राजनीति गांधी के विचारों को भी आत्मसात कीजिए December 10, 2019 / December 10, 2019 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिन्दुस्थानी कहा जाता है कि किसी व्यक्ति के विचार ही उसका व्यक्तित्व बनाते हैं। जैसा व्यक्ति होगा, उसका व्यक्तित्व भी वैसा ही बनेगा। समाज को प्रेरणा देने वाले विचार रखने वाले व्यक्ति लम्बे समय तक स्मरण किए जाते हैं। मोहनदास करमचंद गांधी यानी महात्मा गांधी भी भारत के ऐसे व्यक्तित्व हैं, जिन्हें हम उनकी […] Read more » गांधी नाथूराम गोडसे महात्मा गांधी महात्मा गांधी और नाथूराम गोडसे
राजनीति ऐसे ही नहीं बन जाता कोई गांधी October 3, 2019 / October 3, 2019 by सुरेश हिन्दुस्थानी | Leave a Comment सुरेश हिन्दुस्थानीभारत परंपराओं की भूमि रही है। इन पम्पराओं को जीवन में आत्मसात करने वाले व्यक्तित्वों की भी लम्बी श्रंखला है। जिन्होंने इन परम्पराओं को अपने जीवन में उतारा है, वे निश्चित रुप से महान भारत की संस्कृति को ही जीते दिखाई दिए हैं। इसी कारण वर्तमान में उनके अनुसरण कर्ता भी भारी संख्या में […] Read more » गांधी
राजनीति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी : राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक November 9, 2018 by अभिलेख यादव | 1 Comment on स्टैच्यू ऑफ यूनिटी : राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक डॉ जीतेन्द्र प्रताप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार समय-समय पर कई कारणों से चर्चा में रहती ही है। कभी कोई कारण सकारात्मक होता है तो कभी कोई कारण नकारात्मक। हाल ही में सरदार वल्लभ भाई पटेल की 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का अनावरण प्रधानमंत्री द्वारा किया गया। यह प्रतिमा विश्व की सबसे […] Read more » गांधी ताजमहल नेहरू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण स्टैच्यू ऑफ यूनिटी : राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक
राजनीति भारत-मुकुट थे डाॅ. लोहिया October 14, 2018 / October 14, 2018 by डॉ. वेदप्रताप वैदिक | Leave a Comment डॉ. वेदप्रताप वैदिक कल (12 अक्तूबर) डाॅ. राममनोहर लोहिया की 51 वीं पुण्य-तिथि थी। 1967 में जब दिल्ली के विलिंगडन अस्पताल में वे बीमार थे, मैं वहां रोजाना जाया करता था। उन्हें देखने के लिए जयप्रकाश नारायण, इंदिरा गांधी, जाकिर हुसैन, मोरारजी देसाई और कौन-कौन नहीं आता था ? राजनारायणजी तो पास के एक कमरे […] Read more » इंदिरा गांधी गांधी जयप्रकाश नारायण ज़ाकिर हुसैन दीनदयाल’ नामक पुस्तक भारत-मुकुट थे डाॅ. लोहिया मोरारजी देसाई लोहिया
राजनीति प्रणव मुखर्जी का नागपुरी छक्का June 9, 2018 / June 9, 2018 by विजय कुमार | Leave a Comment विजय कुमार आखिर प्रणव दादा नागपुर चले ही गये। जब से ये खबर आयी थी, तब से कांग्रेसी परेशान थे। क्या हो गया उन्हें; क्यों जा रहे हैं वे नागपुर; आखिरी समय में बुद्धि भ्रष्ट क्यों हो गयी; क्या अब भी कोई महत्वाकांक्षा बाकी है; पार्टी ने उन्हें क्या नहीं दिया; राष्ट्रपति से भी ऊंचा […] Read more » Featured कांग्रेस गांधी चाणक्य नेहरू और रवीन्द्रनाथ टैगोर प्रणव मुखर्जी का नागपुरी छक्का फाहियान राहुल श्री मोहन भागवत सहिष्णुता ह्वेनसांग
राजनीति गांधी की विरासत कहाँ तक होगी मददगार April 27, 2017 by कुमार कृष्णन | Leave a Comment गाँधी जी और उनके सहयोगियों तथा वहाँ के किसानों की सक्रियता के कारण तत्कालीन बिहार सरकार ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जिसके मनोनीत सदस्य गाँधी जी भी थे। इस कमेटी की रिपोर्ट को सभी पक्षों द्वारा स्वीकार किया गया और तीन कठ्ठा प्रथा समाप्त कर दी गई। इसके अलावा किसानों के हित में अनेक सुविधायें दी गईं। इस प्रकार निहलों के विरुद्ध ये आन्दोलन सफलता पूवर्क समाप्त हुआ। इससे चंपारण के किसानों में आत्मविश्वास जगा और अन्याय के प्रति लङने के लिये उनमें एक नई शक्ति का संचार हुआ। चंपारण सत्याग्रह भारत का प्रथम अहिंसात्मक सफल आन्दोलन था। गाँधी जी द्वारा भारत में पहले सत्याग्रह आन्दोलन का शंखनाद चंपारण से शुरु हुआ। यहाँ किसानों के बच्चों को शिक्षित करने के लिए ग्रामीण विद्यालय खोले गये। लोगों को साफ-सफाई से रहने का तरीका सिखाया गया। सारी गतिविधियाँ गांधीजी के आचरण से मेल खाती थीं। स्वयंसेवकों ले मैला ढोने, धुलाई, झाडू-बुहारी तक का काम किया। इसके साथ ही गांधीजी का राजनीतिक कद और बढ़ा। Read more » Featured गांधी महात्मा गांधी चंपारण
