धर्म-अध्यात्म एकलव्य- ऋण May 16, 2015 / May 16, 2015 by गंगानन्द झा | Leave a Comment -गंगानंद झा- एकलव्य का सपना था कृति धनुर्धर होने का । यह भील बालक के लिए असामान्य सपना था; तत्कालीन व्यवस्था के लिए एक चुनौती; एकलव्य को द्रोणाचार्य ने शिक्षा देने से इनकार कर दिया था । पर वह हताश नहीं हुआ। उसने द्रोण की एक माटी की मूरत बना ली और जंगल में ही […] Read more » Featured एकलव्य एकलव्य- ऋण धनुर्धर
आर्थिकी लाभदायक सौदा नहीं रह जाने से कृषि-कार्य मौत को निमंत्रण देने से कम नहीं May 16, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on लाभदायक सौदा नहीं रह जाने से कृषि-कार्य मौत को निमंत्रण देने से कम नहीं -अशोक “प्रवृद्ध”- आदिकाल से ही भारतवर्ष के अधिकांश लोगों की आजीविका का साधन कृषि और कृषि से सम्बद्ध व्यवसाय रही है, और भारतवर्ष के कृषि वैज्ञानिकों का दावा है कि कृषि क्षेत्र में हमने बहुत उन्नति भी की है, परन्तु इस वर्ष मार्च , रील के महीने में हुई बेमौसम आंधी-तूफ़ान, बारिश और ओले ने […] Read more » Featured कृषि कृषि कार्य खेती लाभदायक सौदा नहीं रह जाने से कृषि-कार्य मौत को निमंत्रण देने से कम नहीं
जरूर पढ़ें विविधा शिया समाज का संकट May 16, 2015 / May 16, 2015 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 2 Comments on शिया समाज का संकट -डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री- पिछले दिनों कराची में मुस्लिम कट्टरपंथियों ने एक बस रोक कर उसमें सवार लोगों की निर्मम हत्या कर दी । उनका दोष केवल इतना था कि वे शिया सम्प्रदाय को मानने वाले लोग थे । बस में बैठे बच्चों तक को नहीं बख़्शा गया । पाकिस्तान में यह अपने क़िस्म की […] Read more » Featured इस्लाम शिया शिया समाज शिया समाज का संकट
कला-संस्कृति विविधा समाज की प्राचीन और सर्वमान्य रीति विवाह May 16, 2015 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -अशोक “प्रवृद्ध”- मानव की शारीरिक, मानसिक तथा आत्मिक उन्नति के लिए जन्म से मृत्युपर्यन्त भिन्न-भिन्न समय पर अलग-अलग संस्कारों की व्यवस्था प्राचीन ऋषि-मुनियों ने की है। मानव-जीवन की उन्नति मेंं विशिष्ट महत्व रखने वाली सोलह संस्कारों में से एक तेरहवाँ और अतिमहत्वपूर्ण संस्कार विवाह है। विवाह एक धार्मिक संस्कार है, जो धर्म की रक्षा करता […] Read more » Featured विवाह समाज की प्राचीन और सर्वमान्य रीति विवाह सामाजिक रीति
धर्म-अध्यात्म विविधा सृष्टि में मनुष्य जन्म क्यों होता आ रहा है ? May 16, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment –मनमोहन कुमार आर्य- हम संसार में जन्में हैं। हमें मनुष्य कहा जाता है। मनुष्य शब्द का अर्थ मनन व चिन्तन करने वाला प्राणी है। संसार में अनेक प्राणी हैं परन्तु मनन करने वाला प्राणी केवल मनुष्य ही है। मनुष्य का जन्म-माता व पिता से होता है। यह दोनों मनुष्य के जन्म में मुख्य कारण वा […] Read more » Featured पुनर्जन्म ब्रह्मांड मनुष्य का जन्म सृष्टि सृष्टि में मनुष्य जन्म क्यों होता आ रहा है ?
