धर्म-अध्यात्म मांगलिकता एवं समृद्धि का प्रतीक है कलश June 2, 2015 / June 2, 2015 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग – भारतीय संस्कृति में विविध मांगलिक प्रतीकों का विशिष्ट महत्व है। विशेषतः हिन्दू धर्म में इन मांगलिक प्रतीकों का बहुत प्रचलन है। हर मांगलिक कार्य चाहे नया व्यापार, नववर्ष का आरंभ, गृह प्रवेश, दिवाली पूजन, यज्ञ, अनुष्ठान, विवाह, जन्म संस्कार आदि सभी में इन मांगलिक प्रतीकों का उपयोग होता है, इनके बिना कोई […] Read more » Featured कलश मांगलिकता एवं समृद्धि का प्रतीक है कलश
पर्यावरण धर्म सीखाता है पर्यावरण की रक्षा करना June 2, 2015 / June 2, 2015 by अभिषेक कांत पांडेय | Leave a Comment -अभिषेक कांत पाण्डेय- -पर्यावरण दिवस पर विशेष- धरती कभी आग का गोला था, पर्यावरण ने इसे रहने लायक बनाया और प्रकृति ने मुनष्यों सहित सारे जीवों, पेड़-पौधों का क्रमिक विकास किया। प्रकृति और जीव एक दूसरे के पूरक हैं। प्रकृति सत्य है, जो धर्म को धारण करती है, इसीलिए ब्रह्माण्ड में केवल धरती पर ही […] Read more » Featured धर्म सीखाता है पर्यावरण की रक्षा करना पर्यावरण पर्यावरण की रक्षा
जरूर पढ़ें भारतीय अर्थव्यवस्था में गाय June 2, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment -प्रमोद भार्गव- गाय का मांस आहार के रूप में इस्तेमाल किए जाने को लेकर एक बार फिर विवाद सतह पर है। इस बार भाजपा के दो मंत्री आमने-सामने हैं। विडंबना यह है कि गृहराज्य मंत्री किरण रिजिजू गो-मांस खाने पर रोक के पक्ष में हैं, वहीं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकबी गो-मांस खाने वालों […] Read more » Featured गाय गाय का महत्व गौमाता भारतीय अर्थव्यवस्था में गाय
जरूर पढ़ें दहेज की रकम जुटाने के लिए डकैती June 2, 2015 / June 2, 2015 by शैलेन्द्र चौहान | Leave a Comment -शैलेन्द्र चौहान- आज एक थोड़ा चौंकानेवाला समाचार आया। बिहार के भागलपुर जिले में एक पिता ने बेटी का दहेज जुटाने के लिए बैंक में डाका डाला। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों की गिरफ़्तारी की और उनके पास से छह लाख रुपये बरामद किए हैं। पुलिस के अनुसार छोटी लड़की के पिता कन्हैया ने […] Read more » Featured दहेज की रकम जुटाने के लिए डकैती बैंक में डकैती भागलपुर भागलपुर की घटना
धर्म-अध्यात्म ब्रह्मचर्य विद्या, स्वस्थ जीवन व दीर्घायु का आधार June 2, 2015 / June 2, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on ब्रह्मचर्य विद्या, स्वस्थ जीवन व दीर्घायु का आधार –मनमोहन कुमार आर्य- संसार में धर्म व संस्कृति का आरम्भ वेद एवं वेद की शिक्षाओं से हुआ है। लगभग 2 अरब वर्ष पहले (गणनात्मक अवधि 1,96,08,53,115 वर्ष) सृष्टि की रचना व उत्पत्ति होने के बाद स्रष्टा ईश्वर ने अमैथुनी सृष्टि में चार ऋषियों को वेदों का ज्ञान दिया था। इस वैदिक ज्ञान से ही वैदिक […] Read more » Featured दीर्घायु का आधार ब्रह्मचर्य विद्या स्वस्थ जीवन
कहानी चेहरा June 2, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -मोनी सिंह- सुबह उठते ही शीशे में मैं अपना चेहरा देखा करती हूं। हर दिन की शुरूआत मेरी वहीं से होती है। जिस दिन न देखूं कुछ अधूरा सा लगता है। ऐसा लगता है जैसे मैने खाना न खाया हो। किसी से बात करने का मन नही होता। अजीब से ख्याल आते मेरे मन में। […] Read more » Featured कहानी चेहरा
