कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म लेख सनातन धर्म की ओर आकर्षित हो रहा है विश्व March 18, 2021 / March 18, 2021 by प्रह्लाद सबनानी | Leave a Comment भारत में सनातन धर्म का गौरवशाली इतिहास विश्व में सबसे पुराना माना जाता है। कहते हैं कि लगभग 14,000 विक्रम सम्वत् पूर्व भगवान नील वराह ने अवतार लिया था। नील वराह काल के बाद आदि वराह काल और फिर श्वेत वराह काल हुए। इस काल में भगवान वराह ने धरती पर से जल को हटाया […] Read more » Sanatan Dharma The world is attracted towards Sanatan Dharma भारत में सनातन धर्म
कला-संस्कृति लेख वर्त-त्यौहार शिवत्व की प्रतिष्ठा में ही विश्व मानव का कल्याण संभव है March 10, 2021 / March 10, 2021 by डाॅ. कृष्णगोपाल मिश्र | Leave a Comment Read more » shivaratri शिव शिवत्व की प्रतिष्ठा
कला-संस्कृति लेख मातृभाषा: अपना गौरव अपनी पहचान February 23, 2021 / February 23, 2021 by डॉ. पवन सिंह मलिक | Leave a Comment डॉ. पवन सिंह मलिक पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम ने स्वयं के अनुभव के आधार पर कहा है कि ‘मैं अच्छा वैज्ञानिक इसलिए बना, क्योंकि मैंने गणित और विज्ञान की शिक्षा मातृभाषा में प्राप्त की’। और यह अटल सत्य भी है कि भाषा केवल संवाद की ही नहीं अपितु संस्कृति एवं संस्कारों की भी संवाहिका […] Read more » Mother tongue: Your pride is your identity मातृभाषा
कला-संस्कृति लेख गुप्त नवरात्रि से पूर्ण होती हैं सभी कामनाएं February 11, 2021 by प्रभुनाथ शुक्ल | Leave a Comment तंत्र साधना के लिए विशेष है यह महापर्व गुप्त नवरात्रि देगा। आपको दुर्लभ और कल्याणकारी देगा फल इस व्रत के प्रभाव से जीवन के समस्त दुख होंगे दूर जीवन के नकारात्मक ऊर्जा खत्म होकर सकारात्मकता प्राप्त होगी। आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि के बारे में पंडित अतुल शास्त्री से……इस बार गुप्त नवरात्रि में अनेक ग्रहों […] Read more » All wishes are fulfilled by Gupta Navratri gupt navratri गुप्त नवरात्रि
कला-संस्कृति लेख आंसू बहा रही कुमारी टुसू ; भादू भी अलविदा कह चुकी January 15, 2021 / January 15, 2021 by उत्तम मुखर्जी | Leave a Comment 14 जनवरी पर विशेषउत्तम मुखर्जीजो माटी अपनी भाषा-संस्कृति से मुंह मोड़ लेती है वह तरक्क़ी की राह पर कुछ कदम चलकर ही लड़खड़ाना शुरू कर देती है । यही हाल झारखण्ड का है । बीस साल बाद भी यहां की भाषा-संस्कृति रहनुमाओं का बाट जोह रही हैं । अलग राज्य का मतलब सिर्फ खनिज संपदा […] Read more » 14 को टुसू विसर्जन आखाइन आखाइन जात्रा टुसू टुसू उत्सव पंजाब की लोहड़ी पीठा पीठा परब बाउंड़ी
कला-संस्कृति लेख मन की भावना और परिस्थितियों की अभिव्यक्ति है “सुवा नृत्य” December 7, 2020 / December 7, 2020 by अनिल अनूप | Leave a Comment अनिल अनूप सुआ नृत्य छत्तीसगढ़ राज्य की स्त्रियों का एक प्रमुख है, जो कि समूह में किया जाता है। स्त्री मन की भावना, उनके सुख-दुख की अभिव्यक्ति और उनके अंगों का लावण्य ‘सुवा नृत्य’ या ‘सुवना’ में देखने को मिलता है। ‘सुआ नृत्य’ का आरंभ दीपावली के दिन से ही हो जाता है। इसके बाद […] Read more » expression of the spirit and circumstances of the mind Suva dance सुवा नृत्य
