पर्यावरण विकास के नाम पर पर्यावरण की उपेक्षा क्यों? March 22, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment -ललित गर्ग- ‘सबका साथ, सबका विकास’ वर्तमान सरकार का नारा है, यह नारा जितना लुभावना है उतना ही भ्रामक एवं विडम्बनापूर्ण भी है। यह सही है कि आम आदमी की जरूरतें चरम अवस्था में पहुंच चुकी हैं। हम उन जरूरतों को पूरा करने के लिए विकास की कीमत पर्यावरण के विनाश से चुकाने जा रहे […] Read more » environmental devastation Featured पर्यावरण की उपेक्षा विकास
कहानी साहित्य वह सब की सुनता है ओर सबकी मदद करता है March 22, 2018 by आर के रस्तोगी | 2 Comments on वह सब की सुनता है ओर सबकी मदद करता है एक मेजर के नेतृत्व में 15 जवानो की एक टुकड़ी हिमालय पर्वत में अपने रास्ते पर थी उन्हे ऊपर कही तीन महीने के लिए दूसरी टुकड़ी के लिए तैनात होना था | दुर्गम स्थान,ठण्ड और बर्फवारी ने चढ़ाई की कठिनाई और बढ़ा थी|बेतहासा ठण्ड में मेजर ने सोचा कि अगर उन्हें यहाँ एक कप चाय […] Read more » Featured God god is every where मदद
व्यंग्य साहित्य राजनीति का भूत March 21, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment शर्मा जी की इच्छा थी कि मोहल्ले में उनका कद कुछ बढ़े। उनके भाव भी थोड़े ऊंचे हों। असल में नगर पंचायत के चुनाव पास आ रहे थे। उनका मन था कि इस बार वे भी किस्मत आजमाएं। यद्यपि इससे पहले उनका कोई राजनीतिक कैरियर नहीं था। 40 साल सरकारी दफ्तर में पैर पीटने के […] Read more » Featured राजनीति का भूत
विविधा हर परिवार में वॉटर बजट बने March 21, 2018 by मनोज कुमार | Leave a Comment हर वर्ष की तरह एक बार फिर हम जल दिवस मनाने जा रहे हैं. निश्चित रूप से ऐसे दिवस हमारे लिए प्रेरणा का काम करते हैं. जल का हमारे जीवन में बहुत महत्व है. जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है और जिस तरह का संकट अब पूरी दुनिया के […] Read more » Featured judicious use of water water budget वॉटर बजट
लेख गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-74 March 21, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य    गीता का तेरहवां अध्याय और विश्व समाज संसार के जितने भर भी चमकते हुए पदार्थ हैं-उनमें वह परमपिता परमेश्वर ज्योति की ज्योति अर्थात परम-ज्योति बनकर विराजमान है। यही वेद कहता है -‘ज्योतिषां ज्योतिरेकम्।’ वह अंधकार से परे है-वेद भी कहता है-‘तम स: परस्तात्’- श्रीकृष्ण जी भी उस ‘ज्ञेय’ का […] Read more » Featured आज का विश्व गीता गीता का कर्मयोग
लेख साहित्य गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-73 March 21, 2018 / March 21, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य    गीता का तेरहवां अध्याय और विश्व समाज ब्रहमाण्ड का क्षेत्रज्ञ कौन है? अब श्रीकृष्णजी कहते हैं कि अर्जुन! अब मैं तुझे यह बतलाऊं कि ‘ज्ञेय’ क्या है? अर्थात जानने योग्य क्या है? वह क्या है जिसे जान लेने पर अमृत की प्राप्ति की जाती है? इस ‘ज्ञेय’ के विषय […] Read more » Featured karmayoga of geeta आज का विश्व गीता का कर्मयोग
