राजनीति नये संकल्पों एवं नये प्रयोगों से समृद्ध होता गणतंत्र January 24, 2025 / January 24, 2025 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- गणतंत्र दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है, इसी दिन 26 जनवरी, 1950 को हमारी संसद ने भारतीय संविधान को पास किया। इस दिन भारत एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य बना। इसने ब्रिटिश शासन के भारत सरकार अधिनियम 1935 को पूरी तरह खत्म कर दिया और अपना स्वतंत्र संविधान इसी दिन लागू किया। […] Read more » गणतंत्र
लेख समतामूलक समाज का द्योतक है गणतंत्र January 25, 2022 by डॉ शंकर सुवन सिंह | Leave a Comment डॉ.शंकर सुवन सिंह आधुनिक स्वतंत्र भारत का राष्ट्रीय पर्व है-गणतंत्र दिवस। भारत में गणतंत्र दिवस की भूमिका बहुत अहम् होती है। इसी दिन संविधान की स्थापना हुई। गणतंत्र दिवस भारतीयों की भावनाओ से जुड़ा हुआ विशेष दिन है। गणतंत्र के 72 वर्ष पूरे हो गए हैं। आजादी के बाद देश को चलाने के लिए संविधान […] Read more » article on republic day गणतंत्र
कविता गणतंत्र January 26, 2021 / January 26, 2021 by आलोक कौशिक | Leave a Comment दुनिया करती हैउस राष्ट्र का सम्मानजिसके पास होता हैअपना संविधान जनता में समाहितहोती है जब सत्तातब किसी देश कागणतंत्र है बनता भारत भी हुआ थातब पूर्ण स्वतंत्रमनाया था इसनेजब दिवस गणतंत्र स्वतंत्रता से भी अधिककरनी पड़ी थी प्रतीक्षाभेदभाव भुलाकर करेंइस गणतंत्र की सुरक्षा ✍️ आलोक कौशिक Read more » poem on republic गणतंत्र
राजनीति गणतंत्र संवैधानिक बनाम लोकतांत्रिक January 30, 2020 / January 30, 2020 by अरुण तिवारी | 1 Comment on गणतंत्र संवैधानिक बनाम लोकतांत्रिक अरुण तिवारी आज़ादी से तुरन्त पहले भारत में ब्रितानी ताज का राज था। उससे पहले मुगलिया सल्तनतों समेत अनेक छत्रों के तले संचालित व्यवस्थायें भी राजतांत्रिक ही थीं। राजतंत्र बुरा होता है, गणतांत्रिक व्यवस्था सर्वश्रेष्ठ। यही सोचकर हमने आज़ाद भारत का संविधान बनाया। 26 जनवरी, 1950 को भारत, संसदीय गणतंत्र हो गया। आज हम भारत […] Read more » Republican constitutional vs democratic गणतंत्र
विविधा विद्रोह के पथ पर ‘यायावर गणतंत्र’ January 27, 2019 / January 27, 2019 by अर्पण जैन "अविचल" | Leave a Comment · डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ गणतंत्रीय गरिमा के प्रभुत्व से आलौकिक, जन के तंत्र के साथ मजबूती से सामंजस्य बनाता भारत का संविधान और एक स्वतंत्र गणराज्य के रूप में स्थापित शक्तिशाली राष्ट्र भारत सन् 1950 में जब भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू हुआ तब से ही संघर्ष की नई […] Read more » republic गणतंत्र यायावर गणतंत्र
राजनीति हमारा गणतंत्र दिवस और भारतीयता पर विचार January 16, 2019 / January 16, 2019 by राकेश कुमार आर्य | 3 Comments on हमारा गणतंत्र दिवस और भारतीयता पर विचार राकेश कुमार आर्य भारत के लिए गणतंत्र कोई नया विचार नहीं है । गणतंत्र के विषय में यदि यह कहा जाए कि इस संसार को गणतंत्र का शुद्ध विचार और सिद्धांत भारत की देन है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी । भारत की प्राचीन परंपरा में गणतंत्र के माध्यम से ही शासन चलता था , […] Read more » republic गणतंत्र भारतीयता पर विचार
