समाज देवी विसर्जन पर हुए हमलों की श्रंखला निस्संदेह षड्यंत्र ही तो हैं!! October 26, 2015 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment संदर्भ: देश भर में देवी विसर्जन पर हुए हमलों की श्रंखला निस्संदेह षड्यंत्र ही तो हैं!! भारतीय जनमानस में गणेशोत्सव व दुर्गात्सव का आदर व आस्था एक स्पष्ट तथ्य है. पिछले कुछ वर्षों से इन दोनों उत्सवों पर जिस प्रकार से प्रशासन को अतीव चुस्त-चौकन्ना रहना पड़ रहा है उससे इन त्यौहारों की छवि बिगड़ […] Read more » Featured देवी विसर्जन देवी विसर्जन पर हुए हमलों की श्रंखला
धर्म-अध्यात्म यज्ञ : कुष्माण्ड बलिदान और बलि वैश्व देव October 25, 2015 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मयंक चतुर्वेदी अक्सर हिन्दू संस्कृति की कर्मकाण्ड पद्धति को लेकर बिना जाने स्वयं अधिकांश हिन्दू ही समय-समय पर प्रश्न खड़े करते रहते हैं। हाल ही में शारदीय नवरात्र के समापन पर जगह-जगह हुए यज्ञ के दौरान कुष्माण्ड बलिदान और बलिवैश्व देव का प्रथानुसार प्रयोग किया गया। इसे लेकर सोशल मीडिया में यत्र-तत्र यह बहस […] Read more » Featured कुष्माण्ड बलिदान बलि वैश्व देव यज्ञ
विविधा रेल नीरःबोतलबंद पानी का खेल October 24, 2015 by प्रमोद भार्गव | 3 Comments on रेल नीरःबोतलबंद पानी का खेल प्रमोद भार्गव देश की महत्वपूर्ण रेलों में ‘रेल नीर‘ आपूर्ति से जुटे भ्रष्टाचार के संबंध में सीबीआई द्वारा की गई छापेमारी के दौरान घोटाले में भी घोटाला सामने आया है। इस मामले में बरामद की गई 27 करोड़ की नगद धनराशि में 4 लाख रुपए के नोट जाली मिले हैं। इस मामले में सीबीआई ने […] Read more » Featured बोतलबंद पानी का खेल रेल नीर
राजनीति बिहार चुनावों में साजिशों पर साजिशें October 24, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | 1 Comment on बिहार चुनावों में साजिशों पर साजिशें मृत्युंजय दीक्षित देश की राजनीति आजकल बहुत ही सुविधाजनक हो गयी है किसी भी दल को अब देश के विकास की नहीं अपितु महज अपने वोटबैंक को दुरूस्त रखने की हो गयी है। जब पूरे विश्व में भारत का मान ऊंचा हो रहा है तथा भारत संयुक्तराष्ट्र महासभा में स्थायी सदस्यता प्राप्त करने की ओर […] Read more » Featured बिहार चुनाव
विविधा प्रतिस्पर्धा उग्रता दर्शाने की? October 24, 2015 by निर्मल रानी | Leave a Comment निर्मल रानी हमारे देश के संविधान निर्माताओं द्वारा यहां का संविधान तथा क़ानून हालांकि ऐसा बनाया गया है जिसमें सभी धर्मों,जातियों,वर्गों तथा सभी क्षेत्रों के लोगों को समान अधिकार दिए गए हैं। इस संविधान में किसी एक वर्ग विशेष व धर्म विशेष या क्षेत्र विशेष के लोगों को किसी भी विषय पर उग्रता दिखाने की […] Read more » Featured प्रतिस्पर्धा उग्रता दर्शाने की?
धर्म-अध्यात्म संसार के सभी मनुष्यों का धर्म क्या एक नहीं है? October 24, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment संसार में सम्प्रति अनेक मत-मतान्तर फैले हुए हैं जिनकी अनेक मान्यतायें समान, कुछ भिन्न व कुछ एक दूसरे के विपरीत भी हैं। यह सभी मत किसी एक ऐतिहासिक पुरुष द्वारा चलाये गये हैं। यही भी सत्य है कि मनुष्य अल्पज्ञ होता है। यह भी तथ्य है कि सभी मतों के प्रवर्तक वेद ज्ञान से शून्य […] Read more » Featured संसार के सभी मनुष्यों का धर्म क्या एक नहीं है?
