
भ्रष्टों के सरदार मनमोहन
Updated: December 15, 2011
लिमटी खरे आज की युवा होती पीढ़ी को शायद इस बात का भान नहीं है कि गोरी चमड़ी वालों के अत्याचारों को किस कदर सहकर…
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और भी ग़म है जमाने में क्रिकेट के सिवा
Updated: December 15, 2011
ए एन शिबली वैसे तो क्रिकेट के दसवें विश्व कप का आग़ाज़ 19 फरवरी को भारत और बांग्लादेश के बीच खेले गए मैच से 19…
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पत्रकारिता की वास्तविकता
Updated: December 15, 2011
-राजेश कुमार हम अक्सर उस दिशा की तरफ जाने के लिए लालायित रहते है, जहां हम खुद को एक हीरो की भांति पेश कर सकें।…
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कालेधन की कालिख और कांग्रेस की कसक
Updated: December 15, 2011
डॉ.मनोज जैन स्वामी रामदेव के कालाधन और भ्रष्टाचार बिरोधी अभियान से घबरा कर भ्रष्टाचार के दलदल में गहरे तक धंसी हुयी कांग्रेस पार्टी का…
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कहानी/बाबूजी
Updated: December 15, 2011
एस. के. रैना हमारे पड़ोस में रहने वाले बाबूजी की उम्र यही कोई अस्सी के लगभग होनी चाहिए। इस उम्र में भी स्वास्थ्य उनका…
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सर्वमान्य नेतृत्व का अभाव : एक दृष्टिकोण
Updated: December 15, 2011
श्याम नारायण रंगा ‘अभिमन्यु’ वर्तमान में भारत का जो राजनैतिक दृश्य है उसे देखकर यह लगता है कि हमारे देश में एक केन्द्रीय नेतृत्व…
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‘7 खून माफ’ और 6 पति साफ
Updated: December 15, 2011
फिल्म समीक्षक : डॉ. मनोज चतुर्वेदी ‘मकबुल’, ‘मकड़ी’, ‘ओमकारा’, ‘कमीने’, ‘इश्कियां’, ‘द ब्लू अंब्रेला’, के बाद ‘7 खून माफ’ में विशाल भारद्वाज ने निर्देशन…
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पत्रकारिता और दीनदयाल उपाध्याय
Updated: December 15, 2011
पुस्तक समीक्षक – डॉ. मनोज चतुर्वेदी दीनदयाल उपाध्याय एक विचारक, प्रचारक, विस्तारक, राष्ट्रषि, संपादक, पत्रकार अर्थशास्त्री, समाजसेवी, एक प्रखर वक्ता, शिक्षाविद तथा अपूर्व संगठनकर्ता थे।…
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‘संगठन सर्वोपरि’ और नितिन गडकरी
Updated: December 15, 2011
पुस्तक समीक्षक : डॉ. मनोज चतुर्वेदी भाजपा के कई राष्ट्रीय अध्यक्ष हुए जैसे श्री अटल बिहारी वाजपेयी, श्री लालकृष्ण आडवाणी, श्री कुशाभाऊ ठाकरे, डॉ. मुरलीमनोहर…
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स्वातंत्र्यवीर सावरकर को शत-शत नमन्
Updated: December 15, 2011
सूर्यप्रकाश यह धरा मेरी यह गगन मेरा, इसके वास्ते शरीर का कण-कण मेरा. इन पंक्तियों को चरितार्थ करने वाले क्रांतिकारियों के आराध्य देव स्वातंत्र्य…
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भ्रष्टाचार का मुद्दा परिवर्तन का उत्प्रेरक बन सकता है
Updated: December 15, 2011
लालकृष्ण आडवाणी भारत को स्वतंत्र हुए अब छ: दशक से ज्यादा हो गए। पहले तीन दशकों में कांग्रेस पार्टी का प्रभुत्व राजनीतिक परिदृश्य पर विशालकाय…
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कुटिल कणिक की राह पर चल रहे दिग्विजय सिंह
Updated: December 15, 2011
पवन कुमार अरविंद महाभारत कालीन हस्तिनापुर में महाराज धृतराष्ट्र का एक सचिव था, जिसका नाम था कणिक। उसकी विशेषता यह थी कि वह कुटिल…
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