धर्म-अध्यात्म महात्मा प्रभु आश्रित का आदर्श जीवन और उनके कुछ प्रेरक विचार May 16, 2015 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment -मनमोहन कुमार आर्य- महात्मा प्रभु आश्रित जी आर्यसमाज के उच्च कोटि के साधक व वैदिक विचारधारा मुख्यतः यज्ञादि के प्रचारक थे। उनका जन्म 13 फरवरी, 1887 को जिला मुजफ्फरगढ़ (पाकिस्तान) के जतोई नामक ग्राम में श्री दौलतराम जी के यहां हुआ था। महात्मा जी के ब्रह्मचर्य आश्रम का नाम श्री टेकचन्द था। वानप्रस्थ आश्रम की […] Read more » Featured महात्मा प्रभु महात्मा प्रभु आश्रित का आदर्श जीवन और उनके कुछ प्रेरक विचार विचार
राजनीति राहुल का बार-बार पदार्पण क्यों ? May 16, 2015 by सुरेश हिन्दुस्थानी | 1 Comment on राहुल का बार-बार पदार्पण क्यों ? -सुरेश हिन्दुस्थानी- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में जबरदस्ती नेता के रूप में स्थापित किए जा रहे राहुल गांधी को लेकर कांगे्रस में बार बार पदार्पण का नाटक किया जाता है, लेकिन राहुल गांधी हैं कि बार बार के पदार्पण के बाद भी स्थापित होने में असमर्थ साबित होते हैं। अभी कुछ दिनों पूर्व राहुल गांधी की […] Read more » Featured कांग्रेस कांग्रेस उपाध्यक्ष कांग्रेस युवराज राहुल का बार-बार पदार्पण क्यों ? राहुल गांधी
आर्थिकी जरूर पढ़ें व्यावहारिक मोहब्बतें और मौखिक नफरतें May 16, 2015 / May 16, 2015 by संजय द्विवेदी | 1 Comment on व्यावहारिक मोहब्बतें और मौखिक नफरतें -रिटेल एफडीआई पर केंद्र सरकार के यू-टर्न के मायने क्या हैं- -संजय द्विवेदी- भारतीय जनता पार्टी की मोदी सरकार ने खुदरा व्यापार में 51 प्रतिशत एफडीआई के पूर्ववर्ती सरकार के निर्णय को जारी रखने का फैसला किया है। कभी इसी भाजपा ने 8 दिन संसद रोककर, हर राज्य की राजधानी में बड़ा प्रदर्शन आयोजित कर […] Read more » Featured एफडीआई रिटेल रिटेल में एफडीआई व्यावहारिक मोहब्बतें और मौखिक नफरतें
राजनीति ‘मोदीमय’ एक वर्ष और मोदी का लक्ष्य May 16, 2015 by राकेश कुमार आर्य | 1 Comment on ‘मोदीमय’ एक वर्ष और मोदी का लक्ष्य -राकेश कुमार आर्य- ‘मोदीराज’ का एक वर्ष पूर्ण हो रहा है। देश ने सही एक वर्ष पूर्व ऐतिहासिक निर्णय देकर नरेन्द्र मोदी को अपना नेता चुना था। सचमुच यह वह काल था जब देश चारों ओर से नेतृत्वविहीनता की स्थिति से जूझ रहा था। देश के भीतर की स्थिति हो या देश के बाहर की, […] Read more » ‘मोदीमय’ एक वर्ष और मोदी का लक्ष्य Featured नरेंद्र मोदी मोदी सरकार मोदी सरकारके एक वर्ष
धर्म-अध्यात्म यदि महर्षि दयानन्द सरस्वती जोधपुर न जाते ? May 14, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on यदि महर्षि दयानन्द सरस्वती जोधपुर न जाते ? –मनमोहन कुमार आर्य– महर्षि दयानन्द मई, 1883 के अन्त में शाहपुरा से जोधपुर गये थे। वहां आने के लिए उनको जोधपुर रियासत की ओर से निमन्त्रण मिला था। स्वामीजी को शाहपुराधीश श्री नाहरसिंह जी ने जोधपुर जाने से पूर्व वहां जाते समय संकेत करते हुए कहा था कि यह अच्छा होगा यदि वह जोधपुर में […] Read more » Featured महर्षि दयानन्द सरस्वती यदि महर्षि दयानन्द सरस्वती जोधपुर न जाते ?
महत्वपूर्ण लेख विविधा हक़ीक़त के आईने में: बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान May 14, 2015 / May 14, 2015 by निर्मल रानी | 1 Comment on हक़ीक़त के आईने में: बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान –निर्मल रानी– प्रकृति हालांकि अपने समस्त प्राणियों में लिंग के आधार पर संतुलन बनाए रखती है। परंतु मानव जाति ने अपनी बुद्धि तथा ‘ज्ञान’ का प्रयोग कर इस संतुलन को बिगाड़ने का काम किया है। परिणामस्वरूप भारत जैसे देशों में होने वाली कन्या भ्रुण हत्या के चलते लिंगानुपात में परिवर्तन होने लगा है। और देश […] Read more » Featured बेटी लड़का लड़की सर्वशिक्षा हक़ीक़त के आईने में: बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान
जन-जागरण विविधा क्षत-विक्षत होता परिवार ? May 14, 2015 / May 14, 2015 by निर्भय कर्ण | Leave a Comment -15 मई- अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस- -निर्भय कर्ण- नेपाल में आए महाभूकंप ने न जाने कितने परिवारों को क्षत-विक्षत कर दिया, एक-दूसरे को एक-दूसरे से अलग कर दिया। जिन परिवारों की दुनिया अकेली हो गयी है यदि उनसे परिवार का मतलब पूछ लिया जाए तो उनके आंखों से बरबस ही आंसू निकल पड़ते हैं और बोल […] Read more » Featured एकल परिवार क्षत-विक्षत होता परिवार ? परिवार मिश्रित परिवार