कला-संस्कृति कला समीक्षा: और अब मोहतरमा January 7, 2010 / December 25, 2011 by निधि सक्सेना | 6 Comments on कला समीक्षा: और अब मोहतरमा स्त्री केंद्रित चित्र, पुरुष चित्रकार और स्त्री कलाकार की समीक्षा-दृष्टि कला किसके लिए! इसके हज़ारों जवाब हैं, लेकिन मुकम्मल कोई नहीं, शायद इसीलिए ये सवाल अब तक मौजूं है। क्या कला इंसान के लिए, उसकी तक़लीफ़ बयां करने के लिए है? या रसना-नयन तृप्ति के लिए है…विलास का साधन है…? कला को लेकर विमर्श की […] Read more » Kala Review अडिग कला समीक्षा
कला-संस्कृति रोमांच का स्थल सिनेमाघर January 1, 2010 / December 25, 2011 by ब्रजेश कुमार झा | 1 Comment on रोमांच का स्थल सिनेमाघर दिल्ली में कभी मोती सिनेमाघर का जलवा था। यह चांदनी चौक इलाके में स्थित है। पुराने लोग बताते हैं कि यह राजधानी के पुराने सिनेमाघरों में से एक है। शायद सबसे पुराना। सिनेमाघरों पर दृश्य-श्रव्य माध्यम से सराय/सीएसडीएस में शोध कर चुकीं नंदिता रमण ने कहा, “किरीट देशाई ने सन् 1938 में एक पुराने थिएटर […] Read more » Cinema house सिनेमाघर
कला-संस्कृति रीगल सिनेमाघर : ओपेरा हाउस से सिनेमाघर तक December 19, 2009 / December 25, 2011 by ब्रजेश कुमार झा | 2 Comments on रीगल सिनेमाघर : ओपेरा हाउस से सिनेमाघर तक फिजूल की बात लग सकती है ! पर ताज्जुब न हो, कई बार ऐसा होता है कि सिनेमाघर आपको उस शहर की ठीक-ठीक उम्र बतला दे। अब दिल्ली के कनॉट प्लेस में आबाद रीगल सिनेमाघर को ही लें। यह इमारत सन् 1920 में तैयार हुई थी। इसकी काया वास्तुकार वाल्टर जॉर्ज की दिमागी उपज है। […] Read more » Cinema hall सिनेमाघर
कला-संस्कृति क्या सोचती हैं औरतें! December 1, 2009 / December 25, 2011 by चंडीदत्त शुक्ल | 22 Comments on क्या सोचती हैं औरतें! कौन-सा पुरुष होगा, जो ना जानना चाहे—स्त्रियां उसके बारे में क्या सोचती हैं? ये पता करने का मौक़ा जयपुर में मिला, तो मैं भी छह घंटे सफ़र कर दिल्ली से वहां पहुंच ही गया। मौक़ा था—टूम-10 संस्था की ओर से सात महिला कलाकारों की संयुक्त प्रदर्शनी के आयोजन का. और विषय—द मेल! मर्द, मरदूद, साथी, […] Read more » Woman औरत
कला-संस्कृति गुरुपरब के लिए सैकड़ों श्रद्धालु पाकिस्तान रवाना November 1, 2009 / December 26, 2011 by प्रवक्ता.कॉम ब्यूरो | Leave a Comment नई दिल्ली, केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से हाल में जारी यात्रा निर्देश के बावजूद करीब 1,500 श्रद्धालुओं का एक जत्था गुरु नानक देव के जयंती उत्सव में भाग लेने पाकिस्तान के लिए रवाना हो गया है। यह जत्था शनिवार को रवाना हुआ है। जत्थे में सिख और हिंदू दोनों ही संप्रदाय के लोग हैं। […] Read more » Guruparv pakistan पाकिस्तान
आर्थिकी कला-संस्कृति अब आओ ऊपर वाले तुम, गायों को अगर बचाना है… September 17, 2009 / December 26, 2011 by गिरीश पंकज | 12 Comments on अब आओ ऊपर वाले तुम, गायों को अगर बचाना है… अब आओ ऊपर वाले तुम, गायों को अगर बचाना है, इंसान के बस की बात नहीं, वह स्वारथ में दीवाना है।। जिस माँ का दूध पिया सबने, उस माँ पर नित्य प्रहार किया। बदले में दूध-दही देकर, माता ने बस उपकार किया। जो है कपूत उन लोगो को, गायों का पाठ पढ़ना है।। ….. कहने […] Read more » Cow गाय
