जन-जागरण हिंदी की इस दशा के हम गवाह ही नहीं दोषी भी है ! September 13, 2012 / September 14, 2012 by शादाब जाफर 'शादाब' | Leave a Comment हिंदी दिवस पर विशेषः- शादाब जफर ‘‘शादाब’’ आज हिंदी जिस बुरे दौर से गुजर रही है हम इस के गवाह भी है और गुनाहगार भी। हिंदी बोलने और पढने वालो को आज देश में अनपढ गंवार, मीड़िल क्लास या एकदम नीचे दर्ज का समझा जाता है। संसद हो या बडे बडे आयोजन हमारे देश के […] Read more » Hindi Diwas
लेख 14 सितम्बर हिन्दी दिवस पर विशेष September 14, 2011 / December 6, 2011 by सरमन नगेले | Leave a Comment सरमन नगेले ’’हिन्दी पर गर्व करो, और हिन्दी को अभियान दो’’ इंटरनेट के जरिए विश्व पटल पर राज करती हिन्दी हिन्दी आधारित ई व एम तंत्र के जरिए सूचना का लोकतंत्रीकरण डिजिटल खाई को पाटने में हिन्दी का सर्वाधिक योगदान आज भारत में संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी के कारण हिन्दी पर गर्व करो, और हिन्दी […] Read more » Hindi Diwas हिन्दी दिवस
विविधा वाद, विवाद, अनुवाद की छाया से मुक्त हो हिन्दी पत्रकारिता September 14, 2011 / December 6, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment ऋतेश पाठक हिन्दी के सर्वप्रथम दैनिक उदन्त मार्तण्ड के प्रथम और अंतिम संपादक पंडित युगल किशोर शुक्ल ने लिखा था ‘‘इस ‘उदन्त मार्तण्ड’ के नांव पढ़ने के पहिले पछाहियों के चित का इस कागज नहोने से हमारे मनोर्थ सफल होने का बड़ा उतसा था। इसलिए लोग हमारे बिन कहे भी इस कागज की सही की […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस हिंदी पत्रकारिता
विविधा कविता / हिन्दी पखवाड़ा September 14, 2011 / December 6, 2011 by श्यामल सुमन | Leave a Comment भाषा जो सम्पर्क की हिन्दी उसमे मूल। बनी न भाषा राष्ट्र की यह दिल्ली की भूल।। राज काज के काम हित हिन्दी है स्वीकार। लेकिन विद्यालय सभी हिन्दी के बीमार।। भाषा तो सब है भली सीख बढ़ायें ज्ञान। हिन्दी बहुमत के लिए नहीं करें अपमान।। मंत्री की सन्तान सब अक्सर पढ़े विदेश। […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस
कविता हिन्दी दिवस …(14 सितम्बर पर विशेष) September 12, 2011 / December 6, 2011 by जगमोहन ठाकन | Leave a Comment जग मोहन ठाकन बिन्दी-बिन्दी खरोंच रहा हूँ अपना ही मुख नोंच रहा हूँ जितना सोचूं उतना उलझूं, उलझ-उलझ कर सोच रहा हूँ । तुम भी सोचो,मैं भी सोचूं, आओ मिलकर सारे सोचें- अपने ही घर विवश हुई क्यों हिन्दी ‘‘दिवस‘‘ मनाने को ?? माता छोड़ विमाता पूजें, छोड़ आसमा छाता पूजें , दूर कहीं से […] Read more » Hindi Diwas हिन्दी दिवस
साहित्य व्यंग्य/ हिंदी ! तेरा पखवाड़ा अमृत!! September 15, 2010 / December 22, 2011 by अशोक गौतम | 2 Comments on व्यंग्य/ हिंदी ! तेरा पखवाड़ा अमृत!! -अशोक गौतम जो हाल शांति की तलाश में कस्तूरा हो भटक रहे मेरे शहर में किसी ऐरे गैरे नत्थू खैरे बाबा के आने पर भक्तिमय हो जाता है वही हाल हिंदी पखवाड़े के आने पर मेरे देश का हो जाता है। जो आदरणीय बंधु सारा साल अंग्रेजी थूक-थूक कर पूरे देश का थोबड़ा थुकियाए रहते […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस
