राजनीति वीके सिंह विवाद के पीछे मीडिया का दोहरा रवैया April 11, 2015 / April 11, 2015 by सिद्धार्थ शंकर गौतम | 1 Comment on वीके सिंह विवाद के पीछे मीडिया का दोहरा रवैया विदेश राज्य मंत्री जनरल (से.नि.) वीके सिंह एक बार फिर विवादों में हैं। पाकिस्तान उच्चायोग द्वारा आयोजित पाकिस्तान दिवस के कार्यक्रम में पहुंचे वीके सिंह ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलकर मीडिया के लिए सुर्खियां बटोरी थीं। इस बार उन्होंने मीडिया के लिए गाली का प्रयोग कर खुद के लिए सियासी रूप से […] Read more » Featured जनरल वीके सिंह विदेश राज्य मंत्री विदेश राज्य मंत्री जनरल (से.नि.) वीके सिंह सिद्धार्थ शंकर गौतम
राजनीति तीसरी नहीं, पहली सरकार है ग्रामसभा April 11, 2015 / April 11, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment इलाहाबाद से वाराणसी जाते समय सङक किनारे एक जगह है- राजा के तालाब। बीते तीन अप्रैल को राजा के तालाब से एक यात्रा चली -तीसरी सरकार संवाद एवम् सम्पर्क यात्रा।राजतंत्र में राजा, पहली सत्ता होता है, प्रजा अंतिम। लोकतंत्र में संसद तीसरी सरकार होती है, विधानसभा दूसरी और ग्रामसभा पहली सरकार। इसलिए मैं पंचायती राज […] Read more » Featured अरुण तिवारी ग्रामसभा तीसरी नहीं पहली सरकार है ग्रामसभा सरकार
राजनीति जम्मू कश्मीर में नगर विस्तार पर बवाल April 11, 2015 / April 11, 2015 by डॉ. कुलदीप चन्द अग्निहोत्री | 1 Comment on जम्मू कश्मीर में नगर विस्तार पर बवाल जम्मू कश्मीर में मीडिया ने एक नया शोशा छोड़ा है । कश्मीरी हिन्दू सिक्खों के लिये सरकार एक नया शहर बसाने जा रही है , जिसमें केवल वही हिन्दू सिक्ख रहेंगे , जिनको आतंकवादियों ने वहाँ से निकाल दिया था । लेकिन इससे पहले दो टिप्पणियां करना जरुरी है । क्योंकि इन टिप्पणियों की रोशनी […] Read more » Featured कश्मीरी हिन्दू सिक्खों जम्मू कश्मीर में नगर विस्तार पर बवाल डा० कुलदीप अग्निहोत्री
खेत-खलिहान फसलों की बर्बादी पर मोदी का मरहम April 11, 2015 / April 11, 2015 by आदर्श तिवारी | 9 Comments on फसलों की बर्बादी पर मोदी का मरहम बेमौसम हुए बरसात और ओलावृष्टि से किसानों के फसल बर्बाद हो गए है.किसानों की हालत दिन-ब- दिन दयनीय होती जा रही है.इसपर सक्रियता दिखाते हुए केंद्र सरकार ने एक बड़ी घोषणा की है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बताया कि अब फसलों का नुकसान होने पर किसानो को ढेढ़ गुना मुआवजा दिया जायेगा,तो वहीँ किसानो के लिए राहत […] Read more » Featured आत्महत्या आदर्श तिवारी ओलावृष्टि किसान फसल बर्बाद फसलों की बर्बादी पर मोदी का मरहम हरित क्रांति
धर्म-अध्यात्म यशोदानंदन-४० April 11, 2015 / April 11, 2015 by विपिन किशोर सिन्हा | Leave a Comment अपनी अद्भुत लीला समाप्त कर श्रीकृष्ण ने व्रज लौटने का निश्चय किया। व्रज में श्रीकृष्ण की अनुपस्थिति से प्रोत्साहित अरिष्टासुर ने व्रज को तहस-नहस करने के उद्देश्य से व्रज में प्रवेश किया। उसने वृषभ का रूप धारण कर रखा था। उसके कंधे के पुट्ठे तथा डील-डौल असामान्य रूप से विशाल थे। उसके खुरों के पटकने […] Read more » Featured बिपिन किशोर सिन्हा यशोदानंदन-४० श्रीकृष्ण
धर्म-अध्यात्म मूर्तिपूजा, तीर्थ हर की पैड़ी, एकसाथ खानपान और महर्षि दयानन्द April 11, 2015 / April 11, 2015 by मनमोहन आर्य | 1 Comment on मूर्तिपूजा, तीर्थ हर की पैड़ी, एकसाथ खानपान और महर्षि दयानन्द महर्षि दयानन्द अपने जीवनकाल में देश के विभिन्न भागों में वेद प्रचारार्थ जाते थे और लोगों को उपदेश करते थे। वह प्रायः सभी स्थानों पर अपने कार्यक्रमों के विज्ञापन कराते थे जिसमें उपदेशों के अतिरिक्त शंका समाधान, वार्तालाप और शास्त्रार्थ करने का आमंत्रण हुआ करता था। उनके इन कार्यक्रमों में हिन्दूओं सहित सभी मुस्लिम व […] Read more » Featured एकसाथ खानपान और महर्षि दयानन्द तीर्थ हर की पैड़ी मनमोहन कुमार आर्य मूर्तिपूजा मूर्तिपूजा तीर्थ हर की पैड़ी एकसाथ खानपान और महर्षि दयानन्द
