समाज स्वस्थ जीवन का आधार ईश्वरोपासना, अग्निहोत्र,योगासन-व्यायाम एवं शुद्ध शाकाहारी भोजन February 5, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य आज के समय की सबसे बड़ी समस्या मनुष्य का स्वास्थ्य ठीक न रहना है। स्वास्थ्य का सम्बन्ध हमारे सुखों एवं दीर्घायु से है। यदि हम स्वस्थ हैं तो हम सुखी हैं और दीर्घायु हो सकते हैं और यदि स्वस्थ नहीं तो फिर रोग के अनुसार हम दुःखी रहते हुए अस्पतालों के भारी […] Read more » Featured अग्निहोत्र ईश्वरोपासना योगासन-व्यायाम शाकाहारी शुद्ध शाकाहारी भोजन स्वस्थ जीवन का आधार
लेख साहित्य गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-52 February 5, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य गीता का आठवां अध्याय और विश्व समाज मोक्ष कब तक मिला रहता है अब हम इस विषय पर विचार करते हैं कि मनुष्य को मोक्ष कब मिलता है? गीता के आठवें अध्याय में ही इस पर प्रकाश डालते हुए योगीराज श्रीकृष्णजी ने स्पष्ट किया कि ब्रह्म का एक दिन मानव के एक […] Read more »  गीता का आठवां अध्याय Featured geeta karmayoga of geeta todays world आज का विश्व गीता गीता का कर्मयोग विश्व समाज
लेख साहित्य गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-51 February 5, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य   गीता का आठवां अध्याय और विश्व समाज परमपुरूष अर्थात परमात्मा को पाने का सच्चा साधन योगेश्वर श्रीकृष्ण ‘अभ्यास योग’ को ही बताते हैं। वह कहते हैं कि जो साधक ‘अभ्यास योग’ के माध्यम से चित्त को एकाग्र कर उसे कहीं दूसरी जगह भागने नहीं देता है-वह निरन्तर चिन्तन करते रहने […] Read more »  गीता का आठवां अध्याय Featured geeta karmayoga of geeta todays world आज का विश्व गीता गीता का कर्मयोग विश्व समाज
विविधा मासिक धर्म : आखिर चुप्पी कब तक ? February 5, 2018 by देवेंद्रराज सुथार | Leave a Comment स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होने के बावजूद भारत में पैड एक महंगी वस्तु है। यह अजीब है कि स्वच्छता अभियान चलाने वाले भारत में सैनिटरी पैड पर जीएसटी लगाकर 12 फीसदी टैक्स लगाया जाता है, लेकिन झाड़ू करमुक्त है, क्योंकि यहाँ अपने शरीर को साफ रखने से ज्यादा महत्वपूर्ण अपने घर को साफ रखना […] Read more » Featured importance of periods menstrual cycle Sanitary napkins पीरियड्स मासिक धर्म
राजनीति सेक्युलरिज्म की अग्नि में झुलसता ‘न्यू इंडिया’ February 4, 2018 by आशीष रावत | Leave a Comment आशीष रावत देश में एक शब्द का प्रयोग बड़े जोर-शोर से किया जाता है। उस शब्द का नाम है ‘सेक्युलर’। यह हमारी राजनीतिक प्रणाली में क्यों और किस तरह से आया? जब इस शब्द का प्रादुर्भाव हुआ था तब किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि इस शब्द का भारत की राजनीति पर इतना असर […] Read more » 'New India' scorching 'New India' scorching in the fire of secularism Featured fire of secularism सेक्युलरिज्म
समाज इस्लाम का इस्लाम से भाईचारा February 4, 2018 / February 4, 2018 by विनोद कुमार सर्वोदय | Leave a Comment पिछले माह (18 जनवरी 2018) मुम्बई में इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू द्वारा बुलाये गए बॉलीवुड सम्मेलन में एक भी बड़ा मुस्लिम कलाकर शाहरुख, सलमान, अमीर,सैफ, जावेद अख्तर, शबाना आज़मी आदि नही पहुँचे , जानते हैं क्यों ? क्योंकि वे तथाकथित शांतिदूत पहले मुसलमान हैं और उनकी निष्ठा सर्वप्रथम इस्लाम में निहित होती हैं। क्या […] Read more » Featured इस्लाम इस्लाम से भाईचारा
