जरूर पढ़ें महत्वपूर्ण लेख विविधा विलियम जोन्स का षड्यंत्र March 25, 2016 / March 25, 2016 by डॉ. मधुसूदन | 11 Comments on विलियम जोन्स का षड्यंत्र डॉ. मधुसूदन सारांश: (१) छद्म संस्कृत धर्म ग्रंथ रचा जाए। (२) इसाइया की वाणी (Gospel) का संस्कृत अनुवाद किया जाए। (३) पर उसकी निराशा:==> रोम के मिशन द्वारा, हिन्दू मतांतरित नहीं होंगे। (४) मनु स्मृति में प्रक्षेपित अंश डालना। (५) ग्रंथों को भारत से बाहर भिजवाना (चोरी?) (एक) धर्म को नष्ट, और इतिहास को विकृत […] Read more » Featured भारत की पाण्डुलिपियाँ कैसे चोरी गयी भारत की बौद्धिक संपदा चुराने का षड्यंत्र? मनुस्मृति में बदलाव किए गए रॉयल एशियाटिक सोसायटी का षड्यंत्र विलियम जोन्स संस्कृत की पाण्डु लिपियाँ
कविता साहित्य केकरा संग खेलहूं फाग March 24, 2016 by विपिन किशोर सिन्हा | 3 Comments on केकरा संग खेलहूं फाग बुरा न मानें होली है — एक ठे स्पेसल फगुआ केकरा संग खेलहूं फाग इटली दूर बसत है इटली दूर बसत है केकरा संग खेलहूं फाग कि नैहर दूर बसत है। परणव से मोहे लाज लगत है मोदिया के मन बेईमान नैहर दूर बसत है केकरा संग खेलहूं फाग नैहर दूर बसत है। दिग्गी मगन […] Read more » Featured केकरा संग खेलहूं फाग
विविधा बसंती चोला के दीवाने : भगत-सुखदेव-राजगुरु March 24, 2016 by लखेश्वर चंद्रवंशी | 2 Comments on बसंती चोला के दीवाने : भगत-सुखदेव-राजगुरु (23 मार्च, बलिदान दिवस पर विशेष) ‘एक जीवन और एक ध्येय’ वाले तीन मित्र भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु, इन तीनों की मित्रता क्रांति के इतिहास का स्वर्णिम अध्याय है। बसंती चोला के इन दीवानों की ऐसी मित्रता थी जो जीवन के अंतिम क्षण तक साथ थी और बलिदान के बाद भी एक साथ उनका स्मरण किया जाता है। […] Read more » Featured बसंती चोला के दीवाने भगत राजगुरु सुखदे
विविधा अपने रक्त से लिख दी थी जिन्होंने परिभाषा देशभक्ति की March 23, 2016 / March 24, 2016 by नरेश भारतीय | Leave a Comment नरेश भारतीय आज गर्व और श्रद्धा के साथ भारत माता के उन तीन वीरों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के स्मरण का दिन है, जिन्होंने देश की आज़ादी के लिए हँसते हँसते अपने प्राणों की आहुति दे दी थी. ८५ वर्ष पूर्व २३ मार्च १९३१ की संध्या की कल्पना करें जब लाहौर की जेल में […] Read more » Featured shahid bhagat singh अपने रक्त से लिख दी थी जिन्होंने परिभाषा देशभक्ति की देशभक्ति की परिभाषा
विविधा होली ने भरा विधवाओं के जीवन में रंग March 23, 2016 by उमेश चतुर्वेदी | Leave a Comment वृंदावन का गोपीनाथ मंदिर इक्कीस मार्च को नई परंपरा का गवाह बना…सदियों से जिंदगी के रंगों से दूर रही विधवाओं की जिंदगी तब रंगीन हो उठी…जब करीब पंद्रह कुंतल गुलाब की पंखुरियों और बारह कुंतल गुलाल मंदिर के सुविस्तारित प्रांगण में उड़ने-बिखरने लगे। सिर्फ सफेद साड़ी में लिपटी रहने वाली हजारों विधवाओं ने जमकर गुलाल […] Read more » Featured होली
राजनीति हम और हमारा राष्ट्रवाद March 22, 2016 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment फकीरी यहां आदर पाती है और सत्ताएं लांछन पाती हैं -संजय द्विवेदी देश में इन दिनों राष्ट्रवाद चर्चा और बहस के केंद्र में है। ऐसे में यह जरूरी है कि हम भारतीय राष्ट्रवाद पर एक नई दृष्टि से सोचें और जानें कि आखिर भारतीय भावबोध का राष्ट्रवाद क्या है?‘राष्ट्र’ सामान्य तौर पर सिर्फ भौगोलिक नहीं […] Read more » Featured our nationalism राष्ट्रवाद हमारा राष्ट्रवाद
