राजनीति आप वहां क्या कर रही हैं अरूंधती? June 12, 2010 / December 23, 2011 by संजय द्विवेदी | 23 Comments on आप वहां क्या कर रही हैं अरूंधती? -संजय द्विवेदी मुझे पता था वे अपनी बात से मुकर जाएंगी। बीते 2 जून, 2010 को मुंबई में महान लेखिका अरूंधती राय ने जो कुछ कहा उससे वे मुकर गयी हैं। दैनिक भास्कर के 12 जून, 2010 के अंक में छपे अपने लेख में अरूधंती ने अपने कहे की नई व्याख्या दी है और ठीकरा […] Read more » Maoist अरुंधती राय नक्सलवाद माओवाद
राजनीति वह लड़की और नरभक्षी नक्सली June 10, 2010 / December 23, 2011 by संजय द्विवेदी | 22 Comments on वह लड़की और नरभक्षी नक्सली -संजय द्विवेदी ये ठंड के दिन थे, हम पूर्वी उत्तर प्रदेश की सर्दी से मुकाबिल थे। ससुराल में छुट्टियां बिताना और सालियों का साथ किसे नहीं भाएगा। वहीं मैंने पहली बार एक खूबसूरत सी लड़की प्रीति को देखा था। वह मेरी छोटी साली साहिबा की सहेली है। उससे देर तक बातें करना मुझे बहुत अच्छा […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति महाश्वेता, मेधा, अरुंधती और अंधकारमय भारत का भविष्य June 9, 2010 / December 23, 2011 by पंकज झा | 19 Comments on महाश्वेता, मेधा, अरुंधती और अंधकारमय भारत का भविष्य -पंकज झा सवाल तो यह है कि अगर टुच्चे लुटेरों के लिए भारतीय दंड संहिता के पन्ने काम आये तो अरुंधती के लिए गाँधी वांग्मय इस्तेमाल करने का दोहरापन क्यू? प्रख्यात लेखिका मन्नू भंडारी की आत्मकथा है ‘एक कहानी यह भी’. इस कृति के बहाने यूं तो वह अपने और राजेन्द्र जी के सबंधों में […] Read more » Maoist नक्सलवाद माओवाद
राजनीति अरुंधति राय का बौद्धिक विलाप और नक्सली हिंसा June 8, 2010 / December 23, 2011 by डॉ. शाहिद अली | 5 Comments on अरुंधति राय का बौद्धिक विलाप और नक्सली हिंसा -डॉ.शाहिद अली सुप्रसिद्ध लेखिका और बुकर सम्मान से अलंकृत अरुंधति राय पिछले कुछ दिनों से लगातार मीडिया की सुर्खियां बन रही हैं। इससे पहले अरुंधति राय को इतना गंभीरता से मीडिया ने कभी नहीं लिया था। सुर्खियां बनने की पर्याप्त वज़ह भी है। लाल आतंक को अपना समर्थन देने के चक्कर में अरुंधति राय ने […] Read more » Maoist अरुंधती राय नक्सलवाद माओवाद
राजनीति आतंकवादियों को महिमामंडित करती अरुंधती राय June 4, 2010 / December 23, 2011 by गिरीश पंकज | 44 Comments on आतंकवादियों को महिमामंडित करती अरुंधती राय -गिरीश पंकज अरुंधति राय जैसी पश्चिमोन्मुखी (और कुछ अर्थों में पतनोन्मुखी भी) लेखिकाओं को यह पता है कि अगर मीडिया में बने रहना है तो हथकंडे क्या हो सकते हैं। और वह अकसर सफल रहती हैं। अरुंधति के बहुत-से लटके-झटके मैं देखता रहा हूँ, सबका जवाब देने का कोई मतलब भी नहीं, लेकिन इस बार […] Read more » Naxalism अरुंधती राय नक्सलवाद माओवाद
राजनीति बेकाबू माओवादी-घबराई सरकार:फिर कैसे हो समाधान May 31, 2010 / December 23, 2011 by तनवीर जाफरी | Leave a Comment -तनवीर जाफरी माओवादी अथवा नक्सली हिंसा के विरुद्ध केंद्र सरकार का कुछ राज्य सरकारों के सहयोग से चलाया जाने वाला आप्रेशन ग्रीन हंट जारी है। इस आप्रेशन ग्रीन हंट के परिणाम अप्रत्याशित रूप से जो सामने आ रहे हैं वह आश्चर्यचकित कर देने वाले हैं। आप्रेशन ग्रीन हंट का संचालन करने वाला केंद्रीय गृह मंत्रालय […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति नक्सलवाद : उफ! कोई इन्हें भी फांसी दे दे May 31, 2010 / December 23, 2011 by लोकेन्द्र सिंह राजपूत | 3 Comments on नक्सलवाद : उफ! कोई इन्हें भी फांसी दे दे -लोकेन्द्र सिंह या तो हमारी सरकार का खून सूख गया है या फिर उसकी नक्सलियों से कोई गुप्त संधि है। वरना इतने बेगुनाहों का खून सड़कों पर, रेल की पटरियों पर और छोटे से घर के बाहर बने नाले में बहते देख सरकार का हृदय पिघलता जरूर। वह सिर्फ बातें नहीं करती, कुछ कड़े कदम भी […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
