राजनीति संविधान सबसे पवित्र ग्रंथ नहीं, महज एक कानूनी ग्रंथ है जो भेदभाव से परे नहीं है! November 28, 2024 / November 28, 2024 by कमलेश पांडेय | Leave a Comment @ कमलेश पाण्डेय भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान दिवस पर संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि संविधान सबसे पवित्र ग्रंथ है, क्योंकि हमने संविधान के जरिए सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के कई बड़े लक्ष्यों को हासिल किया है। संविधान निर्माताओं की प्रगतिशील और समावेशी सोच की छाप […] Read more » Constitution संविधान संविधान सिर्फ एक कानूनी का ग्रंथ
विधि-कानून राष्ट्र की अस्मिता का बोध कराने वाला होना चाहिए संविधान January 28, 2020 / January 28, 2020 by बृजनन्दन यादव | 1 Comment on राष्ट्र की अस्मिता का बोध कराने वाला होना चाहिए संविधान बृजनन्दन राजू आजादी के बाद दुर्भाग्य से देश के तत्कालीन नेताओं के मन में भारत को भारत जैसा बनाने की कल्पना नहीं थी। वह भारत को अमेरिका,ब्रिटेन और रूस जैसा बनाना चाहते थे। उसी आधार पर शुरूआती प्रयास भी हुए। वहीं संविधान भी अन्य देशों की नकल कर बनाया गया। जिसके कारण बहुत सारी विसंगतियां […] Read more » Constitution Day संविधान
विविधा आपातकाल को लेकर जनता को जागरूक रहना चाहिये – हरेन्द्र प्रताप June 28, 2018 / June 28, 2018 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार वि.वि. में आपातकाल प्रसंग पर विमर्श हरेन्द्र प्रताप भोपाल, 26 जून। प्रख्यात चिंतक और विचारक श्री हरेन्द्र प्रताप ने आपातकाल के दर्द को बयां करते हुए कहा कि आज की युवा पीढी को आपातकाल के दौर को याद दिलाने की आवश्यकता है। मैंने प्रत्यक्ष तौर पर आपातकाल […] Read more » Featured आपातकाल जय प्रकाश नारायण पत्रकारों और कार्यकर्ताओं युवाओं लोकतंत्र की रक्षा श्री लाजपत आहूजा संविधान
राजनीति लोकतंत्र का काला दिन June 26, 2018 / June 26, 2018 by विपिन किशोर सिन्हा | 1 Comment on लोकतंत्र का काला दिन Bipin Kishore Sinha आज से ४३ वर्ष पूर्व आज के ही दिन कांग्रेस की तथाकथित महानतम नेत्री इन्दिरा गाँधी द्वारा देश पर इमर्जेन्सी थोपकर लोकतंत्र की हत्या की गई थी। वे रायबरेली से लोकसभा का चुनाव लड़ी थीं और विजयी भी हुई थीं लेकिन चुनाव में जमकर सरकारी साधनों और अधिकारियों का दुरुपयोग किया गया […] Read more » Featured अटल बिहारी वाजपेयी इन्दिरा गांधी चन्द्रशेखर चरण सिंह जय प्रकाश नारायण पीलू मोदी मोररजी देसाई युवराज संजय गांधी लाल कृष्ण आडवानी संपादक खुशवन्त सिंह संविधान
राजनीति कांग्रेस के गले में अटका महाभियोग प्रस्ताव April 25, 2018 by सुरेश हिन्दुस्थानी | 1 Comment on कांग्रेस के गले में अटका महाभियोग प्रस्ताव सुरेश हिन्दुस्थानी वर्तमान में देश में जिस प्रकार की विरोधात्मक राजनीति की जा रही है, वह केवल अविश्वसनीयता के दायरे को और बड़ा करती हुई दिखाई देती है। इसको विपक्षी राजनीति करने वाले राजनीतिक दलों की नकारात्मक चिंतन की राजनीति कहा जाए तो ज्यादा ठीक होगा। विरोधी दलों के नेतृत्व करने का दिखावा करने वाली […] Read more » Featured कपिल सिब्बल कांग्रेस पार्टी पी. चिदम्बरम महाभियोग मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा संविधान
शख्सियत समाज सामाजिक क्रांति के अग्रदूत : बाबासाहब आंबेडकर April 12, 2018 / April 16, 2018 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment -डॉ. सौरभ मालवीय सामाजिक समता, सामाजिक न्याय, सामाजिक अभिसरण जैसे समाज परिवर्तन के मुद्दों को प्रमुखता से स्वर देने और परिणाम तक लाने वाले प्रमुख लोगों में डॊ. भीमराव आंबेडकर का नाम अग्रणीय है. उन्हें बाबा साहेब के नाम से जाना जाता है. एकात्म समाज निर्माण, सामाजिक समस्याओं, अस्पृश्यता जैसे सामजिक मसले पर उनका मन […] Read more » Featured बौद्धिक भारत रत्न भीमराव आंबेडकर समानता संविधान स्वतंत्रता