राजनीति कश्मीरी पंडितों की वापसी से कौन डरता है ? April 11, 2015 / April 11, 2015 by संजय द्विवेदी | 1 Comment on कश्मीरी पंडितों की वापसी से कौन डरता है ? कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों को वापस बसाने को लेकर अलगाववादी संगठनों की जैसी प्रतिक्रियाएं हुयी हैं, वे बहुत स्वाभाविक हैं। यह बात साबित करती है कि कश्मीर घाटी में जो कुछ हुआ, उसमें इन अलगाववादियों की भूमिका और समर्थन रहा है। कश्मीर पंडितों की कालोनी बनाने की बात पर उन्हें ‘यहूदी’ शब्द से संबोधित […] Read more » Featured अलगाववादियों कश्मीर घाटी कश्मीरी पंडित कश्मीरी पंडितों की वापसी से कौन डरता है ? पाक अधिकृत' कश्मीर संजय द्विवेदी
मीडिया शख्सियत समाज मानवतावादी रचनाकार विष्णु प्रभाकर April 10, 2015 / April 11, 2015 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment कालजयी जीवनी आवारा मसीहा के रचियता सुप्रसिद्ध साहित्यकार विष्णु प्रभाकर कहते थे कि एक साहित्यकार को केवल यह नहीं सोचना चाहिए कि उसे क्या लिखना है, बल्कि इस पर भी गंभीरता से विचार करना चाहिए कि क्या नहीं लिखना है. वह अपने लिखने के बारे में कहते थे कि प्रत्येक मनुष्य दूसरे के प्रति उत्तरदायी […] Read more » Featured मानवतावादी रचनाकार मानवतावादी रचनाकार विष्णु प्रभाकर विष्णु प्रभाकर
प्रवक्ता न्यूज़ 27 अप्रैल से होगी डॉ. हेडगेवार ‘शतरंज’ प्रतियोगिता April 10, 2015 / April 11, 2015 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment शतरंज के प्रेमियों के लिए एक अच्छी खबर है। 27 अप्रैल 2015 से ‘डॉ. हेडगेवार शतरंज प्रतियोगिता’ का आयोजन किया जा रहा है, यह प्रतियोगिता एक मई तक चलेगी। नई दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम पर आयोजित होने वाले इस टूर्नामेंट में अलग-अलग स्तर पर विजयी प्रतिभागियों के बीच 10 लाख रुपए तक की इमानी राशि […] Read more » Featured डॉ. हेडगेवार ‘शतरंज’ प्रतियोगिता
स्वास्थ्य-योग भारतीय योग की विश्व मान्यता का सन्देश April 10, 2015 / April 11, 2015 by ललित गर्ग | Leave a Comment प्राचीन काल में भारत से शुरु हुआ योग ने बीते दशकों में दुनिया भर के लोगों को आकर्षित किया है। अब भारत के आग्रह पर योग के महत्व को मान्यता देते हुए संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया है। यह शायद पहला अवसर है, जब भारतीय योग से जुडे़ ज्ञान […] Read more » Featured भारतीय योग भारतीय योग की विश्व मान्यता का सन्देश ललित गर्ग
खेत-खलिहान प्रायोजित कृषि विनाश या प्राकृतिक आपदा ? April 10, 2015 / April 11, 2015 by डॉ. राजेश कपूर | 1 Comment on प्रायोजित कृषि विनाश या प्राकृतिक आपदा ? पिछले अनेक वर्षों से हम देख रहे हैं कि आंधी, वर्षा, तूफ़ान, ओलावृष्टि बड़े नपे-तुले समय पर होती है.जब वृक्षों-फसलों में फूल, फल बनने का समय होता है तभी आंधी, ओले, तूफ़ान, वर्षा बड़े नियम के साथ अपनी विनाश लीला दिखा देते हैं. जब फसलें पकने व काटने का समय होता है तब भी प्रकृति […] Read more » Featured प्रायोजित कृषि विनाश या प्राकृतिक आपदा ? राजेश कपूर
खेत-खलिहान इस सवाल का जवाब जरूरी है April 10, 2015 / April 11, 2015 by अरुण तिवारी | Leave a Comment मेरे पूर्व लिखित लेखों में भूमि अर्जन, पुनस्र्थापन और पुनव्र्यवस्थापन में उचित प्रतिकार और पारदर्शिता कानून-2013 के पक्ष में कई तर्क हैं। इन तर्कों को सामने रख कोई सहमत हो सकता है कि वह भूमि बचाने वाला कानून था। वह बहुमत की राय के आधार पर भूमिधर को भूमि बेचने, न बेचने की आजादी देता […] Read more » Featured अन्ना अरुण तिवारी भूमि अधिग्रहण भूमि अधिग्रहण क़ानून