साहित्य सिर्फ रस्म बन कर न रह जाए ये दिन : पूजा श्रीवास्तव September 14, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 4 Comments on सिर्फ रस्म बन कर न रह जाए ये दिन : पूजा श्रीवास्तव एक बार फिर 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाने के लिए लोग तैयार हैं। सर्वविदित है कि इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित होते हैं। कई संगोष्ठियां, कई परिचर्चाएं होती हैं और तमाम लोग हिन्दी के प्रति अपने प्रेम को जाहिर करते हैं। हिन्दी की दुर्दशा पर घडिय़ाली आंसू भी बहाए जाते है। पर सवाल ये […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस
साहित्य हिन्दी दिवस पर कुछ यक्ष प्रश्न September 14, 2010 / December 22, 2011 by डॉ. अभिज्ञात | 4 Comments on हिन्दी दिवस पर कुछ यक्ष प्रश्न -डॉ. अभिज्ञात हिन्दी के बारे में यह मातम मनाने की आवश्यकता बिल्कुल नहीं है कि उसकी गरिमा को उन शब्दों से ठेस पहुंच रही है जो मूलतः हिन्दी के हैं ही नहीं। वे अंग्रेज़ी, मराठी, बंगला, पंजाबी या दूसरी भारतीय या विदेशी भाषाओं से आयातित हैं। दूसरी भाषाओं के मेल-जोल से जो भाषा बन रही […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस
साहित्य हिंदी दिवस पर विशेषः विलाप मत कीजिए, संकल्प लीजिए ! September 14, 2010 / December 22, 2011 by संजय द्विवेदी | 15 Comments on हिंदी दिवस पर विशेषः विलाप मत कीजिए, संकल्प लीजिए ! – संजय द्विवेदी राष्ट्रभाषा के रूप में खुद को साबित करने के लिए आज वस्तुतः हिंदी को किसी सरकारी मुहर की जरूरत नहीं है। उसके सहज और स्वाभाविक प्रसार ने उसे देश की राष्ट्रभाषा बना दिया है। वह अब सिर्फ संपर्क भाषा नहीं है, इन सबसे बढ़कर वह आज बाजार की भाषा है, लेकिन हर […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस
साहित्य हिन्दी दिवस की रस्म अदायगी September 14, 2010 / December 22, 2011 by फ़िरदौस ख़ान | 2 Comments on हिन्दी दिवस की रस्म अदायगी -फ़िरदौस ख़ान देश की आज़ादी को छह दशक से भी ज़्यादा का वक़्त बीत चुका है। इसके बावजूद अभी तक हिन्दी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा हासिल नहीं हो पाया है। यह बात अलग है कि हर साल 14 सितंबर को हिन्दी दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन कर रस्म अदायगी कर ली जाती है। हालत […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस
साहित्य राजभाषा हिंदी – अनुवाद एवं तकनीकी समावेश की सार्थकता September 14, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on राजभाषा हिंदी – अनुवाद एवं तकनीकी समावेश की सार्थकता दिलीप कुमार पांडेय, संयुक्त सचिव, राजभाषा, गृह मंत्रालय, भारत सरकार स्वातंत्र्योत्तर भारत में स्वाधीनता और स्वावलम्बन के साथ-साथ स्वभाषा को भी आवश्यक माना गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के तुरंत बाद गांधीजी ने खुले शब्दों में कहा कि ‘प्रांतीय भाषा या भाषाओं के बदले में नहीं बल्कि उनके अलावा एक प्रांत से दूसरे प्रांत का संबंध जोड़ने […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस
साहित्य हिन्दी दिवस पर विशेष- इंटरनेट के भाषाखेल का सामाजिक प्रभाव September 14, 2010 / December 22, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment -जगदीश्वर चतुर्वेदी कम्प्यूटर युग में भाषायी असंतुष्ट हाशिए पर हैं। अब हम भाषा बोलते नहीं हैं बल्कि भाषा में खेलते हैं। ‘बोलने’ से ‘खेलने’ की अवस्था में प्रस्थान कब और कैसे हो गया हम समझ ही नहीं पाए। यह हिन्दी में पैराडाइम शिफ्ट का संकेत है। इसे भाषाखेल कहते हैं। इसमें भाषा के जरिए वैधता […] Read more » Hindi Diwas हिंदी दिवस