विविधा नरदेवता March 20, 2018 by गंगानन्द झा | 4 Comments on नरदेवता हिन्दु मत में तैंतीस करोड़ देवी देवताओं की बात कही गई है। इसकी हकीकत मेरी चेतना में उभड़ती है जब सोचता हूँ कि बिना संसाधन और समझदारी के मेरा जीवित रहना कैसे मुमकिन हो पाया। मैंने तो अपनों को परेशानी में डाला था। खासकर अपने सेवानिवृत्त निःस्व पिता को, परिवार के सन्तुलन को, दोस्तों के […] Read more » Featured god father नरदेवता
कविता साहित्य देश बड़ा है नारों से March 19, 2018 by आर के रस्तोगी | 2 Comments on देश बड़ा है नारों से मोदी जी का नारा:- “बेटी बचाओ,बेटी पढाओ” लालू जी का नारा:- “एक नहीं,कम से कम दस बारह तो बनाओ उनको पढाओ,न पढाओ,राजनीति में तो लाओ कम से कम डिप्टी चीफ मिनिस्टर तो बनाओ” सोनिया जी का नारा :- “बहूँ दिलवाओ,मेरे बेटे का घर बसाओ” राहूल का नारा:- न बहूँ लाऊंगा,न घर बसाऊंगा बस ऐसे ही […] Read more » "देश बड़ा है नारों से Featured
कविता साहित्य श्री देवी के अंतिम वाक्य March 19, 2018 / March 19, 2018 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment संसार एक थियेटर घर है अनेको पात्र इसमें आते है अपना अपना रोल निभा कर अपने घरो को चले जाते है मैं भी इस थियेटर घर में अपना रोल निभाने आई थी मेरा रोल अब खत्म हुआ घर जाने की बारी आई थी डायरेक्टर ऊपर बैठा हुआ है सबको डायरेक्शन दे रहा डायरेक्शन के […] Read more » Featured श्री देवी
प्रवक्ता न्यूज़ गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-72 March 19, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   गीता का तेरहवां अध्याय और विश्व समाज इस प्रकार श्रीकृष्णजी ने इन चौबीस तत्वों से ब्रह्माण्ड तथा पिण्ड के क्षेत्र को बना हुआ माना है। जैसे खेत में खरपतवार उग आता है वैसे ही इच्छा, द्वेष, सुख-दु:खादि पिण्ड रूपी क्षेत्र केे खरपतवार या विकार हैं। यह खरपतवार पिण्ड रूपी क्षेत्र […] Read more » Featured karmayoga of geeta आज का विश्व गीता गीता का कर्मयोग
लेख साहित्य गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-71 March 19, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   गीता का तेरहवां अध्याय और विश्व समाज जैसे एक खेत का स्वामी अपने खेत के कोने-कोने से परिचित होता है कि खेत में कहां कुंआ है? कहां उसमें ऊंचाई है? कहां नीचा है? उसकी मिट्टी कैसी है? उसमें कौन सी फसल बोयी जानी उचित होगी?-इत्यादि। वैसे ही हममें से अधिकांश […] Read more » Featured आज का विश्व गीता का कर्मयोग गीता का तेरहवां अध्याय विश्व समाज
मीडिया राजनीति नीति नियोजन में मीडिया की भूमिका March 19, 2018 by अरुण तिवारी | 4 Comments on नीति नियोजन में मीडिया की भूमिका अरुण तिवारी इण्डिया हैबिटेट सेंटर, लोदी रोड, नई दिल्ली में एक त्रिदिवसीय आयोजन (07-09 फरवरी, 2018) हुआ। इस त्रिदिवसीय ‘इवेलफेस्ट – 2018’ के दूसरे दिन के अंतिम सत्र की चर्चा का विषय था : प्रमाण आधारित नीति नियोजन में मीडिया की भूमिका। आमंत्रण पाने पर मेरे मन में उठा सबसे पहला सवाल यही था कि […] Read more » Featured policy planning नीति नियोजक नीति नियोजन शासकीय नीति नियोजक संगठन