
टी. आर. पी. के खेल का सच
Updated: December 23, 2011
-सतीश सिंह आज टी.आर.पी. यानि टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट सभी टेलीविजन चैनलों के लिए दिल की धड़कन है। हिंदी में इसे आप दर्शक मीटर भी कह सकते…
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दिग्गी की नजरें 7, रेसकोर्स पर
Updated: December 23, 2011
-लिमटी खरे नई दिल्ली 17 मई। सवा सौ साल पुरानी कांग्रेस में आने वाले दो वर्षों में नेतृत्व परिवर्तन का रोडमेप तैयार होने लगा है।…
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स्त्री आत्मकथा का लक्ष्य है न्याय की तलाश
Updated: December 23, 2011
-जगदीश्वर चतुर्वेदी ‘अन्या से अनन्या’ का मूल स्वर स्त्रीवादी है। स्त्रीवाद का लक्ष्य आत्मसंतोष या आनंद देना नहीं है बल्कि उसका लक्ष्य है न्याय। प्रभा…
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जनमत का रुख मोड देते थे शेखावतजी
Updated: December 23, 2011
-पंकज झा भैरों सिंह शेखावत जी के निधन ने लोकतंत्र के वास्तविक जनाधार को समेट कर रखने वाले, बिना किसी समझौता के जनमत का…
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जैविक खेती, प्राकृतिक ऊर्जा और लघु उद्योगों से खुशहाल होंगे गांव
Updated: December 23, 2011
– श्री कुप्.सी.सुदर्शन, निवर्तमान सरसंघचालक, रा.स्व.संघ खेती में रासायनिक खाद का प्रयोग बंद करना समय की मांग है, क्योंकि वह भूमि एवं मनुष्य दोनों के स्वास्थ्य…
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मोटे अनाजों की खेती का महत्व
Updated: December 23, 2011
-शशांक कुमार राय एक समय था जब भारत की कृषि–उत्पादन प्रणाली में काफी विविधता देखने को मिलती थी। गेहूं, चावल, जौ, राई, मक्का, ज्वार, बाजरा…
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स्त्री आत्मकथा के अनुत्तरित सवाल
Updated: May 15, 2010
-जगदीश्वर चतुर्वेदी हिन्दी का साहित्य संसार करवट बदल रहा है, धड़ाधड़ हिन्दी लेखिकाएं अपनी आत्मकथा लिख रही हैं, कहीं ये कथाएं अंशों में आ रही…
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इस औरत का रास्ता मत रोकिए
Updated: December 23, 2011
ऐसे फतवे से क्या हासिल होगा समाज को -संजय द्विवेदी इस बार फिर एक फतवा विवादों में हैं। मुस्लिम समाज की प्रमुख संस्था दारूल उलूम,…
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मार्कण्डेय : जिनके पास अंतर को पढ़ लेने की एक्सरे जैसी आंखें थी
Updated: December 23, 2011
-सरला माहेश्वरी पिछले वर्ष दो अक्तुबर को पिताजी हमें छोड़ कर चले गये। पिताजी की शब्दावली में, शहरीले जंगल में सांसों की हलचल अचानक थम…
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भूमंडलीकरण और ग्लोबल मीडिया से कैसे लड़ें
Updated: December 23, 2011
-जगदीश्वर चतुर्वेदी असल में, भूमंडलीकरण में अन्तर्विरोध निहित है। इसका संबंध पूंजीवाद के अन्तर्विरोध से है। पूंजीवाद ने विश्व व्यवस्था के रुप में जब अपना…
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व्यंग्य/कुत्तों की मानहानि……..
Updated: December 23, 2011
-गिरीश पंकज इधर कुछ दिनों से संवेदनशील कुत्ते अपनी मानहानि की बढ़ती घटनाओं से बहुत दुखी थे। कुछ कुत्ते तो आदमी के खिलाफ मानहानि के…
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दो सिंहों की लड़ाई में मेमना बनता छत्तीसगढ़
Updated: December 23, 2011
– पंकज झा एक लोकोक्ति है ‘जब दो बैल आपस में लड़ते हैं तो नाहक फसल खराब होता है’. शायद सांड के बदले बैलों का…
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