विश्ववार्ता सत्ता-परिवर्तन मधेशी समस्या का निदान नहीं March 22, 2016 / March 22, 2016 by श्वेता दीप्ति | 2 Comments on सत्ता-परिवर्तन मधेशी समस्या का निदान नहीं श्वेता दीप्ति काँग्रेस अधिवेशन की समाप्ति के साथ ही नेपाल की राजनीति को लेकर इन बदलती परिस्थितियों में कई कयास लगने शुरु हो गए हैं । भारत के उच्चस्थ पदाधिकारियों का नेपाल आगमन और उससे राजनीतिक गलियारों में बढ़ी हुई सरगर्मी एक अलग ही वातावरण तैयार कर रहा है । जिसमें सबसे अधिक अगर कुछ […] Read more » Featured मधेशी सत्ता-परिवर्तन मधेशी समस्या का निदान नहीं
राजनीति सूफी सम्मेलन से सवाल March 22, 2016 / March 22, 2016 by शंकर शरण | 1 Comment on सूफी सम्मेलन से सवाल शंकर शरण दिल्ली में विश्व सूफी सम्मेलन और उस के द्वारा आतंकवाद की निन्दा की खबर आश्वस्तकारी होनी चाहिए थी। किन्तु अंग्रेजी कहावत है, तफसील में शैतान मिलता है। इस पूरे आयोजन, आयोजक, अब तक के वक्तव्य तथा प्रस्तावित वक्ताओं, आदि की तफसील निराशाजनक है। बल्कि संदेह पैदा करती है। कि यह किस सूफी परंपरा […] Read more » Featured question with sufi sammelan वर्ल्ड सूफी फोरम सूफी सम्मेलन सूफी सम्मेलन से सवाल
विविधा यम-यमी का वैदिक स्वरूप March 22, 2016 / March 22, 2016 by शिवदेव आर्य | 2 Comments on यम-यमी का वैदिक स्वरूप शिवदेव आर्य प्रत्येक मनुष्य समाज को एक नई दिशा व दशा देने की पूर्णरूपेण योग्यता रखता है।अब दिशा व दशा कैसे हो, यह दिशा व दशा दिखाने वाले पर आश्रित है, वह अपने ज्ञान के आलोक से मार्गप्रशस्त करता है अथवा ज्ञान के आलोक के अभाव में सत्य मार्ग से हटा कर असत्य मार्ग […] Read more » Featured यम-यमी यम-यमी का वैदिक स्वरूप
विविधा वर्तमान शिक्षा नीति में बदलाव आवश्यक March 22, 2016 / March 22, 2016 by सुरेश हिन्दुस्थानी | 2 Comments on वर्तमान शिक्षा नीति में बदलाव आवश्यक सुरेश हिंदुस्थानी वर्तमान में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का जो चित्र और चरित्र दिखाई दे रहा है, उसमें निश्चित रूप से देश में प्रदान की जा रही शिक्षा का बहुत बढ़ा योगदान है। देश में अभी जो शिक्षा प्रदान की जा रही है, वह मानकों के हिसाब से भारतीय नीति के अनुरूप नहीं कही जा सकती। […] Read more » Featured अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता वर्तमान शिक्षा नीति शिक्षा नीति में बदलाव
समाज समाज को तोड़ती जातियां March 21, 2016 by निर्भय कर्ण | 2 Comments on समाज को तोड़ती जातियां निर्भय कर्ण जाति एक ऐसा मुद्दा जिससे कोई भी देश अब तक अछूता न रह सका है। कहीं यह धर्म के रूप में तो कहीं समुदाय के रूप में तो कहीं यह क्षेत्रवाद के रूप में निकल कर आता है लेकिन उपरोक्त इन तीनों में सभी प्रकार के जाति निवास करती है। एक समय ऐसा […] Read more » casteism breaking our society casteism in our society concept of casteism Featured social structure broken समाज को तोड़ती जातियां
वर्त-त्यौहार समाज भारतीय संस्कृति के उदार सामाजिक बुनावट की पहचान है होली March 21, 2016 by एम. अफसर खां सागर | Leave a Comment एम. अफसर खां सागर सदियों पूराना होली का त्यौहार तन और मन पर पड़े तमाम तरह के बैर, द्वेष और अहंकार को सतरंगी रंगों में सराबोर करके मानव जीवन में उल्लास और उमंग के संचार का प्रतीक है। होली रंगों, गीतों और वसंत के स्वागत का त्यौहार है। होली के दिनों में हुड़दंग, हुल्लड़, रंग […] Read more » Featured festival of colours Holi उदार सामाजिक बुनावट भारतीय संस्कृति सामाजिक बुनावट की पहचान है होली होली