विश्ववार्ता नेपाल के लिए घातक हैं माओवादी May 28, 2010 / December 23, 2011 by पवन कुमार अरविन्द | 2 Comments on नेपाल के लिए घातक हैं माओवादी – पवन कुमार अरविंद नेपाल में माओवादियों की धैर्यहीन सत्ताभिमुखी राजनीति देश को बर्बाद करके रख देगी। राजतंत्र के दौर में माओवादी नेता पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने लोकतंत्र की स्थापना के लिए बड़ी-बड़ी बातें की थीं और कसमें खाई थी। लोकतंत्र की स्थापना के नाम पर उन्होंने करीब 10 वर्ष तक देश को माओवाद […] Read more » Maoist माओवाद
राजनीति फिर 50 निर्दोष लोगों के लाशों के ढेर लगा दिए नक्सलियों ने May 17, 2010 / December 23, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on फिर 50 निर्दोष लोगों के लाशों के ढेर लगा दिए नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में फिर भीषण नक्सली हमला। नक्सलियों ने एक बस को बम से उडाकर पचास निर्दोष लोगों को मौत के घाट उतार दिया। इसमें ज़्यादातर स्थानीय लोग ही सवार थे। यह विस्फोट सुकमा राजमार्ग पर हुआ है। सुकमा दंतेवाड़ा से महज 35 किलोमीटर दूर है, जबकि जिस जगह यह घटना घटी है वहां […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति दो सिंहों की लड़ाई में मेमना बनता छत्तीसगढ़ May 14, 2010 / December 23, 2011 by पंकज झा | 7 Comments on दो सिंहों की लड़ाई में मेमना बनता छत्तीसगढ़ – पंकज झा एक लोकोक्ति है ‘जब दो बैल आपस में लड़ते हैं तो नाहक फसल खराब होता है’. शायद सांड के बदले बैलों का कहावत में उपयोग इसलिए किया गया है क्योंकि बैल से यह अपेक्षा की जाती है कि उसके मेहनत का उपयोग पैदावार बढाने में हो. उसके ऊर्जा का अनावश्यक इस्तेमाल करने […] Read more » Maoist नक्सलवाद माओवाद
राजनीति नक्सलवाद: इस नए महाभारत के शिखंडियों को पहचानें-2 May 13, 2010 / December 23, 2011 by पंकज झा | 3 Comments on नक्सलवाद: इस नए महाभारत के शिखंडियों को पहचानें-2 -पंकज झा नक्सलवाद के पैरोकार तथाकथित बुद्धिजीवी किस तरीके से छद्म लबादा ओढे भारतीय लोकतंत्र और समाज व्यवस्था पर चोट कर रहे हैं, इस विषय पर लिखित निम्न लेख हमारी आंखें खोलनेवाला है। इस लेख का पहला भाग आप पढ चुके हैं। प्रस्तुत है अंतिम भाग- संपादक अभी 3-4 महीने पहले लेखिका और नक्सल समर्थक […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद
राजनीति नक्सलवाद: इस नए महाभारत के शिखंडियों को पहचानें May 12, 2010 / December 23, 2011 by पंकज झा | 1 Comment on नक्सलवाद: इस नए महाभारत के शिखंडियों को पहचानें -पंकज झा नक्सलवाद के पैरोकार तथाकथित बुद्धिजीवी किस तरीके से छद्म लबादा ओढे भारतीय लोकतंत्र और समाज व्यवस्था पर चोट कर रहे हैं, इस विषय पर लिखित निम्न लेख हमारी आंखें खोलनेवाला है। पंकजजी ने यह लेख एक पत्रिका के लिए लिखा है। जाहिर है लेख लंबा है। सामान्यतः नेट पर लोग बड़ा पोस्ट पढ़ना […] Read more » Naxalism नक्सलवाद माओवाद