कला-संस्कृति विविधा पतित पावनी सरयू नदी की महिमा April 14, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | 1 Comment on पतित पावनी सरयू नदी की महिमा रामनवमी के अवसर पर डा. राधेश्याम द्विवेदी भारत की प्राचीन नदियों में उत्तर प्रदेश के अयोध्या के निकट बहने वाली नदी के रूप में सरयू को देखा जाता है। घाघरा तथा शारदा नाम भी इसे ही कहा जाता है। यूं तो उत्तर में हिमालय के कैलाश मानसरोवर से इसका उद्गम माना जाता है, जो […] Read more » Featured Ram navami पतित पावनी सरयू नदी
कला-संस्कृति शख्सियत सामाजिक समरसता के प्रतीक भगवान श्रीराम April 14, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | 1 Comment on सामाजिक समरसता के प्रतीक भगवान श्रीराम 15 अप्रैल श्री रामनवमी पर विशेषः- मृत्युंजय दीक्षित भारत विविधतापूर्ण भाशा संस्कृति वाला देश है। देश को एक सूत्र में पिरोकर रखने के लिए ऐसे नेतृत्व की सदैव आवष्यकता रही है जो समस्त विविधताओं में समन्वय स्थापित कर सामाजिक व्यवस्था में समरसता बनाएं रख सकें। इस दृष्टि से मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम सामाजिक समरसता के […] Read more » Featured Ram navami भगवान श्रीराम
कला-संस्कृति विविधा आया बैसाखी का पावन पर्व April 13, 2016 / April 13, 2016 by डॉ. सौरभ मालवीय | Leave a Comment डॊं सौरभ मालवीय बैसाखी ऋतु आधारित पर्व है. बैसाखी को वैसाखी भी कहा जाता है. पंजाबी में इसे विसाखी कहते हैं. बैसाखी कृषि आधारित पर्व है. जब फ़सल पक कर तैयार हो जाती है और उसकी कटाई का काम शुरू हो जाता है, तब यह पर्व मनाया जाता है. यह पूरी देश में मनाया जाता […] Read more » Featured बैसाखी बैसाखी का पावन पर्व
कला-संस्कृति समाज ब्रज संस्कृति में यमुना का स्थान April 10, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा राधेश्याम द्विवेदी भारतवर्ष की सर्वाधिक पवित्र और प्राचीन नदियों में यमुना की गणना गंगा के साथ की जाती है। यमुना और गंगा के दोआब की पुण्यभूमि में ही आर्यों की पुरातन संस्कृति का गौरवशाली रुप बन सका था। ब्रजमंडल की तो यमुना एक मात्र महत्वपूर्ण नदी है। यमुना को केवल नदी कहना ही पर्याप्त […] Read more » Featured ब्रज संस्कृति यमुना का स्थान
कला-संस्कृति विविधा लुप्त होती राष्ट्रीय पंचांग की पहचान April 9, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment संदर्भ-नवसंवत्सर 8 मार्च के अवसर पर प्रमोद भार्गव कालमान एवं तिथिगणना किसी भी देश की ऐतिहासिकता की आधारशिला होती है। किंतु जिस तरह से हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं को विदेशी भाषा अंग्रेजी का वर्चस्व धूमिल रहा है,कमोवेश यही हश्र हमारे राष्ट्रीय पंचांग,मसलन कैलेण्डर का है। किसी पंचांग की कालगण्ना का आधार […] Read more » Featured राष्ट्रीय पंचांग की पहचान लुप्त होती राष्ट्रीय पंचांग की पहचान
कला-संस्कृति विविधा हिंदू नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा और चैत्र माह का विशेष महत्व April 9, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment मृत्युंजय दीक्षित सम्पूर्ण विश्व आमतौर पर एक जनवरी को नववर्ष बड़ी धूमधाम से मनाता है लेकिन हिंदूधर्म का नववर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा के दिन प्रारम्भ होता है। हिंदी पंचांग में इस तिथि का बहुत अधिक महत्व है, यही नहीं ज्योतिष और धार्मिक एवं सामाजिक आधार पर भी चैत्र माह का विशेष महत्व है। यह दिन […] Read more » Featured चैत्र माह चैत्र शुक्ल प्रतिपदा हिंदू नववर्ष
कला-संस्कृति पर्व - त्यौहार विविधा नव सौम्या संवत्सर 2073 April 5, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा.राधेश्याम द्विवेदी भारत में चन्द्र कैलेण्डर के हिसाब से हिन्दू वर्ष तथा संवत्सर का आगमन होता है। उत्तर भारत के हिन्दी प्रमुख क्षेत्रों-विशेषकर उत्तर प्रदेश, हिमांचल प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखण्ड, विहार झारखण्ड, जम्बू काश्मीर, पंजाब, दिल्ली तथा छत्तीसगढ़ में चैत्र शुक्ल प्रतिपदा अर्थात इस बार 8 अप्रैल 2016 को यह मनाया जा रहा […] Read more » Featured नव सौम्या संवत्सर 2073
कला-संस्कृति समाज मंदिरों का शहर अयोध्या की रामनवमी April 4, 2016 by डा. राधेश्याम द्विवेदी | Leave a Comment डा. राधेश्याम द्विवेदी प्राचीन इतिहास के अनुसार अयोध्या पवित्रतम शहरों में एक शहर है,जहां हिंदू, बौद्ध, इस्लाम और जैन धर्म की धार्मिक आस्थाओं को एक साथ एकजुट भारी पवित्र महत्व की एक जगह के निर्माण के लिए की गई थी। अथर्ववेद में, इस जगह एक समृद्ध शहरथा जो देवताओं द्वारा स्वर्ग के रूप में ही […] Read more » Celebration of ram Navami in Ayodhya Featured अयोध्या की रामनवमी मंदिरों का शहर अयोध्या रामनवमी
कला-संस्कृति धर्म-अध्यात्म होली और उसके पूर्व महाभारतकालीन स्वरुप पर विचार March 24, 2016 by मनमोहन आर्य | Leave a Comment मनमोहन कुमार आर्य भारत और भारत से इतर देशों में जहां भारतीय मूल के लोग रहते हैं, प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन रंगों का पर्व होली हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जाता है। होली के अगले दिन लोग नाना रंगों को एक दूसरे के चेहरे पर लगाते हैं, मिठाई व पकवानों का वितरण आदि […] Read more » the mahabharatkalin swaroop of holi होली होली का महाभारतकालीन स्वरुप
कला-संस्कृति विविधा रंगों और मस्ती का महापर्व – होली March 20, 2016 by मृत्युंजय दीक्षित | Leave a Comment भारतीय संस्कृति में होली के पर्व का अद्वितीय स्थान है। यह पर्व उमंग, उल्लास, उत्साह और जोश तथा मस्ती का पर्व है। होली का पर्व देश व समाज में सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने वाला पर्व है। होली का पर्व जलवायु परिवर्तन का भी संकेत देता है । होली का पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार […] Read more » Featured festival of colours Holi रंगों और मस्ती का महापर्व होली
कला-संस्कृति पर्व - त्यौहार सामुदायिक बहुलता का पर्व है होली March 18, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव होली शायद दुनिया का एकमात्र ऐसा त्यौहार है,जो सामुदायिक बहुलता की समरसता से जुड़ा है। इस पर्व में मेल-मिलाप का जो आत्मीय भाव अंतर्मन से उमड़ता है,वह सांप्रदायिक अतिवाद और जातीय जड़ता को भी ध्वस्त करता है। फलस्वरूप किसी भी जाति का व्यक्ति उच्च जाति के व्यक्ति के चेहरे पर पर गुलाल मल […] Read more » Featured सामुदायिक बहुलता का पर्व होली
कला-संस्कृति पर्व - त्यौहार समाज होली: राक्षसी शक्तियों के दहन का पर्व March 15, 2016 by प्रमोद भार्गव | Leave a Comment प्रमोद भार्गव होली एक प्राचीन त्योहार है। पौराणिक कथाओं के अनुसार मुख्य रुप से यह बुराई पर अच्छाई की विजय का पर्व है। भारत और चीन में इसे, इसी परिप्रेक्ष में मनाने की परंपरा है। आज इस पर्व को मूल-अर्थों में मनाना ज्यादा प्रासंगिक है। क्यूंकी नैतिकता-अनैतिकता के सभी मानदण्ड खोटे होते जा रहे हैं। […] Read more » featival Holi राक्षसी शक्तियों के दहन का पर्व होली