राजनीति संस्कारों से निर्मित भारतीय संस्कृति March 23, 2020 / March 23, 2020 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment वेद के रूप में ईश्वर ने मानव को एक संविधान देकर सुव्यवस्था प्रदान की । जबकि उपनिषदों ने मानव मन में उभरने वाले अनेकों गम्भीर प्रश्नों का उत्तर देकर उसकी शंकाओं का समाधान किया । अब बारी थी एक सुव्यवस्थित समाज को आगे बढ़ाने की । जिसके लिए हमारे ऋषियों ने 16 संस्कारों का विधान […] Read more » Indian Culture Indian culture created by culture भारतीय संस्कृति
लेख “भारतीय संस्कृति से विश्व का कल्याण होगा” July 22, 2019 / July 22, 2019 by विनोद कुमार सर्वोदय | Leave a Comment भारतीय संस्कृति पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आघात शतकों से होता आ रहा है। विदेशी धर्मान्ध आक्रांताओं द्वारा सत्य सनातन वैदिक हिन्दू धर्म व संस्कृति को नष्ट करने के कुप्रयासों का अत्याचारी इतिहास भुलाया नहीं जा सकता। सत्य,अहिंसा,सहिष्णुता,उदारता व क्षमा के मार्गों पर चलने की प्रेरणा देने वाली भारतीय संस्कृति विश्व को एक परिवार का रूप […] Read more » Indian Culture welfare of the world
शख्सियत समाज स्वामी विवेकानंद: भारतीय संस्कृति के वैश्विक उद्घोषक January 11, 2018 / January 11, 2018 by प्रवीण गुगनानी | Leave a Comment स्वामी विवेकानंद जी ने भारत को व भारतत्व को कितना आत्मसात कर लिया था यह कविवर रविन्द्रनाथ टैगोर के इस कथन से समझा जा सकता है जिसमें उन्होनें कहा था कि – “यदि आप भारत को समझना चाहते हैं तो स्वामी विवेकानंद को संपूर्णतः पढ़ लीजिये”. नोबेल से सम्मानित फ्रांसीसी लेखक रोमां रोलां ने स्वामी जी के […] Read more » Featured Global Announcer of Indian Culture Indian Culture Swami Vivekananda भारतीय संस्कृति विवेकानंद वैश्विक उद्घोषक स्वामी विवेकानंद
लेख भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों द्वारा ही संसार का कल्याण संभव March 12, 2012 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | 1 Comment on भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों द्वारा ही संसार का कल्याण संभव सुरेश गोयल धूप वाला भारतवर्ष को ऋषि-मुनियों की भूमि व देव भूमि कहा जाता है जिसके विशेष कारण है कि इस देव भूमि में लाखों हजारौं वर्षों में एक विशेष संस्कृति फलीफूली है और बढ़ी है। इसने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में एक सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है। इन्हीं विशेष संस्कृति को हिन्दुत्व कहा जाता […] Read more » Indian Culture indian culture value भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों संसार का कल्याण
लेख विश्व विजेता भारत January 28, 2012 / January 28, 2012 by डॉ. राजेश कपूर | 7 Comments on विश्व विजेता भारत विश्व की सभ्यताओं का प्रारम्भ अथवा उनका मूल भारतीय संस्कृति में ही मिलता है। यह बात केवल भारत नहीं , विश्व के अनेक विद्वानों ने कहीलिखी है। अतीत काल में भारत में सबसे अधिक प्रचलित भाषा संस्कृत रही है। यूँ तो अनेक बोलियाँ और भाषाएँ सदा ही प्रचालन में रहती आई हैं पर संस्कृत का […] Read more » India Indian Culture भारतीय संस्कृति विश्व विजेता भारत
कला-संस्कृति संवत्सर की विविध भारतीय परम्पराए January 7, 2012 / January 7, 2012 by मनोज श्रीवास्तव 'मौन' | 5 Comments on संवत्सर की विविध भारतीय परम्पराए मनोज श्रीवास्तव ‘‘मौन’’ हमारे देश के संवत्सर प्रारम्भ के सम्बन्ध में भारत के विभिन्न क्षेत्रों की परम्परा में कुछ अन्तर है। भारत के कुछ भागों में माह कृष्ण पक्ष की अगली प्रतिपदा से प्रारम्भ होते हैं और शुक्ल पक्ष के साथ समाप्त होते हैं। ऐसे माह को पूर्णिमान्त कहते हैं ऐसे माह को अमावस्यान्त कहते […] Read more » Indian Culture भारतीय परम्पराए संवत्सर की विविध भारतीय परम्पराए
कला-संस्कृति भारतीय संस्कृति पर अश्लीलता का खतरा March 17, 2011 / December 14, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 14 Comments on भारतीय संस्कृति पर अश्लीलता का खतरा कुछ समय पूर्व भारत के टीवी चैनल्स पर एक नामी सीमेंट कम्पनी का विज्ञापन प्रसारित किया जा रहा था जिसमें एक लड़की के कुछ अंगों को उभारकर दिखाया जाता था। यहां सोचने वाली बात यह है कि सीमेंट से लड़की का ताल्लुक क्या था? क्या वह लड़की सीमेंट खाती थी या वह सीमेंट से बनी […] Read more » Indian Culture
धर्म-अध्यात्म भारतीय सभ्यता का परमानंद है दुर्गापूजा October 15, 2010 / December 21, 2011 by जगदीश्वर चतुर्वेदी | Leave a Comment -जगदीश्वर चतुर्वेदी आज दुर्गा अष्टमी है और पश्चिम बंगाल का माहौल एकदम भिन्न है। समूचा प्रांत दुर्गा में डूबा है। जगह-जगह मंडपों में लाखों लोगों की भीड़ लगी है। लोगों की उत्सवधर्मिता का आलम यह है कि कल शाम को अचानक तेज बारिश हो गयी तो कुछ देर के लिए लगा कि अब लोग नहीं […] Read more » Indian Culture दुर्गापूजा
धर्म-अध्यात्म भारतीय संस्कृति के वाहक चार धाम September 9, 2010 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on भारतीय संस्कृति के वाहक चार धाम -त्रिलोक चन्द्र भट्ट हिमालय की पर्वत शृंखलाओं का धवल क्रम पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहा है। स्वच्छ स्निग्ध पर्वत शृंखलाओं के निचले पर्वतीय व वन क्षेत्र अपने शांत वातावरण के कारण ऋषि-मुनि व ज्ञानियों की जिज्ञासा बढ़ाते रहे हैं। इन वन क्षेत्रों को उन्होंने कठिन तपस्याएं कर अनेक मंत्र सिद्धियां व ज्ञान की प्राप्ति […] Read more » Indian Culture भारतीय संस्कृति
कला-संस्कृति भारतीय संस्कृति और भोगवाद April 27, 2010 / December 24, 2011 by विश्वमोहन तिवारी | 22 Comments on भारतीय संस्कृति और भोगवाद क्या भोगवाद उन्नति का नाप है और क्या भारतीय संस्कृति आउट आफ़ डेट है? (मानव व्यवहार इतना जटिल है कि उसके विषय में कोई भी कथन यदि 60 प्रतिशत भी सही हो तो उसे सही माना जाना चाहिये।) मुझे लगता है कि भोगवाद का विषय आज तर्क के तथा समझने समझाने के परे हो गया […] Read more » Indian Culture भारतीय संस्कृति भोगवाद