कविता आखिर वो मेरी पत्नी है May 22, 2019 / May 22, 2019 by अजय एहसास | Leave a Comment वो विरह वेदना सहती है, फिर भी न वो कुछ कहती है चाहें दिल में हो दर्द भरा, पर सदा प्रेम में बहती है वो सहनशील भी कितनी है,आखिर वो मेरी पत्नी है। जब भी बीमार मैं हो जाता, दादी के नुस्खे बतलाये दो और दो चार नही जोड़े, परिवार जोड़ना सिखलाये वो पढ़ी लिखी […] Read more » poem poetry poetry on wife
कविता साहित्य इधर-उधर की मिट्टी May 22, 2019 / May 22, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment विनोद सिल्ला ऐ! हवा ये मिट्टी जो तुम साथ लाई हो ये यहाँ की प्रतीत नहीं होती तुम चाहती हो मिलाना उधर की मिट्टी इधर की मिट्टी में और इधर की मिट्टी उधर की मिट्टी में तभी तो लाती हो ले जाती हो सीमा पार मिट्टी लेकिन कुछ ताकतें हैं इधर भी उधर भी जो […] Read more » poem poetry poetry on soil
कविता साहित्य नवगीत-हिटलर दिनमान May 22, 2019 / May 22, 2019 by प्रवक्ता ब्यूरो | Leave a Comment क्या गर्मी पड़ती जेठ में वैशाख में! लू हैं लपटें हैं मचा हाहाकार है! इन दिनों धूप की सख्ती बरकार है! चिन्गारी है दबी बुझी हुई राख में! गीष्म ॠतु में दिनमान हिटलर हो जाता! तानाशाह के आगे कुछ न चल पाता! पूंजीपति लोकतंत्र दाब लिए काँख में! अविनाश ब्यौहार रायल एस्टेट कटंगी रोड, जबलपुर। […] Read more » hitler dynasty literature form newsong poem poetry
कविता राजनीति चुनाव परिणाम आने के बाद का द्रश्य May 21, 2019 / May 21, 2019 by आर के रस्तोगी | Leave a Comment आर के रस्तोगी मोदी की सरकार,तीन सौ के पार , सुना है यह जब से गठ्बब्धन ने , मचा है उन सब मे हाहाकार , कौन बनेगा अब प्रधान मंत्री , अब कोई नहीं बोल रहा है , लगता है विपक्षी नेताओ का , सिहांसन अब डोल रहा है || पूजा पाठ भी बन्द हो […] Read more » after elections result poem poem on politics poetry poetry on politics political poem
कविता बिछुड़न May 20, 2019 / May 20, 2019 by अजय एहसास | Leave a Comment अजय एहसास पास आ करके हमें दूर न होना आया, दूर हो करके तुमसे बस हमें रोना आया । तुम्हारी याद में पलकें हैं बन्द होके खुली, इन आँखों में नहीं नींद न सोना आया, दूर हो करके तुमसे बस हमें रोना आया । न जाने कौन सी घड़ी थी शक किया तुमनें, अपना कहने […] Read more » Love poem poetry sad poem separation split sweet poem
कविता राजनीति व्यंग्य साहित्य ‘इण्डियन भारत’ के ‘महाभारत’ का दुर्योद्धन-प्रसंग May 18, 2019 / May 18, 2019 by मनोज ज्वाला | 1 Comment on ‘इण्डियन भारत’ के ‘महाभारत’ का दुर्योद्धन-प्रसंग मनोज ज्वाला ‘इण्डिया दैट इज भारत’ के संविधान से संचालित भारतीय लोकतंत्र के महापर्व का १७वां आयोजन जारी है । वर्षों तक सत्ता-सुख भोगता रहा विपक्ष पांच वर्ष पहले १६वें पर्व के दौरान सत्ता गंवा चुके होने के बाद अब इस बार उसे किसी भी तरह हासिल कर लेने के बावत आसमान सिर पर उठा […] Read more » ‘इण्डियन भारत’ poem poetry sattire poem sattire poetry दुर्योद्धन-प्रसंग महाभारत