विविधा गांधीवाद की परिकल्पना-8 April 24, 2017 by राकेश कुमार आर्य | Leave a Comment हमारी सरकारों ने गांधीवाद का चोला पहनकर सूचना पाने वाले को उस व्यक्ति का मौलिक अधिकार माना है। यह कैसी घोर विडंबना है कि सूचना पाने का अधिकार देकर भी उसे सही सूचना (इतिहास की सही जानकारी) से वंचित रखा जा रहा है। इस भयंकर और अक्षम्य षडय़ंत्र पर से पर्दा उठना चाहिए कि वे कौन लोग हैं जो हमारे सूचना पाने के मौलिक और संवैधानिक अधिकार में बाधक हैं? ऐसा नाटक अब बंद होना चाहिए, जिससे पर्दे के पीछे से सत्य, अहिंसा और बंधुत्व के कोरे आदर्शों की भी हत्या की जा रही है। किंतु फिर भी देश पर गांधीवाद के आदर्शों को लपेटा जा रहा हो और उसे बलात् थोपा जा रहा हो। Read more » Featured Gandhiwad अधिकार गांधी गाँधीवाद गांधीवाद की परिकल्पना धर्म राजनीति
राजनीति शख्सियत गांधी का पुनर्जन्म हो January 29, 2017 / January 29, 2017 by ललित गर्ग | Leave a Comment महात्मा गांधी पुण्यतिथि- 30 जनवरी – ललित गर्ग – महात्मा गांधी बीसवीं शताब्दी में दुनिया के सबसे सशक्त, बड़े एवं प्रभावी नेता के रूप में उभरे, वे बापू एवं राष्ट्रपिता के रूप में लोकप्रिय हुए, वे पूरी दुनिया में अहिंसा, शांति, करूणा, सत्य, ईमानदारी एवं साम्प्रदायिक सौहार्द के सफल प्रयोक्ता के रूप में याद किये […] Read more » Featured गांधी गांधी का पुनर्जन्म
विविधा खादी को खुला बाजार दें January 19, 2017 by विजय कुमार | Leave a Comment इस वर्ष खादी विकास एवं ग्रामोद्योग आयोग ने अपने वार्षिक कैलेंडर एवं डायरी पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का चरखा चलाते हुए चित्र छापा है। इस पर कई लोग जल-भुन गये। कुछ कांग्रेसी, गांधीवादियों तथा भाजपाइयों ने अपने टेढ़े बयानों से इस विवाद की आग में घी डाल दिया। इन दिनों मीडिया वाले पांच राज्यों के […] Read more » Featured khadi खादी गांधी गांधी और मोदी मोदी
विविधा खादी ,गांधी और मोदी January 16, 2017 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment मृत्युंजय दीक्षित ऐसा प्रतीत हो रहा है कि आजकल भाजपा व संघविरोधी मानसिकता वाले राजनैतिक दलों व मोदी विरोधियों के पास बहस के लिए कोई विषय नहीं रह गया है यही कारण है कि वह आजकल खाली समय के विषयांे पर ही बहस करते हुए और उन्हीं मुददों के सहारे केंद्र की भाजपा सरकार व […] Read more » Featured खादी गांधी मोदी
शख्सियत समाज गांधी का सेवा संकल्प October 1, 2016 by मनोज कुमार | Leave a Comment , उनके कहे अनुरूप जीवन जीना और दूसरों को सिखाना कि बापू कैसे सादगी भरा जीवन जीते थे,संभवत: इनके बाद शायद ही कोई दूसरा होगा. गांधी विश्व पुरुष हैं। स्वाधीनता, स्वदेशी, स्वराष्ट्र, स्वतंत्रता और समता, अहिंसा, सत्याग्रह और स्वच्छता सहित सारे मूल्य गांधीजी के लिए शब्द भर नहीं थे। उन्होंने सभी मूल्यों को सत्याग्रह की अग्नि आंच में तपाया था। Read more » Gandhi Ji गांधी गांधी का सेवा संकल्प सेवा संकल्प
राजनीति हिंद स्वराज काश, भारत को भी गांधी के शरीर में लिंकन मिल जाते August 15, 2016 by मयंक चतुर्वेदी | Leave a Comment डॉ. मयंक चतुर्वेदी ये काश आज भारत की उस त्रासदी से जुड़ा है, जो भारत विभाजन की विभीषिका का स्याह पन्ना है। भारत का विभाजन हुआ यह सभी ने देखा, कहा जाता है कि नीयति ही उस दिन की ऐसी थी, पहले से सब कुछ तय था । पटकथा लिखी जा चुकी थी, परिवर्तन की […] Read more » divison of India may have restricted Featured गांधी भारत लिंकन