विविधा शख्सियत ‘हिंदुत्व’ के प्रगटीकरण का महान आदर्श – ‘महात्मा गांधी’ October 2, 2015 / October 3, 2015 by लखेश्वर चंद्रवंशी | Leave a Comment (2 अक्तूबर, जयन्ती पर विशेष) सत्य ही ईश्वर है। सत्य सर्वदा स्वावलंबी होता है और बल तो उसके स्वभाव में ही होता है। समाज को न्याय के पथ पर चलने की प्रेरणा देनेवाले मोहनदास करमचंद गांधी के महानता के पीछे कौनसा दर्शनशास्त्र काम कर रहा था, यह चिंतन का विषय है। – लखेश्वर चंद्रवंशी ‘लखेश’ […] Read more » महात्मा गांधी
विविधा शख्सियत वैदिक संस्कृति व समृद्धि के प्रणेता – महाराज अग्रसेन September 30, 2015 by विनोद बंसल | Leave a Comment विनोद बंसल द्वापर युग के अन्त और कलयुग के प्रारम्भ में एक ऐसे महापुरुष का प्रादुर्भाव हुआ जिसने न सिर्फ़ भारत में एक गणतांत्रिक शासन व्यवस्था, उत्तम सिंचाई व्यवस्था, समाजवाद, समरसता व समानता का पाठ पढाया वल्कि सच्चे राम राज्य की स्थापना कर ऐसे संस्कारी पुत्र दिए जो आज भी पूरे विश्व का भरण पोषण […] Read more » महाराज अग्रसेन वैदिक संस्कृति व समृद्धि के प्रणेता
विविधा शख्सियत मानवता के कल्याण का विचार है एकात्म मानवदर्शन September 24, 2015 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment जन्मशती वर्ष पर विशेष (जयंती 25 सितंबर) दीनदयाल उपाध्याय मनुष्य विचारों का पुंज होता है और सर्व प्रथम मनुष्य के चित्त में विचार ही उभरता है। वही विचार घनीभूत होकर संस्कार बनते है और मनुष्य के कर्म रूप में परिणीति हो कर व्यष्टि और समष्टि सबके हित का कारक बनते है। यदि विचारों की […] Read more » Featured एकात्म मानवदर्शन दीनदयाल उपाध्याय मानवता के कल्याण का विचार है एकात्म मानवदर्शन
विविधा शख्सियत दीनदयाल उपाध्याय होने का मतलब September 24, 2015 / September 24, 2015 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment जन्मशती वर्ष पर विशेष (जयंती 25 सितंबर) संजय द्विवेदी राजनीति में विचारों के लिए सिकुड़ती जगह के बीच पं. दीनदयाल उपाध्याय का नाम एक ज्योतिपुंज की तरह सामने आता है। अब जबकि उनकी विचारों की सरकार पूर्ण बहुमत से दिल्ली की सत्ता में स्थान पा चुकी है, तब यह जानना जरूरी हो जाता है कि […] Read more » Featured दीनदयाल उपाध्याय दीनदयाल उपाध्याय होने का मतलब
जन-जागरण शख्सियत मृत्यु के रहस्य से उठता पर्दा September 22, 2015 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव आजादी के 68 साल बाद भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की रहस्यमायी मौत से पर्दा कोई सरकार नहीं उठा पाई। तीन जांच आयोग बैठे,बावजूद राज अपनी जगह कायम रहा। अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन 64 फाइलों को खोल दिया है,जिन्हें लेकर ये आशंकाएं प्रगट होती रही हैं कि इनमें […] Read more » Featured
राजनीति शख्सियत समाज बाबासाहेब की अंतर्दृष्टि के अनुरूप हैं संघप्रमुख के विचार September 22, 2015 by प्रवीण गुगनानी | 1 Comment on बाबासाहेब की अंतर्दृष्टि के अनुरूप हैं संघप्रमुख के विचार सरसंघचालक जी अर्थात राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, प्रमुख मोहन रावजी भागवत के आरक्षण व्यवस्था पर पुनर्विचार की आवश्यकता व्यक्त करनें से वैचारिक तूफ़ान खड़ा हो गया है. संघप्रमुख ने आरक्षण के औचित्य पर प्रश्न कतई नहीं किया है, यह स्पष्ट है. मीडिया ने जानबूझकर उनसे बीते वर्षों में समय समय पर सार्वजनिक तौर पर उलझानें […] Read more » Featured बाबासाहेब की अंतर्दृष्टि के अनुरूप हैं संघप्रमुख के विचार