राजनीति प्रधानमंत्री की खामोशी के अर्थ-अनर्थ October 24, 2015 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment संजय द्विवेदी तय मानिए यह देश नरेंद्र मोदी को, मनमोहन सिंह की तरह व्यवहार करता हुआ सह नहीं सकता। पूर्व प्रधानमंत्री मजबूरी का मनोनयन थे, जबकि नरेंद्र मोदी देश की जनता का सीधा चुनाव हैं। कई मायनों में वे जनता के सीधे प्रतिनिधि हैं। जाहिर है उन पर देश की जनता अपना हक समझती है […] Read more » Featured प्रधानमंत्री की खामोशी के अर्थ
राजनीति कांग्रेस के वरिष्ठों में भविष्य की चिंता October 24, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिन्दुस्थानी कांग्रेस पार्टी का वर्तमान और भविष्य उसके वरिष्ठ नेताओं के लिए कई प्रकार के प्रश्नचिन्ह उपस्थित कर रहा है। कांग्रेस में अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय व्यतीत करने वाले नेताओं द्वारा गाहे बगाहे कहा जा रहा है कि कांग्रेस की कमान बहुत जल्दी विरासती पृष्ठभूमि से उपजे राजनेता राहुल गांधी को मिलने वाली […] Read more » Featured कांग्रेस कांग्रेस के वरिष्ठों में भविष्य की चिंता वरिष्ठों में भविष्य की चिंता
धर्म-अध्यात्म राम के आदर्श जीवन के अनुरूप स्वयं को बनाने का व्रत लें October 23, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment विजयादशमी पर्व पर मर्यादा पुरुषोत्तम राम के आदर्श जीवन के अनुरूप स्वयं को बनाने का व्रत लें विजयादशमी पर्व से हमारे पूर्वजों व देशवासियों ने मर्यादा पुरूषोत्तम श्री रामचन्द्र जी के आदर्श जीवन व उनके कृतित्व को जोड़ा है। यद्यपि आश्विन शुक्ला दशमी को मनाई जाने वाली विजयादशमी का श्री रामचन्द्र जी की लंकेश रावण […] Read more » Featured राम
जन-जागरण विविधा बारुद के ढेर पर बैठा हुआ देश October 23, 2015 / October 23, 2015 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक क्या स्वतंत्र भारत में कभी ऐसा हुआ है कि किसी राष्ट्रपति को दो हफ्तों में तीन बार अपील करनी पड़े? राष्ट्रपति को बार−बार क्यों कहना पड़ रहा है कि लोग सद्भाव और सहनशीलता का वातावरण बनाए रखें? प्रधानमंत्री ने दबी जुबान से वही बात दोहराई, जो राष्ट्रपति ने कही। दोनों की अपीलों […] Read more » Featured बारुद के ढेर पर बैठा हुआ देश
विविधा क्या आप वाकई साहित्कार है? October 23, 2015 by डा. अरविन्द कुमार सिंह | 5 Comments on क्या आप वाकई साहित्कार है? डा. अरविन्द कुमार सिंह क्षमा कीजिएगा मैं कोई साहित्यकार नही हूॅ। पेशे से एक अध्यापक हूॅ। चरित्र से राष्ट्रवादी हूॅ। विचारों में अपना देश बसता है और अपने देश के लिये चरित्रवान नौजवानों को गढने का कार्य करता हूॅ। मेरे अल्फाजों से यदि किसी को चोट लगे तो क्षमा चाहूॅगा क्योकि सच झूठ की तरह […] Read more » Featured क्या आप वाकई साहित्कार है?
जन-जागरण राजनीति सवाल भी कम नहीं हैं सम्मान वापसी अभियान पर October 23, 2015 by उमेश चतुर्वेदी | 1 Comment on सवाल भी कम नहीं हैं सम्मान वापसी अभियान पर उमेश चतुर्वेदी वैचारिक असहमति और विरोध लोकतंत्र का आभूषण है। वैचारिक विविधता की बुनियाद पर ही लोकतंत्र अपना भविष्य गढ़ता है। कोई भी लोकतांत्रिक समाज बहुरंगी वैचारिक दर्शन और सोच के बिना आगे बढ़ ही नहीं सकता। लेकिन विरोध का भी एक तार्किक आधार होना चाहिए। तार्किकता का यह आधार भी व्यापक होना चाहिए। कथित […] Read more » Featured सम्मान वापसी अभियान