कविता
हिन्दी के प्रचार-प्रसार में संचार माध्यमों की भूमिका
/ by राजेश करमहे
राजेश करमहे अक्षर अविनाशी, शब्द ब्रह्म, ध्वनि सृष्टि का स्पंदन, धन्य हो हिन्दी भाषा, नागरी तुझको नमन. वसुधा कुटुम्ब, अतिथि ईश्वर, परहित जीवन समिधा अर्पण, समृद्ध हो हिन्दी संस्कृति, भारती तेरा चरण वंदन. सर्वधर्म समभाव युक्त धर्मनिरपेक्ष जीवन दर्शन, धन्य हो भारतमाता, भारतवासी तुझे नमन. सुनता रहा है विश्व जिसे, करता नत […]
Read more »