कहानी विविधा शख्सियत दर्द या दवा September 22, 2015 by विजय कुमार | Leave a Comment पांच सितम्बर को भारत में ‘शिक्षक दिवस’ मनाया जाता है। यह हमारे दूसरे राष्ट्रपति डा. राधाकृष्णन का जन्मदिन है, जो एक श्रेष्ठ शिक्षक भी थे। इस दिन राष्ट्रपति महोदय देश भर के श्रेष्ठ शिक्षकों को सम्मानित करते हैं। शिक्षक होने के नाते मुझे भी इसमें रुचि रहती है कि इस बार कौन-कौन सम्मानित हुआ ? […] Read more » Featured
विविधा शख्सियत सप्तऋषियों और चतुष्टय वेदज्ञों में एक महर्षि अंगिरा September 18, 2015 / September 18, 2015 by अशोक “प्रवृद्ध” | 1 Comment on सप्तऋषियों और चतुष्टय वेदज्ञों में एक महर्षि अंगिरा अशोक “प्रवृद्ध” दिव्य अध्यात्मज्ञान, योगबल, तप-साधना एवं मन्त्रशक्ति के लिए विशेष रूप से प्रतिष्ठित महर्षि अंगिरा भारतीय सनातन वैदिक परम्परा के आदि पुरूषों में से एक हैं, जिन्हें सृष्टि के आदि काल में वेद ज्ञान को सुनने , समझने और आदिपुरूष ब्रह्मा को समझाने का सौभाग्य प्राप्त है । पुरातन ग्रंथों के अनुसार महर्षि […] Read more » महर्षि अंगिरा
शख्सियत सुधीर सक्सेना होने के मायने September 16, 2015 by संजय द्विवेदी | Leave a Comment जन्मदिवस (30 सितंबर) पर विशेषः संजय द्विवेदी सुधीर भाई भिगो देने वाली आत्मीयता के धनी कवि-पत्रकार हैं। अपने फन के माहिर, एक बेहद जीवंत भाषा के धनी, कवि और कविह्दय दोनों। वे ज्यादा बड़े कवि हैं या ज्यादा बड़े पत्रकार, यह तय करने का अधिकारी मैं नहीं हूं, किंतु इतना तय है कि वे एक […] Read more » Featured सुधीर सक्सेना होने के मायने
शख्सियत हिंदी जगत के युग प्रवर्तक भारतेंदु हरिश्चंद्र September 9, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment 9 सितम्बर विशेष:- मृत्युजंय दीक्षित हिंदी साहित्य के माध्यम से नवजागरण का शंखनाद करने वाले भारतेंदु हरिश्चंद्र का जन्म काशी मंे 9 सितम्बर 1850 को हुआ था। इनके पिताश्री गोपालचन्द्र अग्रवाल ब्रजभाषा के अच्छे कवि थे। घर के काव्यमय वातावरण का प्रभाव भारतेंदु जी के जीवन पर पड़ा और पंाच वर्ष की अवस्था में उन्होनें […] Read more » Featured
विविधा शख्सियत समाज हिंदी दिवस आधुनिक हिंदी के जनक थे भारतेन्दु September 9, 2015 by हिमकर श्याम | Leave a Comment (जन्म दिवस पर विशेष) हिमकर श्याम हिन्दी साहित्य में आधुनिक काल का प्रारम्भ ‘भारतेन्दु काल’ से माना जाता है. भारतेन्दु हरिश्चंद्र आधुनिक हिंदी के जन्मदाता और भारतीय नवजागरण के अग्रदूत थे. वह बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न साहित्यकार थे. उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह थी की वह एक साथ कवि, नाटककार, पत्रकार एवं निबंधकार थे. उन्होंने […] Read more » Featured आधुनिक हिंदी के जनक भारतेन्दु
शख्सियत समाज भारतीय शिक्षा जगत को नयी दिशा देने वाले – डा. राधाकृष्णन् September 4, 2015 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment 5 सितम्बर शिक्षक दिवस पर विशेषः- मृत्युंजय दीक्षित भारतीय शिक्षा जगत को नई दिशा देने वाले डा. राधाकृष्णन का जन्म दक्षिण मद्रास में लगभग 60 किमी की दूरी पर स्थित तिरूतनी नामक छोटे से कस्बे में 5 सितम्बर सन 1888 ई. को सर्वपल्ली वीरास्वामी के घर पर हुआ था। उनके पिता वीरास्वामी जमींदार की कोर्ट […] Read more » Featured डा. राधाकृष्णन् भारतीय शिक्षा जगत को नयी दिशा देने वाले