कला-संस्कृति कहां खो गए हमारे राष्ट्रीय स्मारक ? August 19, 2009 / December 27, 2011 by जयराम 'विप्लव' | Leave a Comment इस बात पर विश्वास करना मुश्किल है कि भारतीय पुरातत्व सर्वे (एएसआई) द्वारा संरक्षित देश के 35 राष्ट्रीय स्मारक, जिनमें गुंबद, मंदिर और समाधियां शामिल हैं, लापता हैं। हालांकि यह बात और किसी ने नहीं, स्वयं केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने स्वीकारी है। विडंबना यह है कि अधिकांश लापता स्मारक दिल्ली के हैं, जहां कि एएसआई का मुख्यालय स्थित है। Read more » National Monument राष्ट्रीय स्मारक
कला-संस्कृति पतंग और मन की डोर July 26, 2009 / December 27, 2011 by जयराम 'विप्लव' | Leave a Comment मानव मन की गहराइयों को थाह लेना सरल नहीं होता। नानाप्रकार की अभिलाषाओं से भरा मन जब अत्यन्त प्रफुल्लित होता है तब आदमी विविध कार्यकलापों से अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करता है, अपनी उत्कंठाओं की प्यास बुझाता है । ऐसा हीं एक उद्यम है -पतंगबाजी। भारतवर्ष में पतंगबाजी का शौक लोगों में किस कदर छाया […] Read more » kite पतंग
कला-संस्कृति लुप्त होता हुनर – ब्रजेश झा February 28, 2009 / December 24, 2011 by ब्रजेश कुमार झा | 1 Comment on लुप्त होता हुनर – ब्रजेश झा भागलपुर शहर का एक खास इलाका है। नाम है चंपानगर। यहां कभी 'चंपा' नदी हुआ करती थी। और इसके पास बसे लोग बुनकर थे। मालूम नहीं कब यह नदी नाले का रूप पा गई। Read more » dissapearing handart लुप्त होता हुनर
कला-संस्कृति राजगीर में मिला गुप्तकालीन स्तूप February 18, 2009 / December 24, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 2 Comments on राजगीर में मिला गुप्तकालीन स्तूप बिहार के नालंदा जिला में राजगीर की गिरीव्रज पहाड़ी पर पुरातत्ववेताओं ने एक विशाल स्तूप खोज निकाल है। इस खोज को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के इतिहास में.. Read more » stupa found in Rajgir राजगीर में मिला गुप्तकालीन स्तूप
कला-संस्कृति विविधा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद October 20, 2008 / December 22, 2011 by प्रवक्ता ब्यूरो | 1 Comment on सांस्कृतिक राष्ट्रवाद भारतीय संस्कृति विश्व की प्राचीनतम समुन्नत संस्कृतियों में से एक है। इसकी सुदीर्घ परंपरा में अनेक मनीषी विद्वानों, मंत्र द्रष्टा ऋषियों तथा तत्ववेत्ता मुनियों के.. Read more » Nationalism सांस्कृतिक राष्ट्रवाद
कला-संस्कृति चित्रकार हुसैन का सच October 16, 2008 / December 22, 2011 by अम्बा चरण वशिष्ठ | 8 Comments on चित्रकार हुसैन का सच लेखक- अम्बा चरण वशिष्ठ विश्वविख्यात चित्रकार मुहम्मद फिदा हुसैन के बारे में कई प्रकार की भ्रांतियां मीडिया में फैल रही है या फैलाई जा रही हैं। कुछ उन्हें अपने नंगे चित्रों के कारण भारतीयों की भावनाओं को ठेस पहुचाने का दोषी बता रहे हैं तो कुछ ऐसा माहौल प्रस्तुत करने का प्रयास कर रहे हैं […] Read more » painter M.F.Hussain कला