कविता जादूगरी जो जानते June 2, 2015 by गोपाल बघेल 'मधु' | Leave a Comment -गोपाल बघेल ‘मधु’- (मधुगीति १५०५२६-५) जादूगरी जो जानते, स्मित नयन बस ताकते; जग की हक़ीक़त जानते, बिन बोलते से डोलते। सब कर्म अपने कर रहे, जादू किए जैसे रहे; अज्ञान में जो फिर रहे, उनको अनौखे लग रहे । हैं नित्य प्रति आते यहाँ, वे जानते क्या है कहाँ; बतला रहे बस वही तो, आते […] Read more » Featured कविता जादूगरी जो जानते
व्यंग्य प्रमाणित करता हूं कि मैं आम आदमी हूं…! June 2, 2015 by तारकेश कुमार ओझा | Leave a Comment -तारकेश कुमार ओझा- कहते हैं गंगा कभी अपने पास कुछ नहीं रखती। जो कुछ भी उसे अर्पण किया जाता है वह उसे वापस कर देती है। राजनीति भी शायद एसी ही गंगा हो चुकी है। सत्ता में रहते हुए राजनेता इसमें जो कुछ प्रवाहित करते हैं कालचक्र उसे वह उसी रूप में वापस कर देता […] Read more » Featured आम आदमी प्रमाणित करता हूं कि मैं आम आदमी हूं व्यंग्य
विविधा एक आफिस ऐसा भी (भाग-2) June 2, 2015 / June 2, 2015 by रवि श्रीवास्तव | Leave a Comment -रवि विनोद श्रीवास्तव- आप ने पहले भाग में पढ़ा था कि आफिस की तरक्की कैसे हुई? कर्मचारी के साथ बॉस का हाव- भाव अलग था। हर तरफ गुट बन चुके थे। और आखिरी में सब खत्म हो गया था। कुछ लोग बचे थे। जो अपनी जीविका चला रहे थे। या कहो अपना मनोरंजन आफिस में कर रहे थे। […] Read more » Featured एक आफिस ऐसा भी (भाग-2) ऑफिस
विविधा ये कैसी इंसानियत ? June 2, 2015 / June 2, 2015 by रवि श्रीवास्तव | Leave a Comment -रवि श्रीवास्तव- देश के राज्यों में एक उत्तराखण्ड़ जिसे देवभूमि कहा जाता है। 2013 में आई इस देवभूमि में प्राकृतिक आपदा ने पूरे संसार के लोगों की रूह को कपां दिया था। इस आपदा में करीब 4 से 5 हजार लोगों ने अपनी जानें गवाई थी। इस आपदा को करीब-करीब दो साल होने को हैं। जिसमें इंसानियत का एक और […] Read more » Featured उत्तराखंड उत्तराखंड आपदा ये कैसी इंसानियत ?
जन-जागरण मानसून की अस्थिरता से बढ़ता सूखे का खतरा June 2, 2015 / June 2, 2015 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | Leave a Comment -सिद्धार्थ शंकर गौतम- देश में भीषण गर्मी का दौर जारी है। एक ओर सूरज जहां आग बरसा रहा है वहीं मानसून को लेकर मायूसी बढ़ती जा रही है। ३० मई तक मानसून आने के पूर्वानुमान ध्वस्त हो चुके हैं और अब जनता से लेकर सरकार के माथे पर बल पड़ना शुरू हो गए हैं। आमतौर […] Read more » Featured गर्मी मानसून मानसून की अस्थिरता से बढ़ता सूखे का खतरा सूखे का खतरा
राजनीति ढहता किला परेशान गांधी परिवार June 2, 2015 by सत्यव्रत त्रिपाठी | 1 Comment on ढहता किला परेशान गांधी परिवार -सत्यव्रत त्रिपाठी- भारतीय जनमानस में एक कहावत सदियों से कही जाती है, जो गरजते हैं वो बरसते नहीं ! अब अगर हम इसे भारतीय राजनीती पर लागू करें तो अनेको उदाहरण हैं । ताजा मामला अमेठी का है । बीच के कुछ कालखंडों को छोड़ दें ,तो आजादी के बाद कांग्रेस या गाँधी परिवार ने जिस तरह पुरे देश […] Read more » Featured गांधी परिवार ढहता किला परेशान गांधी परिवार राहुल गांधी सोनिया गांधी