कविता कलयुग में गौतम बुद्ध कैसे बन पाओगे May 18, 2019 / May 18, 2019 by आर के रस्तोगी | 1 Comment on कलयुग में गौतम बुद्ध कैसे बन पाओगे आर के रस्तोगी इस कलयुग में अब गौतम बुद्ध कैसे बन पाओगे तुम ? चारो तरफ अन्धकार है,कैसे बुद्ध पूर्णिमा मनाओगे तुम ? करो निस्वार्थ सेवा जन जन की,किसी को कष्ट न देना तुम | सत्य अहिंसा का मार्ग अपनाकर,सबको गले से लगा लो तुम || जाना है सबको संसार को छोड़कर,ये बात समझ अब […] Read more » Inspiration poem poem on gautam buddha poetry
कविता दमन की हवा से ही इक दिन… May 2, 2014 by जावेद उस्मानी | Leave a Comment -जावेद उस्मानी- दमन की हवा से ही इक दिन, दहकेंगे श्रम के शोले! हक़ के अंगार से, दफनाये जायेंगे शोषण के गोले! अब भी सुन लो शोषकों, बर्के जिहिंद क्या बोले! इक कौंध में लपक लेने को, अंजाम खड़ा मुंह खोले! वे अपने दम पर लड़ते आये हैं, ताक़तवर से हर युग में! मगर ज़माना […] Read more » poem poem on hope आशा पर कविता कविता
कविता अच्छे लोगों की अच्छाई May 2, 2014 by प्रभुदयाल श्रीवास्तव | Leave a Comment -प्रभुदयाल श्रीवास्तव- अच्छे लोगॊं की अच्छाई चिड़ियों के गीतों को सुनकर, पत्ते लगे नांचने राई| कांव-कांव कौवे की सुनकर, पेड़ों ने कब्बाली गाई| राग बेसुरे सुनकर कोयल, गुस्से के मारे चिल्लाई| फिर भी उसके मधुर कंठ से, कुहू कुहू स्वर लहरी आ ई| अच्छे लोगों में रहती है, बात बात में ही अच्छाई| कभी नहीं […] Read more » birds poem poem कविता चिड़िया कविता
कविता सुमन यहां जलते दिन-रात। May 2, 2014 by श्यामल सुमन | Leave a Comment -श्यामल सुमन- सुमन यहां जलते दिन-रात। मिहनत जो करते दिन-रात। वो दुख में रहते दिन-रात। सुख देते सबको निज-श्रम से। तिल-तिल कर मरते दिन-रात। मिले पथिक को छाया हरदम। पेड़, धूप सहते दिन-रात। बाहर से भी अधिक शोर क्यों। भीतर में सुनते दिन-रात। दूजे की चर्चा में अक्सर। अपनी ही कहते दिन-रात। हृदय वही परिभाषित […] Read more » poem poem on life कविता जीवन पर कविता
कविता मोदी का युद्ध है चोरों से April 29, 2014 by विपिन किशोर सिन्हा | 11 Comments on मोदी का युद्ध है चोरों से -विपिन किशोर सिन्हा- पुरखों का युद्ध था गोरों से, मोदी का युद्ध है चोरों से। हे भारत मां के अनुपम सुत। जन-जन की आंखों के तारे। नर इंद्र तुम्हीं दामोदर हो। हे कोटि जनों के तुम प्यारे। गांधी ने अलख जगाई थी। सरदार ने राह दिखाई थी। उस मिट्टी में तुम पले बढ़े। है काम […] Read more » Narendra Modi poem Poem on Narendra Modi कविता नरेंद्र मोदी नरेंद्र मोदी कविता
कविता नवल शक्ति April 25, 2014 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment -रवींद्र मीणा- हे शक्ति रूप, हे नवल धूप, हो रहा आज मानस कुरूप मधुमास छा गया दिग दिगंत, पीकर मधुरस, मधुकर उन्मत, तू बन प्रचंड -दे उसे दंड, प्रतिकार करो प्रतिकार करो। तेरा जीवन संताप नहीं, तेरा जीवन अभिशाप नहीं, तेरा जीवन संघर्ष सही, होंगे सारे उत्कर्ष वहीं, तू आशा बन, निराशा का, संहार करो, […] Read more » poem कविता नवल शक्ति