विविधा भारत की संस्कृति में रची-बसी हैं गणतंत्र की उच्च भावनाएं January 26, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य भारत के 68वें गणतंत्र दिवस की पावन बेला है। मैंने सोचा कि अपने सुबुद्घ पाठकों के लिए कोई ऐसी भेंट इस अवसर पर दी जाए जो उन्हें गणतंत्र के पुजारी इस भारत देश की सनातन ज्ञान परम्परा से जोड़े और उन्हें आनन्दित व रोमांचित कर डाले। इसी क्रम में यह आलेख तैयार […] Read more » Featured गणतंत्र गणतंत्र की उच्च भावनाएं भारत भारत की संस्कृति संस्कृति
विविधा ‘गणतंत्र’ होता ‘गनतंत्र’ में तब्दील ! January 25, 2018 by देवेंद्रराज सुथार | Leave a Comment हमारे देश को गणतंत्र की राहों पर चलने से पहले स्वतंत्र होना पड़ा। और यह स्वतंत्रता हमें इतनी भी आसानी से नहीं मिली जितनी की हम फेसबुक की प्रोफाइल पिक्चर को तीन रंगों में रंगकर अपनी राष्ट्रभक्ति साल में दो दिन छब्बीस जनवरी और पन्द्रह अगस्त पर सार्वजनिक कर देते हैं। आज़ादी के लिए न […] Read more » republic गणतंत्र गनतंत्र
राजनीति राजनीतिक प्रदूषण का मारा- गणतंत्र बेचारा ! January 30, 2017 by मनोज ज्वाला | Leave a Comment मनोज ज्वाला २६ जनवरी सन १९५० से हमारे गणतंत्र की आरम्भ हुई यात्रा विविध राजनीतिक हालातों अवसरों चुनौतियों व प्रवृतियों से होती हुई आज एक ऐसे मुकाम पर पहुंच गई है , जहां इसकी अब तक की उपलब्धियों पर गौर फरमाने की जरुरत महसूस हो रही है तो वहीं दूसरी ओर इसके गंतब्य की दृष्टि […] Read more » गणतंत्र राजनीतिक प्रदूषण का मारा
राजनीति गणतंत्र के ६७ वर्ष : अनर्थ और विमर्श January 24, 2017 by मनोज ज्वाला | Leave a Comment मनोज ज्वाला २६ जनवरी सन १९५० से जन-मन के बीच हमारे गणतंत्र की आरम्भ हुई यात्रा विविध राजनीतिक हालातों अवसरों चुनौतियों व प्रवृतियों से होती हुई आज एक ऐसे मुकाम पर पहुंच गई है , जहां एक ओर इसकी अब तक की उपलब्धियों पर गौर फरमाने की जरुरत महसूस हो रही है , तो वहीं […] Read more » Featured गणतंत्र गणतंत्र के ६७ वर्ष
कला-संस्कृति अब न बुद्ध हैं, न आम्रपाली, न ही वह वैशाली रही; क्या गणतंत्र है? July 31, 2012 by राजीव रंजन प्रसाद | 3 Comments on अब न बुद्ध हैं, न आम्रपाली, न ही वह वैशाली रही; क्या गणतंत्र है? [वैशाली, बिहार से यात्रा संस्मरण] राजीव रंजन प्रसाद भगवान महावीर की जन्मस्थली –वैशाली तीन बार भगवान बुद्ध के चरण रज पडने से भी पवित्र हुई है। पटना से लगभग सत्तर किलोमीटर की यह यात्रा मैनें बाईक से की और रास्ते भर नयनाभिराम नजारों से गुजरता रहा। एशिया के सबसे बडे पुल गाँधी सेतु पर से […] Read more » आम्रपाल गणतंत्र बुद्ध वैशाली
लेख हमारा गणतंत्र ‘धनतंत्र और गनतंत्र’ में तब्दील हो चुका है! January 25, 2012 / January 25, 2012 by इक़बाल हिंदुस्तानी | Leave a Comment इक़बाल हिंदुस्तानी राजनेताओं की विश्वसनीयता ख़त्म होने से लोकतंत्र को ख़तरा ? गणतंत्र आज धनतंत्र और गनतंत्र में तब्दील होने से सवाल उठ रहा है कि इन हालात में हमारा लोकतंत्र और संविधान सुरक्षित रह सकेगा? इसकी वजह यह है कि नेताओं का विश्वास जनता में बिल्कुल ख़त्म होता जा रहा है। उनमें से अधिकांश […] Read more » ‘धनतंत्र republic day गणतंत्र गनतंत्र