धर्म-अध्यात्म जीवात्माओं के शरीरों की आकृति व सामर्थ्य में भेद का कारण? February 4, 2018 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य जीवात्मा जन्म व मरण धर्मा है। ईश्वर की व्यवस्था से इसे अपने पूर्व जन्मों के कर्मानुसार जाति, आयु व भोग प्राप्त होते हैं। इन तीनों कार्यों को प्राप्त करने में यह परतन्त्र है। जीव जन्म लेने के बाद कर्म करने में तो स्वतन्त्र है परन्तु उनके फल इसे ईश्वर की व्यवस्था से […] Read more » Featured
आर्थिकी राजनीति गांव, गरीब और किसान की सुुध लेता बजट February 3, 2018 by ललित गर्ग | Leave a Comment – ललित गर्ग – बजट हर वर्ष आता है। अनेक विचारधाराओं वाले वित्तमंत्रियों ने विगत में कई बजट प्रस्तुत किए। पर हर बजट लोगों की मुसीबतें बढ़ाकर ही जाता है। लेकिन इस बार बजट ने नयी परम्परा के साथ राहत की सांसें दी है तो नया भारत- सशक्त भारत के निर्माण का संकल्प भी व्यक्त […] Read more » budget 2018 emphasize inclusive growth in budget Featured Need to emphasize inclusive growth in budget बजट वित्त मंत्री अरुण जेटली समावेशी विकास समावेशी विकास पर जोर देने की जरूरत
लेख साहित्य गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-50 February 3, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य गीता का आठवां अध्याय और विश्व समाज एकाक्षर ब्रह्म गीता के आठवें अध्याय में ब्रह्म, कर्म, अध्यात्म, अधिभूत, अधिदैव, अधियज्ञ तथा अन्तकाल की सुन्दर व्याख्या की गयी है। अर्जुन ने गीता के आठवें अध्याय के आरम्भ में प्रश्न कर लिया है कि पुरूषोत्तम वह ब्रह्म क्या है? अध्यात्म क्या है? कर्म क्या […] Read more » Featured karmayoga of geeta आज का विश्व एकाक्षर ब्रह्म गीता गीता का आठवां अध्याय गीता का कर्मयोग विश्व समाज
प्रवक्ता न्यूज़ गीता का कर्मयोग और आज का विश्व, भाग-49 February 3, 2018 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment राकेश कुमार आर्य    गीता का सातवां अध्याय और विश्व समाज ईश्वर विषयक भ्रम जो लोग विभिन्न देवी देवताओं की पूजा में लगे रहते हैं, या विभिन्न व्यक्तियों को ईश्वर मानकर उनकी पूजा करते रहते हैं-उन्हें श्रीकृष्ण जी बुद्घिहीन मानते हैं। कहते हैं कि जो बुद्घिहीन लोग मुझ अव्यक्त को व्यक्त हुआ मानने […] Read more » Featured karmayoga of geeta आज का विश्व ईश्वर विषयक भ्रम गीता गीता का कर्मयोग गीता का सातवां अध्याय विश्व समाज
व्यंग्य मोबाइल न छूटे… February 3, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment आजकल तो देश के कई भागों में पानी की किल्लत होने लगी है; पर सौ साल पहले चेरापूंजी सबसे अधिक और राजस्थान सबसे कम वर्षा वाला क्षेत्र था। इसीलिए राजस्थान में पानी पर सैकड़ों लोकगीत, कहानियां और कहावतें बनी हैं। उन दिनों पानी भरने तथा कपड़े धोने का काम महिलाएं ही करती थीं। इस बहाने […] Read more » Featured मोबाइल
राजनीति लोकतंत्र का लचीला और खुला स्वरूप रहे बरकरार February 3, 2018 by राजू पाण्डेय | Leave a Comment प्रधानमंत्री जी ने गत दिनों दो निजी टी वी चैनलों को दिए अपने साक्षात्कारों में अपने मन की बात हमेशा की तरह हमारे साथ की। एक मुद्दा जिसे माननीय राष्ट्रपति महोदय ने बजट सत्र के प्रारम्भ में दिए गए अभिभाषण में सम्मिलित कर आधिकारिकता और महत्व दोनों प्रदान कर दिए- वह था- लोक सभा और […] Read more » Featured Flexible and open form of democracy intact लचीला लोक सभा और विधान सभा के चुनाव एक साथ लोक सभा और विधान सभा चुनाव लोकतंत्र