कविता आरक्षण के पीछे छिपा क्या है? April 11, 2018 by आर के रस्तोगी | 2 Comments on आरक्षण के पीछे छिपा क्या है? आर के रस्तोगी क्यों लड़ते हो आरक्षण के मुद्दे पर ? असली मुद्दे पर क्यों नहीं लड़ते हो ? असली मुद्दा आरक्षण नहीं है जिसके की लिए तुम लड़ते हो असली मुद्दा सत्ता की लोलुपता है जिसके लिए आपस में लड़ते हो छोडो ये सत्ता की लोलुपता क्यों देश को तुम बर्बाद करते हो ? […] Read more » Featured आरक्षण गरीबी जातियों देश वासियों मुद्दा संविधान
राजनीति संविधान नहीं राजनीति बदलो January 29, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य  भारत अपना 68वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। अब से ठीक 68 वर्ष पूर्व भारत ने अपने गणतान्त्रिक स्वरूप की घोषणा की थी। 26 जनवरी 1950 से देश ने अपने राजपथ के गणतंत्रीय स्वरूप को व्यावहारिक स्वरूप प्रदान किया। अब 68 वर्ष पश्चात देश के कई लोगों को चिन्ता होने लगी […] Read more » change politics Not constitution राजनीति संविधान
विधि-कानून विविधा डीजे पर बैन से संविधान प्राप्त धार्मिक स्वतंत्रता का हनन July 5, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी भारतीय संविधान सभी नागरिकों के लिए व्यिक्तिगत और सामूहिक रूप से कुछ बुनियादी अधिकार देता है। इन मौलिक अधिकारों की छह व्यासपक श्रेणियों के रूप में संविधान में गारंटी दी जाती है जो न्यातयोचित और न्यायालय में वाद योग्य हैं। संविधान के भाग 3 में सन्निहित अनुच्छे द 12 से 35 मौलिक […] Read more » ban on dj ban on dj voilates the right to freedom of religion Featured right to freedom of religion डीजे पर बैन धार्मिक स्वतंत्रता का हनन संविधान
राजनीति विधि-कानून संविधान में अपरिभाषित है धर्मनिरपेक्षता April 5, 2016 by प्रमोद भार्गव | 1 Comment on संविधान में अपरिभाषित है धर्मनिरपेक्षता प्रमोद भार्गव भारतीय समाज के बहुलतावादी धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्वरूप को ध्यान में रखकर संविधान में धर्मनिरपेक्ष गणराज्य की नींव रखी गई थी, लेकिन उसमें अलग-अलग पहचानों को मिटाकर सबको एकरूप करने का उल्लेख नहीं है। हालांकि न्यायपालिका ने इस बारे में स्थिति साफ कि है, बावजूद उसके फैसले की भिन्न-भिन्न तरह से […] Read more » Featured secularism is undefined in constitution अपरिभाषित धर्मनिरपेक्षता संविधान
विधि-कानून विविधा संविधान की हुई जीत। October 17, 2015 / October 17, 2015 by बी.आर.कौंडल | Leave a Comment बी. आर. कौण्डल सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग को असंवैधानिक ठहरा कर यह साबित कर दिया कि इस देश में संविधान सर्वोपरि है न की विधायिका। भारतीय संविधान में न्यायपालिका की स्वतंत्रता का प्रावधान किया गया है जिसकी सुरक्षा करना न्यायपालिका का धर्म है। हाल के फैसले में उच्चतम न्यायालय ने उस धर्म […] Read more » Featured संविधान
जरूर पढ़ें कितने आजाद हम और हमारा स्वाभिमान ? May 30, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -अभिषेक कुमार तिवारी- हम एक आजाद देश में रहते हैं। हमारा देश एक गणतंत्र है। संविधान के कानूनों और नियमों के आधार पर सभी लोग बराबर हैं, ना कोई छोटा-ना कोई बड़ा। ये सब आपको भी पता है, है ना। लेकिन एक बात जो बहुत कम लोग जानते हैं वो ये है कि हम जिस […] Read more » Featured आजादी कितने आजाद हम और हमारा स्वाभिमान ? भारत संविधान