विविधा कविता / हिन्दी पखवाड़ा September 14, 2011 / December 6, 2011 by श्यामल सुमन | Leave a Comment भाषा जो सम्पर्क की हिन्दी उसमे मूल। बनी न भाषा राष्ट्र की यह दिल्ली की भूल।। राज काज के काम हित हिन्दी है स्वीकार। लेकिन विद्यालय सभी हिन्दी के बीमार।। भाषा तो सब है भली सीख बढ़ायें ज्ञान। हिन्दी बहुमत के लिए नहीं करें अपमान।। मंत्री की सन्तान सब अक्सर पढ़े विदेश। […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस
साहित्य व्यंग्य/ हिंदी ! तेरा पखवाड़ा अमृत!! September 15, 2010 / December 22, 2011 by अशोक गौतम | 2 Comments on व्यंग्य/ हिंदी ! तेरा पखवाड़ा अमृत!! -अशोक गौतम जो हाल शांति की तलाश में कस्तूरा हो भटक रहे मेरे शहर में किसी ऐरे गैरे नत्थू खैरे बाबा के आने पर भक्तिमय हो जाता है वही हाल हिंदी पखवाड़े के आने पर मेरे देश का हो जाता है। जो आदरणीय बंधु सारा साल अंग्रेजी थूक-थूक कर पूरे देश का थोबड़ा थुकियाए रहते […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस
साहित्य सिर्फ रस्म बन कर न रह जाए ये दिन : पूजा श्रीवास्तव September 14, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 4 Comments on सिर्फ रस्म बन कर न रह जाए ये दिन : पूजा श्रीवास्तव एक बार फिर 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाने के लिए लोग तैयार हैं। सर्वविदित है कि इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं। कई संगोष्ठियां, कई परिचर्चाएं होती हैं और तमाम लोग हिन्दी के प्रति अपने प्रेम को जाहिर करते हैं। हिन्दी की दुर्दशा पर घडिय़ाली आंसू भी बहाए जाते है। पर सवाल ये […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस
साहित्य हिन्दी दिवस पर कुछ यक्ष प्रश्न September 14, 2010 / December 22, 2011 by डॉ. अभिज्ञात | 4 Comments on हिन्दी दिवस पर कुछ यक्ष प्रश्न -डॉ. अभिज्ञात हिन्दी के बारे में यह मातम मनाने की आवश्यकता बिल्कुल नहीं है कि उसकी गरिमा को उन शब्दों से ठेस पहुंच रही है जो मूलतः हिन्दी के हैं ही नहीं। वे अंग्रेज़ी, मराठी, बंगला, पंजाबी या दूसरी भारतीय या विदेशी भाषाओं से आयातित हैं। दूसरी भाषाओं के मेल-जोल से जो भाषा बन रही […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस
साहित्य हिंदी दिवस पर विशेषः विलाप मत कीजिए, संकल्प लीजिए ! September 14, 2010 / December 22, 2011 by संजय द्विवेदी | 15 Comments on हिंदी दिवस पर विशेषः विलाप मत कीजिए, संकल्प लीजिए ! – संजय द्विवेदी राष्ट्रभाषा के रूप में खुद को साबित करने के लिए आज वस्तुतः हिंदी को किसी सरकारी मुहर की जरूरत नहीं है। उसके सहज और स्वाभाविक प्रसार ने उसे देश की राष्ट्रभाषा बना दिया है। वह अब सिर्फ संपर्क भाषा नहीं है, इन सबसे बढ़कर वह आज बाजार की भाषा है, लेकिन हर […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस
साहित्य हिन्दी दिवस की रस्म अदायगी September 14, 2010 / December 22, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | 2 Comments on हिन्दी दिवस की रस्म अदायगी -फ़िरदौस ख़ान देश की आज़ादी को छह दशक से भी ज़्यादा का वक़्त बीत चुका है। इसके बावजूद अभी तक हिन्दी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा हासिल नहीं हो पाया है। यह बात अलग है कि हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन कर रस्म अदायगी कर ली जाती है। हालत […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस
साहित्य राजभाषा हिंदी – अनुवाद एवं तकनीकी समावेश की सार्थकता September 14, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on राजभाषा हिंदी – अनुवाद एवं तकनीकी समावेश की सार्थकता दिलीप कुमार पांडेय, संयुक्त सचिव, राजभाषा, गृह मंत्रालय, भारत सरकार स्वातंत्र्योत्तर भारत में स्वाधीनता और स्वावलम्बन के साथ-साथ स्वभाषा को भी आवश्यक माना गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के तुरंत बाद गांधीजी ने खुले शब्दों में कहा कि ‘प्रांतीय भाषा या भाषाओं के बदले में नहीं बल्कि उनके अलावा एक प्रांत से दूसरे प्रांत का संबंध जोड़ने […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस
साहित्य हिन्दी दिवस पर विशेष- इंटरनेट के भाषाखेल का सामाजिक प्रभाव September 14, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment -जगदीश्वर चतुर्वेदी कम्प्यूटर युग में भाषायी असंतुष्ट हाशिए पर हैं। अब हम भाषा बोलते नहीं हैं बल्कि भाषा में खेलते हैं। ‘बोलने’ से ‘खेलने’ की अवस्था में प्रस्थान कब और कैसे हो गया हम समझ ही नहीं पाए। यह हिन्दी में पैराडाइम शिफ्ट का संकेत है। इसे भाषाखेल कहते हैं। इसमें भाषा के जरिए वैधता […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस
साहित्य हिन्दी दिवस पर विशेष- साइबर युग में हिन्दी का नया भाषायी ठाट और ठसक September 14, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | 1 Comment on हिन्दी दिवस पर विशेष- साइबर युग में हिन्दी का नया भाषायी ठाट और ठसक -जगदीश्वर चतुर्वेदी साइबर युग में हिंदी दिवस का वही महत्व नहीं है जो आज से बीस साल पहले था। संचार क्रांति ने पहलीबार भाषा विशेष के वर्चस्व की विदाई की घोषणा कर दी है। संचार क्रांति के पहले भाषा विशेष का वर्चस्व हुआ करता था, संचार क्रांति के बाद भाषा विशेष का वर्चस्व स्थापित करना […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस
साहित्य राष्ट्रभाषाओं को बचाएं, भारतीय संस्कृति बचाएं September 13, 2010 / December 22, 2011 by विश्वमोहन तिवारी | 16 Comments on राष्ट्रभाषाओं को बचाएं, भारतीय संस्कृति बचाएं -विश्व मोहन तिवारी १४ सितंबर राजभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह सरकार को याद दिलाने के लिये नहीं वरन सरकारी कर्मचारियों को याद दिलाने के लिये होता है, ताकि सरकारी कार्य राष्ट्रभाषा में हो। अर्थात सरकार यह इंगित करती है कि अपनी भाषा को भूलने के लिये हम ही जिम्मेदार हैं। यह […] Read more » Hindi Diwas राष्ट्रभाषा हिंदी हिंदी दिवस
कविता हिंदी दिवस पर विशेष : वह एक बूढी औरत September 14, 2009 / December 26, 2011 by गिरीश पंकज | 8 Comments on हिंदी दिवस पर विशेष : वह एक बूढी औरत एक बूढी औरत…. राजघाट पर बैठे-बैठे रो रही थी न जाने किसका पाप था जो अपने आंसुओं से धो रही थी। मैंने पूछा- माँ , तुम कौन? मेरी बात सुन कर वह बहुत देर तक रही मौन लेकिन जैसे ही उसने अपना मुह खोला लगा दिल्ली का सिंहासन डोला वह बोली-अरे, तुम जैसी नालायको के […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस
साहित्य हिंदी दिवस पर विशेष: अँग्रेज़ों के खाने कमाने का दिन September 14, 2009 / December 26, 2011 by अविनाश वाचस्पति | 56 Comments on हिंदी दिवस पर विशेष: अँग्रेज़ों के खाने कमाने का दिन हिन्दी वाले जिस दिन का इंतजार साल भर करते हैं। लो वो भी आ गया। आज एक और हिन्दी दिवस है। गए गुजरों सालों पर नज़र डालते हैं तो बीत गए कल की तुलना में अपने आज को बेहत्तर पाते हैं और भविष्य को डायमंड जड़ित देखते हैं। बीते कल में हिन्दी की खूब दुर्गति […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस