परिवारवाद भाजपा लोकतंत्र विधानसभा चुनाव
राजनीति लोकतंत्र की हत्या की पटकथा जगनमोहन के बहाने September 14, 2009 / December 26, 2011 by अमलेन्दु उपाध्याय | 1 Comment on लोकतंत्र की हत्या की पटकथा जगनमोहन के बहाने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी की असमय मृत्यु के बाद जिस तरह से उनके पुत्र जगनमोहन रेड्डी को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उठी और इसके लिए बाकायदा लॉबिंग की गई उससे कांग्रेस का हाईकमान बहुत चिंतित है। होना भी चाहिए। चिंता कांग्रेस आलाकमान को इस बात की है कि अभी तक कांग्रेस […] Read more » Democracy लोकतंत्र
टॉप स्टोरी राजनीति छात्रसंघ की छाती पर लिंगदोह का रोलर September 7, 2009 / December 26, 2011 by जयराम 'विप्लव' | Leave a Comment दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव संपन्न हुआ । इतिहास में पहली बार चार में से तीन पदों पर छात्रा प्रतिनिधि ने जीत हासिल की । लिंगदोह की आग में झुलसने के बाद भी दो प्रमुख छात्र संगठनों ने मीडिया और वामपंथी संगठनों के खोखले दावों को झुठलाते हुए अपना दबदबा बरकरार रखा । इस बार का डूसू चुनाव कई मायनों में गौर करने लायक है । Read more » Student Union छात्र राजनीति डूसू मीडिया लोकतंत्र
राजनीति लोकतंत्र में खानदानी राजनीति का रिवाज June 3, 2009 / December 27, 2011 by ब्रजेश कुमार झा | Leave a Comment नए जनादेश से जो संप्रग सरकार बनी है उसके चेहरे पर खानदान का अटपटा टीका लगा हुआ है। लोकतंत्र में यह तो नहीं कहा जा सकता कि किसी खानदान को अपनी जगह बनाने का अधिकार नहीं है, लेकिन जिस सरकार के आधे से ज्यादा मंत्री किसी न किसी राजनीतिक परिवार के सदस्य हों उसे खानदानी […] Read more » Democracy लोकतंत्र