कला-संस्कृति लेख पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ जातिगत विभेदों से ऊपर है ‘छठ’ महापर्व November 19, 2020 / November 19, 2020 by मुरली मनोहर श्रीवास्तव | Leave a Comment मुरली मनोहर श्रीवास्तव कांच ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकति जाय… बहंगी लचकति जाय…बात जे पुछेलें बटोहिया बहंगी केकरा के जाय ? बहंगी केकरा के जाय ?….. पर्यावरण संरक्षण की बात चल पड़ी है। प्रकृति के विभिन्न तत्वों के महत्ता को फिर से लोग समझने लगे हैं। हमारी सनातन परंपरा में प्रकृति पूजा का प्रचलन […] Read more » छठ छठ महापर्व जातिगत विभेदों से ऊपर है छठ महापर्व
कला-संस्कृति लेख पुरखौती गीतों में मीणी मातृभाषा, संस्कृति और इतिहास November 7, 2020 / November 7, 2020 by डॉ. हीरा मीणा | Leave a Comment डॉ. हीरा मीणा भाषा सबसे बड़ी विरासत है, जो हजारों सालों से मानव के साथ-साथ जीवित है। भाषा प्रमुख रूप से चार प्रकार की होती हैं, आंगिक भाषा, चित्रलिपि भाषा, मौखिक भाषा और लिखित भाषा। संसार की भाषाओं का विकासक्रम हज़ारों सालों से आंगिक, चित्रलिपि, मौखिक और लिखित रूप में मानव के साथ-साथ जीवित है। […] Read more » culture and history in Purakauti songs Meeni mother tongue पुरखौती गीतों में मीणी मातृभाषा
कला-संस्कृति पर्व - त्यौहार लेख बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता हैं विघ्नहर्ता गणेश August 21, 2020 / August 21, 2020 by योगेश कुमार गोयल | Leave a Comment गणेश चतुर्थी (22 अगस्त) पर विशेष – योगेश कुमार गोयल हर वर्ष की भांति मंगलमूर्ति गणेश एक बार फिर गणेशोत्सव अर्थात् गणेश चतुर्थी के अवसर पर घर-घर पधार रहे हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश का जन्म हुआ था। इसी चतुर्थी से आरंभ होकर गणेशोत्सव पूरे […] Read more » गणेश चतुर्थी विघ्नहर्ता गणेश समृद्धि और सौभाग्य के देवता
कला-संस्कृति लेख वर्त-त्यौहार गणेश चतुर्थी व्रत करने पर कृष्ण हुये स्वयमंतक मणि चोरी के कलंक से मुक्त August 21, 2020 / August 21, 2020 by आत्माराम यादव पीव | Leave a Comment आत्माराम यादव पीव एक समय भादों कृष्ण की चतुर्थी के दिन महादेव जी कहीं गये हुये थे तब पार्वती जी घर पर अकेली थी और उनके स्नान का समय हो रहा था। स्नान के दरम्यान कोई स्नानागार में प्रवेश न करें इस लिये उन्होंने सुरक्षा के लिये किसी गण के न होने पर अपने शरीर […] Read more » Ganesh Chaturthi कृष्ण हुये स्वयमंतक मणि चोरी के कलंक से मुक्त गणेश चतुर्थी गणेश चतुर्थी व्रत
कला-संस्कृति लेख शुभता एवं श्रेष्ठता के सृजक हैं गणेशजी August 18, 2020 / August 18, 2020 by ललित गर्ग | Leave a Comment गणेश चतुर्थी – 22 अगस्त, 2020 पर विशेष-ललित गर्ग-गणेश चतुर्थी यानी सिद्धि विनायक भगवान गणेश का जन्मोत्सव। दरअसल गणेश सुख-समृद्धि, रिद्धि-सिद्धि, वैभव, आनन्द, ज्ञान एवं शुभता के अधिष्ठाता देव हैं। संसार में अनुकूल के साथ प्रतिकूल, शुभ के साथ अशुभ, ज्ञान के साथ अज्ञान, सुख के साथ दुःख घटित होता ही है। प्रतिकूल, अशुभ, अज्ञान […] Read more » Ganesha is the creator of auspiciousness and superiority गणेश चतुर्थी गणेशजी श्रेष्ठता के सृजक हैं गणेशजी
कला-संस्कृति पर्व - त्यौहार लेख वर्त-त्यौहार राजनीति के आदर्श-प्रतिमान : श्रीकृष्ण August 10, 2020 / August 10, 2020 by डाॅ. कृष्णगोपाल मिश्र | Leave a Comment ‘महाभारत’ के ‘सभापर्व’ में राजनीतिक व्यक्ति (राजा) में छः गुण ( व्याख्यान शक्ति, प्रगल्भता, तर्ककुशलता, नीतिगत निपुणता, अतीत की स्मृति और भविष्य के प्रति दृष्टि अर्थात दूरदर्शिता) आवश्यक माने गए हैं। जो राजा इन छः गुणों से युक्त होता है, उसकी राजनीति ही सुफलवती बनती है। महाभारतकालीन राजनीति में राजनीति की उपर्युक्त समस्त अर्हताएं श्रीकृष्ण […] Read more » Model of politics Shri Krishna राजनीति के आदर्श-प्रतिमान श्रीकृष्ण श्रीकृष्ण