लोकतंत्र का गद्दार कौन?
Updated: December 22, 2011
-गोपाल सामंतो आज एक चैनल पर आ रहे कार्यक्रम ‘लोकतंत्र के गद्दार’ को देखने के बाद मेरे मन में एक सवाल बार बार आया कि…
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अंधेरे में उजाले की दस्तक
Updated: December 22, 2011
-सतीश सिंह ‘कौन कहता है आसमान में सुराख नहीं हो सकता है, जरा तबियत से पत्थर तो उछालो यारों’। इस कथन को सच कर दिखाया…
Read moreप्रायोजित विमर्श के खतरे और बहुलतावाद
Updated: December 22, 2011
-जगदीश्वर चतुर्वेदी उत्तर-आधुनिक स्थिति में बहुसांस्कृतिकवाद की धारणा हठात् चर्चा के केन्द्र में आ गई है। इस धारणा का बौद्धिकों के द्वारा विमर्श के लिए…
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भू-संपदा का अवैध दोहन करते यह ‘बाहुबली देशभक्त’
Updated: December 22, 2011
-तनवीर जाफ़री पिछले दिनों गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष दिन दहाड़े अमित जेठवा नामक एक युवा सामाजिक कार्यकर्ता की दो अज्ञात मोटर साईकल सवार युवकों…
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रामफल सिंह : समरसता के नव संशोधक
Updated: December 22, 2011
– विजय कुमार अस्पृश्यता, जातिभेद तथा ऊंचनीच हिंदू परंपरा का अंग नहीं हैं। उक्त बीमारियां मुसलमान आक्रांताओं की देन हैं जिन्हें अंग्रेजों ने अपने हित…
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भारत प्रार्थना विज्ञान की प्रथम भूमि
Updated: December 22, 2011
– हृदयनारायण दीक्षित भारतीय संस्कृति प्रार्थना मूलक है। समूचा ऋग्वेद प्रार्थना मूलक है, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद और उपनिषद् प्रार्थना मंत्र हैं। प्रार्थना हृदय से हृदय…
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भारत की गुलामी
Updated: December 22, 2011
एयर वाइस मार्शल विश्व मोहन तिवारी, से. नि चित्र देखें। इसमें और आज की स्थिति में उतना ही अन्तर है जितना कि उस जमाने की…
Read moreये है दिल्ली मेरी जान
Updated: December 22, 2011
-लिमटी खरे मानो या ना मानो ‘मीडिया बन चुकी है धन कुबेर की लौंडी‘ स्वच्छ, निष्छल, निर्भीक, जनसेवा के लिए की जाने वाली पत्रकारिता के…
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राजर्षि पुरूषोत्तम दास टंडन की जयंती पर विशेष
Updated: December 22, 2011
हिंदी के परम पक्षधर को नमन… -अशोक बजाज राजर्षि पुरूषोत्तम दास टंडन,भारत के महान स्वतन्त्रता सेनानी थे। उनका जन्म १ अगस्त १८८२ को उत्तर प्रदेश…
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…ऐसे तो ब्रिटेन के म्यूजियम खाली हो जाएंगे
Updated: December 22, 2011
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन अपनी पहली दो दिवसीय यात्रा पर भारत आए। सुना है कि ब्रिटेन को फांके पड़ रहे हैं। ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था…
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स्तनपान बनाम बोतलपान : एक नवजात शिशु की अभियक्ति
Updated: December 22, 2011
हे माँ ! मैं तो नन्हा सा मासूम हूँ . तेरा ही सलोना सा लाल हूँ. मेरी स्नेहिल अनुभूति को समझा है, तूने, आँचल को…
Read moreनिस्वार्थ सेवा ही असली सेवा है
Updated: December 22, 2011
– डॉ0 कुलदीप चंद अग्निहोत्री मध्यकालीन भारतीय दश गुरु परम्परा के आठवें गुरु श्री हरकिशन जी के जीवन का एक प्रसंग है। उनके जीवन काल…
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